Breaking News

मेधा को मनाने मुख्यमंत्री ने भय्यू महाराज को बनाया मध्यस्थ

राज्य            Aug 05, 2017


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

सरदार सरोवर बांध से डूब में आने वाले लोगों के हक के लिए दस दिन से उपवास पर बैठी नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर की बिगड़ती हालत, बढ़ते राजनीतिक समर्थन ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सरकार को डरा दिया है।

सरकार बीते दिनों से उस मध्यस्थ की तलाश में लगी है, जो मेधा को मना सके। इसके लिए सरकार को सामाजिक संत उदय सिंह देशमुख उर्फ भय्यूजी महाराज नजर आए और मुख्यमंत्री चौहान ने स्वयं उनसे अनुरोध किया है कि वह शनिवार को धार के चिखल्दा जाकर मेधा से उपवास तोड़ने का आग्रह करें।

सूत्रों की मानें तो भय्यूजी महाराज दो बजे के बाद चिखल्दा पहुंच सकते हैं, वह मेधा की पूर्ण पुनर्वास और पूर्ण पुनर्वास तक विस्थापन को रोकने की दो मांगों को पूरा कराने का भरोसा दिला सकते हैं। वह मुख्यमंत्री चौहान से मेधा की बात भी करा सकते है। संभावना है कि सरकार दोनों मांगों को मान लेगी और मेधा का उपवास देर शाम तक खत्म हो सकता है।

भय्यूजी के इंदौर कार्यालय ने इस बात की पुष्टि की है कि वह चिखल्दा जा रहे हैं और मेधा से संपर्क कर उनसे उपवास खत्म करने का आग्रह करेंगे।

ज्ञात हो कि सरदार सरोवर बांध की उंचाई 138 मीटर किए जाने से मध्य प्रदेश की नर्मदा घाटी के 192 गांव और इनमें बसने वाले 40 हजार परिवार प्रभावित होने वाले हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने 31 जुलाई तक पूर्ण पुनर्वास के बाद ही विस्थापन और बांध की उंचाई बढ़ाने का निर्देश दिया था। वहीं, जिस जगह नई बस्तियां बसाने की तैयारी चल रही है, वहां के हाल बहुत खराब हैं। वहां रहना तो दूर बस्तियों तक आसानी से पहुंचना भी मुश्किल है।

पूर्ण पुनर्वास की मांग को लेकर मेधा पाटकर ने अपने 11 साथियों के साथ धार जिले के चिखल्दा में अनिश्चितकालीन उपवास को 27 जुलाई से शुरू किया था। पहले सरकार की ओर से मेधा पर आरोप लगाए गए, बाद में सरकार को लगा कि इससे गलत संदेश जाएगा, तो मुख्यमंत्री चौहान ने स्वयं शुक्रवार को एक के बाद एक ट्वीट कर मेधा से उपवास खत्म करने का आग्रह किया। क्योंकि शुक्रवार को चिकित्सकीय परीक्षण में मेधा की हालत को गंभीर बताया गया था।

इतना ही नहीं मेधा को उपवास के दौरान कांग्रेस, मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, आम आदमी पार्टी, स्वराज भारत पार्टी के अलावा विभिन्न सामाजिक संगठनों का साथ मिलने लगा। जनता दल यूनाइटेड के शरद यादव ने भी शुक्रवार को मेधा को पत्र लिखकर उपवास खत्म करने की अपील की और साथ ही भरोसा दिलाया कि उनके साथ देश और दुनिया का बड़ा वर्ग है।

वहीं कांग्रेस के सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकसभा में मामला उठाया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी मेधा का समर्थन किया।

सरकार के चिंतित होने की वजह यह है कि मेधा व 11 अन्य लोगों के उपवास को दस दिन हो गए हैं और उनकी हालत लगातार बिगड़ रही है। अगर यह उपवास जारी रहा और किसी का स्वास्थ्य अधिक बिगड़ गया तो सरकार के लिए जवाब देना कठिन हो जाएगा। लिहाजा मुख्यमंत्री चौहान ने मध्यस्थता के लिए इंदौर में निवासरत सामाजिक संत भय्यूजी महाराज को चुना है।

ज्ञात हो कि भय्यूजी महाराज दिल्ली में अन्ना हजारे का अनशन खत्म कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके है। इतना ही नहीं गुजरात में नरेंद्र मोदी का उपवास भी उन्होंने ही रस पिलाकर तुड़वाया था। इतना ही नहीं आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से भय्यूजी की नजदीकी किसी से छुपी नहीं है। उनका कांग्रेस, भाजपा, शिवसेना, एनसीपी, मनसे के नेताओं से भी सीधा संवाद है।



इस खबर को शेयर करें


Comments