मल्हार मीडिया।
मध्यप्रदेश के निजी विद्यालयों के संचालकों द्वारा मनमाने तरीके से लगातार फीस में वृद्धि किए जाने का मामला आज ध्यानाकर्षण के माध्यम से विधानसभा में गूंजा। भाजपा विधायक सुदर्शन गुप्ता तथा कांग्रेस के विधायक जीतू पटवारी ने ध्यान आकर्षण के माध्यम से शासन का ध्यान आकर्षित किया कि निजी विद्यालयों के संचालकों द्वारा प्रतिवर्ष स्कूल फीस में वृद्धि की जाती है और यह फीस वृद्धि मनमानी तरीके से की जाती है इस कारण आम पालक और विद्यार्थी को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसी के साथ निजी स्कूल संचालक द्वारा विद्यार्थियों को निश्चित दुकानों से यूनिफॉर्म व किताबें लेने के लिए बाध्य किया जाता है।
निश्चित दुकानों से यूनिफॉर्म व किताबें नहीं लेने पर विद्यार्थियों को प्रताड़ित किया जाता है। शासन द्वारा निजी विद्यालयों को खुली छूट दी जा रही है और निजी विद्यालय के लिए फीस निर्धारण के संबंध में एक निश्चित नीति निर्धारण किए जाने की मांग विधायकों द्वारा की गई। प्रश्न के उत्तर में स्कूली शिक्षा मंत्री कुंवर विजय शाह ने स्वीकार किया कि यह सही है कि विगत वर्षों में प्रदेश में कतिपय निजी स्कूलों द्वारा अप्रत्याशित शुल्क वृद्धि की गई है जिसमें इंदौर के डी.पी.एस. स्कूल में यह वृद्धि लगभग क्रमशा 12% व 13 प्रतिशत एवं 23 प्रतिशत तथा शिशुकुंज स्कूल में 15% व 16 प्रतिशत एवं 33% वृद्धि की गई।
पिछले 3 साल में क्रमश: वर्ष 2014 -15 2015 -16 एवं सन 2016 -17 भोपाल के सेंट जोसेफ सीनियर सेकेंडरी स्कूल ईदगाह हिल्स भोपाल में ओसतन वृद्धि 8:00 प्रतिशत से 10%, सेंट मेरी कान्वेंट सीनियर हायर सेकेंडरी स्कूल में 10%, मदर टेरेसा सीनियर हायर सेकेंडरी स्कूल व कॉ-एंड स्कूल कोलार रोड भोपाल में 9:00 प्रतिशत 10% की वृद्धि की गई है। इसी के साथ उन्होंने कहा कि शासन इस संबंध में पूरी तरह सजक व संवेदनशील है।
विभाग द्वारा प्रदेश में अशासकीय विद्यालयों द्वारा किए जाने वाले शैक्षणिक एवं अन्य प्रकार के शुल्कों के निर्धारण हेतु आवश्यक मार्गदर्शी सिद्धांत दिनांक 30 अप्रैल 2015 को जारी किए गए हैं जो वर्तमान में प्रभावशील है इसी के साथ उक्त निर्देशों का क्रियान्वयन समस्त कलेक्टर्स के माध्यम से किया जा रहा है इस संबंध में शिकायत प्राप्त होने पर निराकरण निराकरण संबंधी कारवाई नियम अनुसार त्वरित रुप से की जाती है उन्होंने आगे कहा की इन मार्गदर्शी सिद्धांतों के पीछे विधिक शक्ति ना होने के कारण शासन द्वारा मध्य प्रदेश निजी विद्यालय इसमें अनियमित वृद्धि एवं अन्य अनुषांगिक विषयों का नियंत्रण अधिनियम बनाने की कार्रवाई की जा रही है।
इस अधिनियम के प्रभावशील होने के उपरांत अपचारी निजी विद्यालयों के विरुद्ध विधि सम्मत प्रभावी कार्यवाही की जा सकेगी। मंत्री कुंवर विजय शाह ने आगे बताया कि शासकीय विद्यालयों में निशुल्क एवं अन्य मुद्दों को विनियमित करने संबंधी बिंदु पर विचार करने हेतु मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा अक्टूबर 2015 में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है उक्त विशेषज्ञ समिति द्वारा अक्टूबर 2016 में विनियमन प्रारूप को अंतिम स्वरूप दिया जाकर विभाग को सौंपा गया है।
उक्त अधिनियम प्रारूप को दिनांक 6 जनवरी 2017 को वरिष्ठ सचिव समिति के समक्ष अनुमोदित अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किया गया है ,वरिष्ठ सचिव समिति द्वारा प्रारूप में संशोधन हेतु महत्वपूर्ण सुझाव दिए,जिसे अन्य विधिक प्रावधानों के साथ प्रारूप परिमार्जन की कारवाई पूर्ण कर ली गई है ।शीघ्र ही अधिनियम प्रारूप को मंत्रिपरिषद से अनुमोदन प्राप्त करने की कार्यवाही की जाएगी एवं तत्पश्चात इसे विधानसभा के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
मध्यप्रदेश शासन का प्रयास किया है एक की मध्यप्रदेश शासन का प्रयास यह है कि फीस वृद्धि एवं अन्य अनुसांगिक शुल्क विनियमन सन 2017 आगामी शिक्षा सत्र सन 2017 2018 में लागू कर दिया जाए। विधायक सुदर्शन गुप्ता की एक प्रश्न के उत्तर में एक प्रति प्रश्न के उत्तर में स्कूल शिक्षा मंत्री कुंवर विजय शाह ने कहा कि जिन-जिन प्राइवेट स्कूल संचालकों की मनमानी फीस वृद्धि की शिकायत की जाएगी होगी शासन उनकी मान्यता रद्द कर देगा
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