मल्हार मीडिया ब्यूरो।
भाेपाल। मध्यप्रदेश में मानसून के सक्रिय होने से पहले ही बाढ़ से निपटने की रणनीति बनने लगी है। बाढ़ संभावित जिलों में 15 जून या मानसून की वर्षा शुरू होते ही कंट्रोल-रूम स्थापित हो जाएंगे। राज्य स्तर पर भी नियंत्रण कक्ष स्थापित होगा। प्रमुख सचिव (राजस्व) और राहत आयुक्त अरुण पाण्डेय ने मंगलवार को अधीनस्थों को निर्देश दिए हैं कि बाढ़ से बचाव एवं राहत के लिए जिला स्तर पर कार्य योजना पहले से तैयार कर लें। बाढ़ की संभावना होते ही कंट्रोल-रूम 24 घंटे खोल के रखें। बाढ़ से बचाव के उपकरण वोट आदि को दुरुस्त करवा लें। वोट के साथ प्रशिक्षित जवानों को भी तैनात करें।
पांडेय ने आगे कहा है कि बाढ़ की स्थिति में जरूरत के अनुसार पुलिस बल एवं होमगार्ड की मदद ली जाए। बाढ़ संभावित जिले के कलेक्टर, सेना की निकटस्थ छावनी के अधिकारियों से निरंतर संपर्क बनाए रखें, जिससे बाढ़ बचाव कार्य में सेना की सहायता जल्द उपलब्ध हो सके। राहत आयुक्त ने कहा कि जलाशयों से पानी छोड़ने पर विशेष ध्यान रखा जाए। दुर्गम क्षेत्रों में वर्षा के पहले खाद्य सामग्री एवं जीवन रक्षक दवाइयां भंडारित कर लें। बरसात में जलमग्न होने वाली सड़कों एवं पुलियों पर चेतावनी बोर्ड लगा दिए जाएं और चेतावनी का उल्लघंन करने वाले वाहन चालकों के विरुद्ध कार्रवाई करें।
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