मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश में लगातार हो रही दुष्कर्म की घटनाओं और बढ़ते महिला अपराधों को लेकर आज सदन में शून्यकाल के दौरान कांग्रेसी विधायक रामनिवास रावत ने स्थगन प्रस्ताव लाते हुए इस पर चर्चा कराने की मांग की। उन्होंने 31 अक्टूबर को राजधानी भोपाल में हुए गैंगरेप की घटना का जिक्र करते हुए इस पर चर्चा कराने की मांग की। अध्यक्ष सीताशरण शर्मा इस पर चर्चा कराने से बचते रहे और उन्होंने चर्चा के बाद इस पर बात करने की बात कही।
अध्यक्ष के मना करने पर विपक्ष ने नाराजगी जताई। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि इतने गंभीर मुद्दे पर जब आप चर्चा नहीं कराएंगे तो सदन कैसे चलेगा? उन्होंने कहा कि आप अभी नहीं सिर्फ इस प्रस्ताव को ग्राह्य कर लीजिए और 1 बजे के बाद चर्चा करा लीजिए। अध्यक्ष सीताशरण शर्मा फिर भी नहीं माने और नियमों का हवाला देते हुए इस पर तत्काल चर्चा कराने से मना कर दिया।
विधायक रामनिवास रावत ने कहा कि 8 दिन पूर्व से ही यह स्थगन प्रस्ताव दिया गया है और आज जब सदन में उठाया तो चर्चा की बात करने लगे। मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने अध्यक्ष का बचाव करते हुए कहा कि आसंदी नियम से चलेगी और जैसा नियम है अध्यक्ष उसी के अनुसार इस मामले पर चर्चा कराएंगे।
जब उन्होंने इसे बाद के लिए कहा तो विपक्ष को धीरज रखना चाहिए। इस पर सदन में हंगामा होने लगा और कांग्रेस ने सरकार पर महिला अपराध पर कानून बनाने के बावजूद सदन में चर्चा कराने से बचने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया।
इसके पूर्व प्रश्नकाल के दौरान आज कुपोषण के मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने एक बार फिर अपनी ही सरकार को घेरा है और आंकड़ों के साथ सरकार पर हमला बोल दिया। प्रश्नकाल में बाबूलाल गौर ने कुपोषण का मुद्दा उठाया। गौर को विपक्ष का भी साथ मिला और सरकार पर कुपोषण को लेकर सवाल किये गए।
पूर्व मंत्री बाबूलाल गौर ने अपनी ही सरकार को घेरते हुए पूछा आखिर कुपोषण क्यो बढ़ रहा है। इस पर मंत्री अर्चना चिटनीस ने जवाब देते हुए कहा गौर साहब के मुख्यमंत्री शासन काल से कम है अभी कुपोषण के मामले कम है। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने भी कुपोषण पर सरकार को घेरा इसके लगातार बढऩे पर चिंता जाहिर की।
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने मीडिया से कहा कि हर बार की तरह इस बार भी विधानसभा सत्र के दौरान कुपोषण का मुद्दा उठाया है। महिला बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनीस ने 5 जिलों के आंकड़े दिए हैं। गौर ने कहा प्रदेश में सबसे ज्यादा मौतें कुपोषण से होती हैं। अभी तक सरकार कुपोषण के मामले में कोई कदम नहीं उठा पाई है।
श्री गौर ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि कुपोषण के मुद्दे पर सरकार गंभीर नहीं है। 6 महीने में कुपोषण के आंकड़े बढ़े हैं, अकेले ग्वालियर में 27868 मामले सामने आये हैं। प्रदेश की महिलाएं और बच्चे हैं। कुपोषण का शिकार बन रहे हैं, लेकिन सरकार ध्यान नहीं दे रही है।
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