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स्मार्ट फोन घोटाले के खिलाफ ईओडब्ल्यू पहुंचा विचार मध्यप्रदेश

राज्य            Oct 25, 2017


मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार का महाविद्यालयीन छात्रों को स्मार्ट फ़ोन देने का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पूरी तरह से फ्लॉप शो बन कर रह गया है। प्रदेश में हो रहे अनेक घोटालों की तरह यह प्रोजेक्ट भी घोटालों की भेंट चढ़ गया है। भाजपा सरकार की स्मार्ट ट्रेन तथा स्मार्ट सिटी की तरह स्मार्ट फ़ोन मात्र प्लास्टिक का डब्बा बन गया है।


स्मार्ट फोन की खरीदी में 80 करोड़ का घोटाला हुआ है। जिस कार्वे डेटा मैनेजमेंट कंपनी को यह टेंडर दिया गया है, वह टेंडर की शर्तों को पूरा ही नहीं कर रही है। जिस चीनी कंपनी फोरस्टार इंडस्ट्री लिमिटेड को 200 करोड़ सालाना टर्नओवर की कंपनी बताया जा रहा हूं उस कंपनी का कोई अता पता ही नहीं है। यहां तक कि उसकी कोई वेबसाइट भी नहीं है। यह आरोप विचार मध्य प्रदेश की कोर कमेटी के सदस्य गिरजा शंकर शर्मा , पारस सकलेचा, अक्षय हुंका, विनायक परिहार तथा विक्रांत राय ने लगाया।

विचार मध्यप्रदेश की कोर समिति ने आज EoW में स्मार्ट फोन घोटाले की जांच कर जिम्मेदारों पर प्रकरण दर्ज कराने का आवेदन अतिरिक्त महानिदेशक को दिया।

कोर ग्रुप के आरोप लगाया कि स्मार्ट फोन के प्लास्टिक डब्बा बन जाने की सैकड़ों शिकायत महाविद्यालयीन विद्यार्थियों ने की है। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा हमारी मीडिया शिकायत पर कार्यवाही कर मात्र फोन की जांच का नाटक किया गया लेकिन इसमें आर्थिक घोटाले की जांच के बिंदु को बिल्कुल नज़र अंदाज़ किया गया। इसमे साफ जाहिर है कि इस घोटाले में सरकार भी शामिल है। कोर ग्रुप ने कहा कि शिवराज के भ्रष्टाचार में #SmartPhoneScam भी शामिल हो गया है। अगर EoW से संतोषजनक कार्यवाही नही हुई तो हम न्यायालय में वाद भी दायर करेंगे।

व्यापमं घोटाले में गले गले तक शामिल शिवराज सरकार अपनी कालिख को मिटाने के लिए स्मार्ट फ़ोन और मेधावी छात्र योजना के जो फ्लॉप शो कर रही है उसका हम भंडाफोड़ करेंगे।

 



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