मल्हार मीडिया ब्यूरो।
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की नर्मदा परिक्रमा 1000 किलोमीटर का सफर तय कर चुकी है। इस परिक्रमा के दौरान उनके साथ पत्नी अमृता राय सिंह और कुछ लोग पैदल ही रास्ता तय कर रहे हैं। यह परिक्रमा बगैर किसी शोर शराबे के अपना रास्ता तय कर रही है।
राजनीति के दिग्गज दिग्विजय सिंह के हर एक कदम के राजनीतिक मायने होते हैं। वे इस यात्रा को धार्मिक और आध्यात्मिक यात्रा बता रहे हैं।
सत्तर वर्षीय दिग्विजय सिंह के हाथ में लाठी, सिर पर बंधा पट्टा, गले में पड़ा एक बैग, साथ में चलती उनकी धर्म पत्नी अमृता पूरी तरह हिंदुस्तानी गृहिणी के अंदाज में हैं। दिग्विजय इस यात्रा के दौरान उन सभी स्थानों पर पहुंच रहे हैं, जो ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल हैं। दशहरे के दिन 30 सितंबर को बरमान घाट से शुरू हुई नर्मदा परिक्रमा सोमवार को 1000 किलोमीटर पूरा कर चुकी है।
पूर्व मंत्री सुभाष सोजतिया ने बताया कि दिग्विजय ने आज गुजरात के नर्मदा जिले के सिसोदरा मे निश्लानंद महाराज से आशीर्वाद लिया, गौशाला एवं गौमूत्र द्वारा औषधि निर्माण प्लांट का अवलोकन करने के बाद कोंद्रेज के लिए प्रस्थान किया।
पूर्व मुख्यमंत्री सिंह की इस नर्मदा परिक्रमा में लगभग 150 लोग लगातार उनके साथ पहले दिन से चल रहे हैं। सभी के लिए जगह-जगह भंडारे का आयोजन किया जाता है। परिक्रमा करने वालों के साथ उस गांव व क्षेत्र के लोग भी इस भंडारे में शामिल होते हैं।
नर्मदा परिक्रमा कुल 3,300 किलोमीटर की है। इसमें लगभग छह माह का समय लगेगा है, अभी तक इस यात्रा को 59 दिन हो चुके हैं। इस अवधि में उन्होंने 1000 किलोमीटर का रास्ता तय किया है। सिंह और उनकी पत्नी जहां भी पहुंचते है, गांव के लोग उन्हें घेर लेते हैं। सभी अपने तरह से उनका स्वागत करने के साथ अपनी समस्याएं भी बताने में लग जाते हैं।
Comments