मल्हार मीडिया ब्यूरो।
अनाज खरीदी पर किसानों को उपज के बदले व्यापारी दो लाख रुपये तक का नगद भुगतान कर सकते हैं और इसमें आयकर नियम बाधक नहीं होंगे। यह बात भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अधीन केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कही है। राज्य में किसानों से भावांतर भुगतान योजना के तहत मंडियों में हो रही उपज खरीदी में किसानों द्वारा राज्य सरकार के निर्देशों के बाद भी 50 हजार रुपये नगद भुगतान के तौर पर न दिए जाने के मामले सामने आ रहे हैं। इससे किसानों में सरकार के खिलाफ नाराजगी बढ़ रही है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली से प्रदेश में लागू की गई भावांतर भुगतान योजना के तहत अनाज व्यापारियों से किसानों की उपज की खरीदी पर नगद भुगतान करने के बारे में व्याप्त शंकाओं के समाधान का आग्रह किया था। इसके बाद वित्त मंत्रालय की ओर से तीन नवंबर, 2017 को परिपत्र जारी किया गया। परिपत्र के अनुसार अनाज व्यापारी किसान की उपज के बदले दो लाख रुपये की सीमा तक नगद भुगतान कर सकता है।
आधिकारिक तौर पर रविवार को जारी बयान के मुताबिक, आयकर अधिनियम-1961 के प्रावधान 40-ए (3) के तहत 10 हजार रुपये से अधिक की नगद खरीदी प्रतिबंधित है, लेकिन कृषि उत्पादों की खरीदी के संबंध में आयकर अधिनियम-1962 के नियम 6-डीडी के तहत इस प्रतिबंध की सीमा समाप्त की जाती है। आयकर अधिनियम 269 एसटी के अधीन दो लाख रुपये से ऊपर की नगद बिक्री किसान द्वारा नहीं की जा सकेगी।
परिपत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि दो लाख या इससे कम की बिक्री लेन-देन के लिए पैन नंबर की जानकारी देना एवं फार्म नम्बर-60 प्रस्तुत करना आवश्यक नहीं होगा।
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