मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश विधानसभा में मानसून सत्र के तीसरे दिन प्रश्नकाल के बाद मंदसौर गोलीकांड पर स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के विधायकों के सवालों के तीखे जवाब सत्तापक्ष के मंत्रियों की तरफ से आये।
ज्ञातव्य है कि नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीतासरन शर्मा से अनुरोध किया था कि मंगलवार को इस मुद्दे पर सिर्फ नौ सदस्य अपनी बात रख पाए थे, इसलिए बुधवार को एक बार फिर अन्य सदस्यों को इस पर चर्चा के लिए समय दिया जाए। इस पर अध्यक्ष डॉ शर्मा द्वारा अन्य इच्छुक सदस्यों को संक्षिप्त में अपनी बात रखने की अनुमति दिए जाने पर कांग्रेस विधायक उमंग सिंघार ने चर्चा की शुरुआत की।
सिंघार ने गृह मंत्री की ओर से प्रदेश के किसानों में कोई रोष नहीं होने की बात पर उन्हें घेरते हुए कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण किसान परेशान हैं और किसानों की आत्महत्याओं पर सरकार को संज्ञान लेना चाहिए।
मंदसौर के नजदीकी रतलाम जिले से आने वाले भारतीय जनता पार्टी विधायक डॉ राजेंद्र पांडेय ने कहा कि जिला पंचायत उपाध्यक्ष और कांग्रेस नेता डीपी धाकड़ किसान आंदोलन के पहले रतलाम जिले पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर अपनी बात रख सकते थे, लेकिन उन्होंने भड़काऊ भाषण देकर लोगों को उकसावा देने का काम किया।
कांग्रेस विधायक विक्रम सिंह ने कहा कि पुलिसकर्मियों को दिए गए और उनके द्वारा लौटाए गए जीवित कारतूसों की गिनती के दौरान जिनके कम पाए गए, उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज किया जाए।
भाजपा विधायक ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा कि किसानों की मौत पर राजनीतिक रोटियां सेकने के बजाए किसानों की कृषि संबंधित लागत कम करने, उन्हें दूसरे रोजगार मुहैया कराने के बारे में और तकनीकी खेती का प्रशिक्षण देने की दिशा में काम हो।
इसके पहले मंगलवार को स्थगन प्रस्ताव पर सदन में करीब छह घंटे से ज्यादा समय तक चर्चा चली थी। इस दौरान प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने जमकर आरोप लगाते हुए सरकार को घेरा। वहीं काफी नोकझोंक के बीच सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से कई मंत्रियों सहित विधायकों ने मोर्चा संभालते हुए उनके तीखे जवाब दिए।
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