विधानसभा में गूंजा मंदसौर गोलीकांड, सत्तापक्ष और विपक्ष में हुई तीखी नोकझोंक

राज्य            Jul 18, 2017


मल्हार मीडिया भोपाल।
मंदसौर गोली कांड पर आज मध्यप्रदेश विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा लाए गए स्थगन प्रस्ताव पर आज 7:45 शाम तक चर्चा चलती रही।। स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान पक्ष—विपक्ष में तीखी नोकझोंक हुई और आरोप प्रत्यारोप का दौर चलता रहा।

कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह समेत 47 विधायकों ने इस मसले पर स्थगन की सूचना देते हुए अध्यक्ष से तत्काल चर्चा की मांग की थी। गोविंद सिंह ने स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा शुरू करते हुये कहा कि सरकार ने मध्यप्रदेश में आनंद मंत्रालय बना लिया है लेकिन इससे क्या फायदा हो रहा है। अगर प्रदेश में आनंद है तो किसान आत्महत्या क्यों कर रहे हैं। जब सरकार खेती को लाभ का धंधा बनाने का दावा कर रही है, उन्हें कम ब्याज पर लोन की बात हो रही फिर किसान आंदोलन और आत्महत्या क्यों कर रहे हैं।

श्री सिंह ने पूछा कि मंदसौर में किसानों पर गोली चलाने के आदेश किसने दिए सरकार इसकी जानकारी दे, उन्होंने कहा कि दो माह में 818 किसानों और कृषक मजदूरों ने आत्महत्या की है जो सरकार की योजनाओं और दावों की पोल खोल रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कृषि उपकरणों और खाद बीज की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं किसानों को कोई राहत सरकार नहीं दे रही है।

गृह मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा कि मंदसौर में किसान आंदोलन में कुछ असामाजिक तत्व भी शामिल हो गए थे जो पुलिस पर हमला कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पुलिस को अपने बचाव में गोली चलानी पड़ी इसमें छह लोगों की मौत हो गई और छह लोग घायल हो गए उन्होंने बताया कि भीड़ के हमले में 109 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। गृह मंत्री ने बताया कि पीड़ित किसानों को अब तक 37 किसानों को एक करोड़ 64 लाख का मुआवजा बांटा गया है।

प्रश्नकाल समाप्त होते ही नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने किसानों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा कराने को लेकर स्थगन दिया है। इस लोकमहत्व के मसले पर तत्काल चर्चा कराई जानी चाहिए। इस पर अध्यक्ष ने कहा कि पहले सदन में जरूरी काम निपटा लिए जाएं इसके बाद चर्चा के बारे में बात कर लेंगे। इस पर कांग्रेस के रामनिवास रावत समेत अनेक सदस्य तत्काल चर्चा की मांग करने लगे। इस पर सत्ता पक्ष की ओर से गोपाल भार्गव, गौरीशकर बिसेन समेत कई सदस्यों ने कांग्रेस पर इस मुद्दे को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया। इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि सरकार चर्चा के लिए तैयार है। अध्यक्ष जब चाहे चर्चा करा लें।

पूर्व सीएम बाबूलाल गौर ने कांग्रेस द्वारा किसानों के मुद्दे पर स्थगन लाने के सवाल पर कहा हम किसानों के साथ हैं और हमेशा रहेंगे।

राऊ विधायक जीतू पटवारी ने स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सदन में कहा कि किसान आंदोलन के दौरान फैली हिंसा में मेरा या मेरे परिवार के शामिल होने का साक्ष्य मिलता है तो मैं विधायकी से इस्तीफा दे दूंगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री संवेदनशील हैं, फिर छह किसानों की मौत पर उन्होंने और गृहमंत्री ने इस्तीफा क्यों नहीं दे दिया।

उन्होंने सवाल उठाया कि मंदसौर गोलीकांड मामले की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग को तीन महीने में रिपोर्ट पेश करना है और अब तक आयोग को सचिव नहीं दिया गया है। फिर रिपोर्ट कैसे आएगी।

उन्होंने किसानों को शहीद का दर्जा देने की मांग उठाई। इससे पहले भाजपा के विधायक कैलाश चावला ने कांग्रेस पर आंदोलन को भड़काने का आरोप लगाया था।

उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के विधायक खुद आंदोलन में शामिल थे। मुख्यमंत्री ने आंदोलन के चौथे दिन घोषणाएं कर दी थीं। आंदोलन समाप्त होने की स्थिति में था, तभी उसे हवा दी गई।

मुंगावली से विधायक महेंद्र सिंह कालूखेड़ा ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कहते हैं कि किसान को लागत के डेढ़ गुना पैसे देंगे। आज की स्थिति क्या है, ये बताएं। इतनी ही उपलब्धि है तो प्रदेश में किसान आत्महत्या क्यों कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक लागत मूल्य के लिए कुछ नहीं करेंगे, तब तक भाषणों का कोई मतलब नहीं है। फिर उपवास पर क्यों बैठे।

कालूखेड़ा ने कहा कि डीजल पर टैक्स खत्म क्यों नहीं कर देते। मनरेगा में किसानों को अपने ही खेत में काम करने का पैसा दे दो। बिजली बिल माफ करो। साहूकारों से मुक्ति दिलाओ। उन्होंने मंदसौर में किसानों की हत्या करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग भी उठाई।

इस पूरी चर्चा में सत्तापक्ष बार कांग्रेस शासनकाल में हुये गोलीकांड पर बात कर कांग्रेस पर आरोप लगाता रहा।

आज की कार्यवाही शुरू होने के पहले ही बीएसपी ने सदन के गेट पर जमकर नारेबाजी की। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि किसानों के आत्महत्या के मुद्दे पर सरकार चुप क्यों है।

 
 
 मंदसौर गोलीकांड पर सदन में गहमा-गहमी हुई। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि मंदसौर में किसानों की मौत के लिए सरकार जिम्मेदार है। सरकार के पास किसानों की मौत पर कोई जवाब नहीं। सीएम सहित सभी आला नेता चुप बैठे हुए हैं।
 
 


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