मल्हार मीडिया।
मध्यप्रदेश के वित्त मंत्री जयंत मलैया ने बुधवार को आर्थिक बजट पेश किया। मंत्रियों ने जहां बजट को विकास का पर्याय कहा, वहीं कांग्रेस और आप ने इसे निराशाजनक बताया है। गृह एवं परिवहन मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि राज्य की कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न मद में लगभग 6000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। यह निश्चित ही उत्साहवर्धक है। किसानों की खुशहाली के लिए साढ़े 33 हजार करोड़ रुपए से अधिक राशि का प्रावधान किया गया है। ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र के समुचित विकास पर जोर देकर आम जीवन को बेहतर और सुव्यवस्थित बनाने ठोस पहल की गई है। शिक्षा के क्षेत्र में 36 हजार पदों पर भर्ती का प्रावधान युवाओं के लिए स्वर्णिम अवसर है।
ऊर्जा मंत्री पारस जैन ने कहा कि बजट में प्रदेशवासियों की मूलभूत आवश्यकताओं की ओर पर्याप्त ध्यान दिया गया है। नर्मदा-संरक्षण, खेती-किसानी, महिलाओं और बच्चों के कल्याण तथा अधोसरंचना विकास के लिए पर्याप्त राशि रखी गई है। बिजली सुविधाओं के विस्तार को भी प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा कि बजट में सभी वर्ग के कल्याण को ध्यान में रखा गया है।
पीएचई एंव जेल मंत्री सुश्री कुसुम महदेले ने बजट को लोक कल्याणकारी और जनहितैषी बताया है। कुसुम महदेले ने कहा कि राज्य सरकार ने बजट में गरीब, कमजोर और सर्वहारा वर्ग के हित में अनेक कदम उठाए हैं, जो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की इन वर्गों के प्रति सोच और चिंतन को दिखाता है। राज्य सरकार ने किसानों के हितों को ध्यान में रखकर सिंचाई सुविधाओं के विस्तार को उच्च प्राथमिकता दी है। बजट में ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए हैंडपम्पों के लिए 900 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
महदेले ने कहा कि बजट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप शौचालयों के निर्माण और स्वच्छता कार्यक्रम को प्राथमिकता देकर पर्याप्त राशि रखी गई है। राज्य सरकार ने बजट में सड़क निर्माण, उद्योग, बिजली, पानी, शिक्षा में गुणवत्ता सुधार, स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार, महिला सशक्तीकरण और और नगरीय अधोसंरचना के विकास पर विशेष ध्यान दिया है। शासकीय कर्मियों के लिए सातवां वेतनमान की घोषणा स्वागत योग्य है। उन्होंने बजट को संतुलित और बेहतर परिणाम लाने वाला बताया है।
केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बजट को प्रदेश को विकास की राह पर ले जाने वाला बताया। तोमर ने कहा कि मप्र सरकार ने बजट में प्रदेश के सभी वर्गों के विकास का खासा ध्यान रखा है। मप्र सरकान ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति के विकास की अवधारणा के अनुरूप बजट पेश किया है। इसमें हर वर्ग गांव, गरीब, मजदूर, किसान, व्यापारी, कर्मचारी का खासा ध्यान रखा गया है।
किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार का बजट खेती के साथ-साथ विकास को गति देने वाला बजट है। बजट में कृषि क्षेत्र में अलग-अलग योजनाओं में पर्याप्त प्रावधान होने से किसानों को खेती करना आसान होगा।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री माया सिंह ने बजट को सबको सुख देने और सबके दु:ख हर लेने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि बजट में सबके साथ सबका विकास का संकल्प है। मध्यप्रदेश की विकास दर राष्ट्रीय औसत से अधिक होना एक बड़ी उपलब्धि है। श्रीमती सिंह ने सेवारत विधवाओं को छोड़ कर सभी विधवाओं को पेंशन देने के निर्णय और दीनदयाल रसोई के माध्यम से गरीब को 5 रूपये में भोजन उपलब्ध कराने के प्रावधान को ऐतिहासिक बताया है।
प्रदेश के टैलेन्ट को उभारने के लिए और उसे राष्ट्रीय क्षितिज पर रेखांकित करने के लिये मुख्यमंत्री मेधावी छात्र सहायता योजना निश्चित ही प्रदेश की तस्वीर और तकदीर को बदलेगी। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को सातवां वेतनमान देने की घोषणा से कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश को पर्यटन क्षेत्र में देश में अग्रणी बनाने के जो प्रयास किये गये हैं, उनके लिये बजट में पर्याप्त प्रावधान होने से निश्चित ही प्रदेश पर्यटकों की प्रथम पसंद बनेगा।
सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विश्वास सारंग ने कहा कि बजट में जहां पिछले दस वर्ष की सरकार की जन-कल्याणकारी योजनाओं का परिणाम दिखलाई देता है वहीं भविष्य के मध्यप्रदेश को देश में अग्रणी बनाने की दृढ़इच्छा दिखती है। सारंग ने कहा कि दीनदयाल रसोई योजना से अब प्रदेश में कोई भी गरीब भूखा नहीं सोएगा।
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