पर्थ में भारत ने रचा इतिहास, ऑस्ट्रेलिया को 295 रन से हराया

स्पोर्टस            Nov 25, 2024


मल्हार मीडिया डेस्क।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले ही दिन 150 रन पर ढेर होने के बाद शायद ही कोई टीम जीत के बारे में सोचती. भारत ने पर्थ टेस्ट में ना सिर्फ ऐसा सोचा बल्कि सामने खड़ी हार को जीत में तब्दील भी किया. भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को पहले टेस्ट मैच में 295 रन से हराया. इसके साथ ही पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया का 2018 से चला आ रहा विजयरथ थम गया है.

भारत इस जीत से डब्ल्यूटीसी पॉइंट टेबल में ऑस्ट्रेलिया को पछाड़कर फिर से नंबर-1 बन गया है. पर्थ में पलटवार कर जीत दिलाने में यूं तो भारत के हर खिलाड़ी का योगदान रहा. लेकिन अगर इन 11 खिलाड़ियों में से 5 हीरो चुनने हों तो वे यशस्वी जायसवाल, विराट कोहली, केएल राहुल, जसप्रीत बुमराह और नीतीश रेड्डी हो सकते हैं.

  1. बुमराह के पंच से घायल हुए कंगारू

टीम के पहली पारी में 150 रन पर ऑलआउट होने के बाद हर भारतीय फैंस की निगाहें कप्तान जसप्रीत बुमराह पर टिकी थीं. बुमराह ने भी निराश नहीं किया और 5 विकेट झटके. बुमराह के इस प्रदर्शन की बदौलत ही भारत ने ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में 104 रन के भीतर समेट दिया. जसप्रीत बुमराह ने दूसरी पारी में भी फ्रंट से लीड किया और भारत को बेहतरीन कामयाबियां दिलाईं. बुमराह ने दूसरी पारी में जिस अंदाज में ट्रेविस हेड को आउट किया, वह नए गेंदबाजों के लिए सबक जैसा था. जसप्रीत बुमराह ने दूसरी पारी में 3 विकेट झटके. इस तरह उन्होंने मैच में कुल 5 विकेट लिए.

  1. यशस्वी जायसवाल की ऐतिहासिक पारी

पहली पारी में 0 पर आउट होने वाले यशस्वी जायसवाल ने भारत की जीत में बड़ी भूमिका निभाई. उन्होंने दूसरी पारी में 161 रन बनाए. इसके साथ ही यशस्वी जायसवाल ऑस्ट्रेलिया में सबसे बड़ी पारी खेलने वाले भारतीय ओपनर बन गए. यशस्वी ऑस्ट्रेलिया में अपने पहले ही टेस्ट मैच में शतक बनाने वाले तीसरे भारतीय भी हैं. उनसे पहले यह कमाल सिर्फ एमएल जयसिम्हा और सुनील गावस्कर कर सके थे.

केएल राहुल और यशस्वी जायसवाल ने पर्थ टेस्ट के दूसरे दिन 172 रन की नाबाद साझेदारी कर ली है. अगर वे इस साझेदारी में 20 रन और जोड़ देते हैं तो रिकॉर्ड बना देंगे. ऑस्ट्रेलिया में भारत की ओर से सबसे बड़ी ओपनिंग पार्टनरशिप का रिकॉर्ड सुनील गावस्कर और के. श्रीकांत के नाम है. गावस्कर और श्रीकांत ने 1986 में मेलबर्न टेस्ट में 191 रन की साझेदारी की थी. (AP)केएल राहुल और यशस्वी जायसवाल ने 201 रन की रिकॉर्ड साझेदारी की. (AP)

 केएल राहुल दोनों पारियों में डटकर खेले

केएल राहुल भारत के उन क्रिकेटरों में शामिल हैं, जो 10 साल से टीम के साथ हैं, लेकिन अपनी जगह को लेकर सुनिश्चित नहीं रहे हैं. न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच की प्लेइंग इलेवन में उन्हें ड्रॉप कर सरफराज खान को जगह दी गई थी. ऐसे उतार-चढ़ाव के आदी लोकेश राहुल ने पर्थ में ऐसी पारी खेली कि फैंस को अपना मुरीद बना लिया. जब पहली पारी में विकेट तेजी से गिर रहे थे तब उन्होंने 74 गेंदें खेलीं और 26 रन बनाए. दूसरी पारी में केएल फिर रंग में थे. इस बार उन्होंने 77 रन बनाए और यशस्वी जायसवाल के साथ 201 रन की साझेदारी की. यह ऑस्ट्रेलिया में किसी भी भारतीय जोड़ी की सबसे बड़ी ओपनिंग पार्टनरशिप का रिकॉर्ड है.

 विराट कोहली का 30वां शतक

यशस्वी की तरह विराट कोहली ने भी पहली पारी की नाकामी को दूसरी पारी में शतक में बदला. विराट जब दूसरी पारी में बैटिंग करने आए तो भारत का स्कोर 2 विकेट पर 275 रन था. लेकिन थोड़ी ही देर में यह स्कोर 5 विकेट पर 321 रन हो गया. विराट ने यहां से मोर्चा संभाला और भारत को 487/6 के स्कोर तक पहुंचाया. विराट ने अपने शतक के आखिरी 50 रन वनडे स्टाइल में सिर्फ 49 रन में ठोक दिए.

  1. डेब्यूटेंट नीतीश रेड्डी का ऑलराउंडर खेल

भारत की जीत में पांचवां हीरो चुनने में थोड़ी मुश्किल आ सकती है. इसके लिए नीतीश कुमार रेड्डी और हर्षित राणा के बीच मुकाबला है. हर्षित राणा ने पहली पारी में 3 विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया को 104 रन में ढेर करने में बड़ी भूमिका निभाई. दूसरी ओर, नीतीश कुमार रेड्डी ने पहली पारी में 41 और दूरी पारी में 38 रन की पारी खेली. इसके अलावा उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में मिचेल मार्श को बोल्ड भी किया. इस सबसे में नीतीश की पहली पारी के 41 रन बेहद महत्वपूर्ण थे. अगर उन्होंने यह पारी ना खेली होती तो भारत के लिए 100 तक पहुंचना भी मुश्किल हो जाता. दिलचस्प बात यह है कि यह नीतीश कुमार रेड्डी और हर्षित राणा दोनों का ही डेब्यू टेस्ट मैच था.

 स्कोर लाइन की बात करें तो भारत ने पहली पारी में 150 रन पर आउट होने के बाद दूसरी पारी में 487/6 का स्कोर बनाया. ऑस्ट्रेलिया की टीम ने दोनों ही पारियों में भारतीय गेंदबाजों के सामने सरेंडर कर दिया. मेजबान कंगारू पहली पारी में तो सिर्फ 104 रन बना सके. दूसरी पारी में उन्होंने थोड़ा संघर्ष किया लेकिन 534 रन के लक्ष्य का आधा रास्ता भी तय नहीं कर पाए. ऑस्ट्रेलिया अपनी दूसरी पारी में सिर्फ 238 रन बना सका. इसके साथ ही भारत ने पर्थ का वह किला (ऑप्टस स्टेडियम) फतह कर लिया, जो दुनिया के लिए अजेय बना हुआ था.

 


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