Breaking News
Mon, 19 May 2025

नोटबंदी की मार झेल रहे रियल स्टेट सेक्टर को बजट में मिल सकती है राहत

राज्य            Feb 28, 2017


मल्हार मीडिया।
मध्यप्रदेश सरकार ने वर्ष 2017-18 के बजट में नोटबंदी की मार झेल रहे रियल एस्टेट सेक्टर को कुछ राहत देने की तैयारी की है। ज्वाइंट वेंचर के प्रोजेक्ट में स्टाम्प ड्यूटी 6 से घटाकर 2 या 3 प्रतिशत करने की घोषणा हो सकती है। महिलाओं के लिए कौशल्या योजना शुरू करने और मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना की घोषणा भी इस बजट में होने की संभावना है। इन दोनों योजनाओं के पर लगभग 600 करोड़ खर्च होंगे।

मंत्रालय सूत्रों के अनुसार हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में आ रहीं दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए ज्वाइंट वेंचर वाली स्कीम में स्टांप ड्यूटी कम कर करने का निर्णय लिया जा सकता है। इसके अलावा डेवलपर और क्रेता के बीच होने वाले सेल एग्रीमेंट (विक्रय समझौता) पर लगने वाली ड्यूटी में भी कुछ कमी किए जाने के संकेत हैं।

इसकी घोषणा वित्त मंत्री जयंत मलैया अपने बजट भाषण में कर सकते हैं। सरकार का मानना है कि इससे रियल एस्टेट सेक्टर की मंदी कुछ हद तक दूर होगी और प्रॉपर्टी के दाम भी कम होंगे।
अभी क्रेता-विक्रेता पर 2.5-2.5 प्रतिशत ड्यूटी:

वर्तमान में ज्वाइंट वेंचर पर क्रेता और विक्रेता, दोनों को 2.5-2.5 प्रतिशत ड्यूटी देनी होती है। इसके अलावा उन्हें एक प्रतिशत फीस भी वहन करनी पड़ती है। इसमें एक अड़चन स्टाम्प ड्यूटी के कुछ उपबंध भी हैं, जिनके तहत पहले 10 हजार वर्ग फीट पर बिल्डर या क्रेता को डेवलप प्लाॅट के हिसाब से ड्यूटी लगती है। क्रेडाई ने इस मुद्दे को सरकार के सामने भी उठाया था। जिसके बाद अधिकारियों की एक टीम ने कुछ राज्यों का दौरा कर अपनी रिपोर्ट शासन को दी थी।

कौशल्या योजना के तहत एक वर्ष में दो लाख महिलाओं को ट्रेंड करने का लक्ष्य है। जबकि मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के अन्तर्गत इंडस्ट्री की मांग के अनुसार युवाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए वर्तमान में आईटीआई में चल रहे कोर्सोँ में नए कोर्स भी शामिल किए जाएंगे।

इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए नल-जल योजना राज्य सरकार अपने बूते पर लागू करेगी। अभी तक केंद्र के सहयोग से यह योजना संचालित हो रही है ।
इंफ्रास्ट्रक्चर पर रहेगा जोर

बजट में बुनियादी ढांचे के विकास की रफ्तार को गति देने के लिए आवश्यक संसाधनों का इंतजाम भी होगा। इस बार भी शिवराज सरकार बुनियादी ढांचे के विकास पर फोकस जारी रखेगी।
सड़क-पुलों के निर्माण व रखरखाव के लिए बजट में अधिक राशि का प्रावधान हो सकता है। सिंचाई की नई परियोजनाओं का ऐलान हो सकता है। इस बार बजट का स्वरूप भी काफी बदला बदला रहेगा। ना ही लंबा बजट भाषण होगा और ना ही टैक्स प्रपोजल की अंतहीन सूची।

इस बार प्लान और नाॅन प्लान के बीच किसी तरह का बंटवारा नहीं होगा और सभी विभागों के बजट में भी योजना और गैर-योजना आकार की बाध्यता नहीं रहेगी। चूंकि जुलाई में जीएसटी आने की संभावना है, इसलिए अपना चौथा बजट पेश करने वाले वित्त मंत्री मलैया का भाषण ना लंबा होगा और ना ही प्रस्तावित टैक्स की लंबी फेहरिस्त होगी। वर्ष 2016-17 के दौरान प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय 62334 से बढ़कर 72599 रुपए हो गई है । प्रचलित भावों के आधार पर यह वृद्धि 10265 रुपए की है। यानी पिछले वर्ष की तुलना में प्रति व्यक्ति आय में 16.47 प्रतिशत वृद्धि हुई है।



इस खबर को शेयर करें


Comments