मल्हार मीडिया ब्यूरो।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार एवं न्यायमूर्ति श्री हेमंत गुप्ता मुख्य न्यायाधिपति मध्यप्रदेश उच्च न्यायलय एवं मुख्य संरक्षक मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर और न्यायमूर्ति श्री एस.के.सेठ, प्रशासनिक न्यायधिपति, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष मध्यप्रदेश, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के कुशल मार्गदर्शन में 10 फरवरी 2018 शनिवार को प्रदेश में उच्च न्यायालय स्तर से लेकर जिला न्यायालयों/ तालुका न्यायालयों, श्रम न्यायालय, कुटुम्ब न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत आयोजित की रही है।
उक्त नेशनल लोक अदालत के अन्तर्गत विभिन्न न्यायालयों में रखे जाने वाले लम्बित प्रकरणों की जैसे अपराधिक शमनीय प्रकरण, पराक्रम्य अधिनियम की धारा-138 के अन्तर्गत प्रकरण, बैंक रिकवरी संबंधित मामले, एम.ए.सी.टी. प्रकरण (मोटर दुर्घटना, क्षतिपूर्ति, दावा प्रकरण), वैवाहिक प्रकरण, भूमि अधिग्रहण के प्रकरण, सेवा मामले जो सेवानिवृत्त संबंधी लाभों से संबंधित है।
राजस्व प्रकरण सिर्फ जिला उच्च न्यायालयों में लम्बित दीवानी इत्यादि मामले महत्वपूर्ण है। इसके अलावा प्रीलिटिगेशन (मुकदमा पूर्व) के अन्तर्गत पराक्राम्य अधिनियम की धारा-138 के अन्तर्गत प्रकरण, बैंक रिकवरी संबंधित मामलें, श्रम विवाद संबंधी मामलें, विद्युत एवं जलकर/बिल संबंधी (सिर्फ शमनीय प्रकरण),आपराधिक शमनीय प्रकरण, वैवाहिक प्रकरण, दीवानी इत्यादि मामले महत्वपूर्ण है। नेशनल लोक अदालत में दीवानी एवं आपराधिक शमनीय मामलों सहित सभी प्रकार के मामले रखे जाएंगे। जिनमें पक्षकार सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में प्रकरणों का निराकरण कराने का प्रयास करेंगे। वे पक्षकार जिनका प्रकरण किसी भी न्यायालय में लम्बित है वे दिनांक 10 फरवरी 2018 को लोक अदालत के माध्यम से निराकरण करना चाहते हैं तो वह संबंधित न्यायालय की खंडपीठ के समक्ष प्ररकण के आपसी समझौते से निराकरण के लिये अपनी सहमति प्रदान करे।
ऐसे इच्छुक पक्षकारगण जो न्यायालय में लम्बित एवं मुकदमेंबाजी के पूर्व (प्रीलिटिगेशन प्रकरण) उपरोक्त प्रकार के राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकरण द्वारा चिन्हित किये गये प्रकरणों/विवादों का उचित समाधान कर आपसी सहमति से लोक अदालत में निराकरण कराना चाहते हैं वे संबंधित न्यायालय अथवा उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति/ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से सम्पर्क कर अपना मामला लोक अदालत में रखे जाने के लिये अपनी सहमति व आवश्यक कार्यवाही यथाशीघ्र पूर्ण करायें ताकि सुविधानुसार मामला नेशनल लोक अदालत, 10 फरवरी 2018 को विचार में लेकर निराकृत किया जा सके।
उल्लेखनीय है कि विद्युत विभाग, नगर निगम, बैंक आदि विभागों द्वारा लोक अदालत के लिये जो छूट प्रस्तावित की गई है वह 10 फरवरी 2018 के पश्चात समाप्त हो जावेगी। अभी तक 10 फरवरी 2018 नेशनल लोक अदालत के लिये विभिन्न प्रकार के प्रीलिटिगेशन स्तर पर 1 लाख 25 हजार 291 प्रकरण एवं न्यायालयों में लम्बित 1 लाख 61 हजार 141 प्रकरण (न्यायालय द्वारा रेफर किये गये) इस प्रकार लगभग 2 लाख 86 हजार 432 राजीनामा योग्य प्रकरण को निराकरण के लिये प्रस्तुत किया जा चुका है।
आम जनता/ पक्षकारगण को सूचित किया जाता है कि वे नेशनल लोक अदालत में अधिक से अधिक संख्या में भाग ले। लोक अदालत में आपके मामले का आपसी समझौते से निराकरण हो जाता है और जमा की गई कोर्ट फीस भी वापस हो जाती है। अत: आप अपना अमूल्य समय धन और श्रम की बचत करने के लिये अपना मामला लोक अदालत में निपटाये।
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