मल्हार मीडिया भोपाल।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी एसटी में किए गए बदलाव को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इसका असर मध्यप्रदेश में भी देखने को मिल रहा है। प्रदेश के कई जिलों रतलाम, भिंड, मुरैना समेत कई इलाकों में उग्र प्रदर्शन देखने को मिला। कई जगहों पर तोड़फोड़, आगजनी और पथराव की घटनाएं सामने आई हैं।
वहीं भिंड जिले में एक की मौत की भी खबर सामने आई है। बढ़ती हिंसा को देखते हुए कई जिलों में धारा 144 लगाई गई है। वहीं सीएम शिवराज ने लोगों से शांति की अपील की है।
इसी कड़ी में प्रदेश की राजधानी में भी दलित संगठनों द्वारा जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया। यहां सबसे पॉश इलाके कहे जाने वाले एमपी नगर और बोर्ड आफिस चौराहे पर विरोध प्रदर्शन किया गया।
प्रदर्शन और भीड़ के चलते आवागमन में अवरोध उत्पन्न हो गया, जिसके चलते गाड़ियों की लाइन लग गई, रास्ता जाम हो गया। वहीं बोर्ड ऑफिस चौराहे पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हलकी झड़प भी हो गई। चौराहे पर पुलिस बल तैनात किया गया।
फिर से कोई हंगामा ना हो इसलिए पुलिस बल बढ़ा दिया गया है, और चप्पे चप्पे पर नजर रखी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने बुलाई आपात बैठक, 550 एसआई को ग्वालियर भेजा
प्रदेश के चंबल इलाके में प्रदर्शन के चलते बिगड़ते हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज ने मंत्रालय में आपात बेठक बुलाई। बैठक में पुलिस के आला अधिकारियों से चर्चा की है| बैठक में मुख्य सचिव, डीजीपी सहित कई अधिकारी भी शामिल रहे। सीएम ने तत्काल स्तिथि को नियंत्रण करने के निर्देश दिए हैं| वहीं भोपाल में आयोजित पुलिस दीक्षांत समारोह में शामिल होने आये पुलिसकर्मियों को ग्वालियर भेजा गया है| भोपाल से 550 एस आई औऱ डीएसपी को ग्वालियर भेजा गया है|
मुख्यमंत्री ने की शांति की अपील
प्रदेश में भड़की इस हिंसा और उपद्रव को देखते हुए मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर सभी से शांति की अपील की है। उन्होंने ट्वीटर के माध्यम से कहा है कि भारत सरकार द्वारा आज सप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन फ़ाइल कर दी गयी है। जनता से अनुरोध है कि वो कृपया शान्ति बनाए रखें। हमारी सरकार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
सुप्रीम कोर्ट पहुंची केंद्र सरकार
एससी एसटी एक्ट में हुए बदलाव को लेकर देश भर में बवाल हो रहा है। इस बीच केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और विपक्ष के बढ़ते दबाव के बीच सोमवार को केंद्रीय कानून मंत्रालय की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दायर की गई है।
पुनर्विचार याचिका में केंद्र ने कहा है कि तत्काल गिरफ्तारी न होने से कानून कमजोर होगा और अत्याचारी को बल मिलेगा। इस मामले में केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, हमने एक व्यापक समीक्षा याचिका दायर की है जो सरकार के वरिष्ठ वकीलों द्वारा अदालत में पेश की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या फैसला दिया था
एससी-एसटी एक्ट में बदलाव पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया था। फैसले में कहा गया था कि आरोपों पर तुरंत गिरफ्तारी नहीं की जाए। पहले आरोपों की जांच जरूरी है। जांच करने के बाद ही केस दर्ज। डीएसपी स्तर का अधिकारी करेंगे आरोपों की जांच। गिरफ्तारी से पहले जमानत संभव। अग्रिम जमानत भी मिल सकेगी। सीनियर अफसर की इजाज़त के बाद ही सरकारी अधिकारियों की गिरफ्तारी होगी।
मध्यप्रदेश में चार की मौत
अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम (एसएसी/एसटी एक्ट) को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के विरोध में दलित और आदिवासी संगठनों ने देशभर में विरोध- प्रदर्शन कर रहे हैं। देश के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन हुअा।
कई जगह तोड़फोड़ व अगजनी की घटनाएं सामने अाई है। वहीं मध्यप्रदेश के ग्वालियर और मुरैना में विरोध प्रदर्शन के दौरान 4 लोगों की मौत हो गई है।
कई जगह ट्रेनें रोकी गई हैं। इसके अलावा कुछ शहरों में झड़प की घटनाएं भी सामने आई हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एससी/एसटी एक्ट में कई बदलाव हुए थे। हालांकि, सरकार ने अब इस मामले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी है।
मध्य प्रदेश में लगातार हिंसक झड़पों के बीच हालात बिगड़ते देख केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात से की. उन्होंने मध्य प्रदेश में हालात को काबू में करने के लिए केंद्र से मदद मांगी।
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