मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्य प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने आज आईएएस आफिसर्स समिट के शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा भ्रष्ट अफसरों को ‘‘उल्टा लटकाये जाने’’ के विवादास्पद बयान के बाद आज यह कहे जाने पर तंज कसा है कि ‘‘मप्र के आईएएस देश में सबसे अच्छे-काबिल हैं!’
उन्होंने मुख्यमंत्री जी से प्रतिप्रश्न करते हुए कहा कि यदि उनका कथन सही है, तो उन्हें अब यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि अधिकारियों को उल्टा लटकाये जाने को लेकर उनका इशारा किसकी ओर था, यही नहीं यदि अधिकारी अच्छे और काबिल हैं, तो लोकायुक्त की जांच की परिधि में 24 आईएएस सहित 2696 अफसर भ्रष्टाचार की जांच के जद में क्यों हैं, भाजपा सरकार के ही संरक्षण में पूरे देश में मप्र के नाम को कलंकित करने वाले आईएएस अरविंद-टीनू जोशी दंपत्ति किस वर्ग के रोल-मॉडल हैं?
श्री मिश्रा ने यह भी कहा कि प्रदेश में कई आईएएस अधिकारी सख्त, कानून के अनुसार काम करने वाले और बेहद ईमानदार हैं, जिन पर हम सभी को गर्व होना चाहिए, किन्तु उन कतिपय अधिकारियों के चेहरे भी बेनकाव होना चाहिए, जिन्होंने प्रदेश में एक निर्वाचित सरकार को हाईजेक कर अपनी आर्थिक समृद्धि में राजनेताओं के परिवारों को भी अपरोक्ष व्यवसायी भागीदार बना रखा है।
यह महत्वपूर्ण तथ्य भी सार्वजनिक होना चाहिए कि लगातार तीसरी बार निर्वाचित एक राज्य सरकार अपने पार्टी संगठन के नेताओं को उपकृत करने के बजाय अफसरशाही को सेवानिवृत्ति के उपरांत विभिन्न शासकीय पदों पर और संविदा नियुक्ति हेतु नियम-विरूद्व तोड़फोड़ कर उपकृत क्यों कर रही है, इसके पीछे कोई साजिश है या कोई राजनैतिक/आर्थिक चतुराई?
श्री मिश्रा ने कहा कि उक्त समारोह में ऐसे उवाच करने के पूर्व मुख्यमंत्री यह भी भूल बैठे कि उनके संबोधन के तीन-चार घंटे पहले ही प्रदेश की जनता ने सुर्खियों में प्रकाशित इस महत्वपूर्ण समाचार को भी धैर्यपूर्वक पढ़ा है कि ‘प्रदेश के ही तीन वरिष्ठ और मुख्यमंत्री के परम चहेते आईएएस अधिकारियों द्वारा अपनी काली-कमाई को प्रायवेट फर्मो में लगाने के आरोप की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय और सीबीआई ने लोकायुक्त संगठन में भेज दी है, जिसकी जांच और परिक्षण भी प्रारंभ हो चुका है, अब मुख्यमंत्री बतायें इसे क्या माना जाये?
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