मल्हार मीडिया ब्यूरो भोपाल।
भारतीय जनता पार्टी की सरकार 1 पैसे वाली सरकार है। यह कहना है कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का। आज मध्यप्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पत्रकार वार्ता में सिंधिया ने कहा कि केंद्र में यूपीए सरकार का कार्यकाल समाप्त होते समय मई 2014 में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत 107 डॉलर थी और मध्यप्रदेश में पेट्रोल 74 रूपये प्रतिलीटर और डीजल का भाव 58 रू. प्रति लीटर था।
आज अंतर्राष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतें 77 डॉलर होने के बावजूद पेट्रोल का भाव 83.75 रू. प्रति लीटर और डीजल का भाव 70 रू. प्रति लीटर है। सरकार पेट्रोल डीजल पर 1 पैसा कम करती है।
पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर कांग्रेस ने आज बैलगाड़ी यात्रा निकालकर सीएम हाउस का घेराव करने की कोशिश की। लेकिन रैली को बीच में ही रोक दिया गया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि फर्जी इंदौर में हर वार्ड में फर्जी वोटर हैं। एक वार्ड में 700 तो पूरे इंदौर में 65 हजार फर्जी मतदाता हो सकते है, बीजेपी चुनाव जीतने के लिए सभी हथकंडे अपना रही है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने प्रदेश की जनता को ठगा है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो को लेकर कमलनाथ ने कहा बीजेपी के वायरल वीडियो मेरे लिए मनोरंजन है| उन्होंने कहा बीजेपी का लक्ष्य जनता को ठगना है। कांग्रेस की गुटबाजी पर कमलनाथ ने कहा - हम एक है पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं।
सिंधिया ने आरोप लगाया कि मंदसौर में होने वाली रैली को रोकने के लिय सरकार हर हथकंडा अपना रही है। उन्होंने कहा कि किसानों से बॉन्ड भरवाए जा रहे हैं, पहले शिवराज प्रदेश की सात करोड जनता को बांड भरकर दें, क्योंकि जनता को सरकार ने धोखा दिया है।
उन्होंने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि ये सरकार सूटबूट की सरकार हमारी मेहनत की कमाई का पैसा अपनी भाजपाई अपनी जेब में भर रहे है, ये 1 पैसे वाली सरकार है।
कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश के किसानों की दुर्दशा आपसे छिपी नहीं है। प्रदेश के अधिकतर किसान मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार की निष्प्रभावी योजनाओं के बहुप्रचार के बाद भी हताश हैं और आत्महत्या जैसे कदम रूक नहीं पा रहे हैं।
भावांतर योजना का बड़ा प्रचार किया गया है। बताया गया है कि किसानों का पंजीकरण कर इस योजना का ऑन-लाईन लाभ दिया जा रहा है। किंतु इससे बड़ा सच यह है कि व्यापारी, बिचौलियों और प्रशासनिक मशीनरी का गठजोड़ किसानों को गन्ने की तरह निचोड़ रहा है।
पत्रकार वार्ता के माध्यम से मैं यह तथ्य प्रकाश में ला रहा हूं कि लगभग एक लाख से अधिक किसान आज भी अपना पंजीकरण कराने के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं, जबकि समर्थन मूल्य पर खरीदी नौ जून को समाप्त होना है।
उदाहरण के लिये सागर जिले के 142 पंजीयन केंद्रों में 84 हजार 139 किसानों के ऑन-लाईन पंजीयन किये गये हैं। किंतु अप्रैल माह में पंजीकरण के लिए 7 हजार 548 किसानों को यह कहकर लौटा दिया गया कि सर्वर डाउन है। जबकि उनके आवेदन अप्रैल मंे ही जमा हो गये थे।
इन किसानों का पंजीकरण करने के लिए सागर कलेक्टर ने बार-बार 21 अप्रैल और 8 मई को कृषि विभाग के प्रमुख सचिव को स्मरण पत्र भेजे थे। जिला आपूर्ति नियंत्रक ने भी बार-बार इन किसानों के पंजीयन के लिए आग्रह किया था। किंतु किसानों के हितों के प्रति उदासीन सरकार ने 40 दिन बीत जाने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की।
इस संबंध में प्रदेश कांग्रेस की रिसर्च विंग ने सूचना के अधिकार के माध्यम से जो दस्तावेज प्राप्त किये थे, वे भी संलग्न हैं। ये दस्तावेज केवल एक जिले सागर से संबंधित हैं। लेकिन पूरे 51 जिलों में सर्वर डाउन के नाम पर लाखों किसानों को पंजीयन से वंचित कर दिया गया है। यह किसानों को समर्थन मूल्य पर अपनी फसल बेचने के अधिकार से वंचित करने की कुटिलतापूर्ण चेष्टा है।
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी, सरकार की उदासीनता और प्रशासन की बदनियति की निंदा करती है। कांग्रेस कमेटी अपेक्षा करती है कि तत्काल उन लाखों किसानों को नौ जून के पूर्व पंजीकरण कर उनकी फसल को समर्थन मूल्य पर खरीदें।
किसान मध्यप्रदेश की आर्थिक गतिविधियों और अर्थव्यवस्था की रीड की हड्डी हैं। जब एक ही जिले में हजारों किसानों को उनके वैधानिक अधिकारों से वंचित किया जाता है तो व्यापक समाज अवसाद में चला जाता है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी सरकार को आगाह करती है कि किसानों को इस व्यवस्थागत तनाव से और परेशान न करें और उन अधिकारियों पर तत्काल कार्यवाही करें जो तकनीकी कारणों की आड़ में व्यवस्था को नष्ट करने में लगे हैं।
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