केपटाउन में कभी टेस्ट नहीं जीता भारत

स्पोर्टस            Jan 01, 2024


मल्हार मीडिया डेस्क।

भारतीय बल्लेबाजों का 2018 और 2022 में केपटाउन में खेले गए टेस्ट मैच में प्रदर्शन दयनीय रहा है। इन दो टेस्ट मैचों में उसने चार पारियां खेलीं, लेकिन उसका सबसे बड़ा स्कोर सिर्फ 223 रन रहा है।

सेंचुरियन में करारी हार के बाद भारतीय टीम का दक्षिण अफ्रीका में सीरीज जीतने का सपना फिलहाल चकनाचूर हो चुका है। हालांकि, टीम के पास केपटाउन में होने वाले दूसरे टेस्ट को जीतकर सीरीज ड्रॉ कराने का मौका है।

भारत ने दक्षिण अफ्रीका के साथ 1992 से टेस्ट सीरीज खेलना शुरू किया है। इन 31 वर्षों में भारतीय टीम ने न्यूलैंड्स स्टेडियम पर छह टेस्ट मैच खेले हैं, लेकिन एक में भी उसे जीत नसीब नहीं हुई है।

टीम इंडिया केपटाउन में चार में उसे हार का सामना करना पड़ा है और दो टेस्ट ड्रॉ रहे हैं। ऐसे में उसे तीन जनवरी से इस मैदान पर शुरू हो रहे दूसरे और अंतिम टेस्ट मैच में चमत्कारिक प्रदर्शन की जरूरत होगी। खासतौर पर कप्तान रोहित शर्मा और यशस्वी जायसवाल की ओपनिंग जोड़ी को ठोस शुरुआत देनी होगी। बीते 12 वर्षों में इस मैदान पर खेले गए तीन टेस्ट मैचों में भारतीय ओपनिंग जोड़ी ने एक भी शतकीय साझेदारी नहीं निभाई है।

भारतीय बल्लेबाजों का 2018 और 2022 में यहां खेले गए टेस्ट मैच में प्रदर्शन दयनीय रहा है। इन दो टेस्ट मैचों में उसने चार पारियां खेलीं, लेकिन उसका सबसे बड़ा स्कोर सिर्फ 223 रन रहा है। 2018 में उसने 209 और 135, जबकि 2022 में उसने 223 और 198 रन बनाए थे। इसी से पता लगता है कि यहां बल्लेबाजों के लिए स्थितियां आसान नहीं होंगी। 2022 में विराट कोहली ने यहां 79 रन की पारी खेली थी और जसप्रीत बुमराह ने एक पारी में पांच विकेट लिए थे, लेकिन कीगन पीटरसन की पारी के चलते उसके हिस्से में हार आई थी।

दक्षिण अफ्रीका में सफलता ओपनिंग जोड़ी पर काफी हद तक निर्भर करती है, सेंचुरियन में रोहित शर्मा और यशस्वी जायसवाल इस पर खरे नहीं उतरे। दोनों ने सिर्फ 13 और पांच रन की साझेदारियां कीं। भारत यहां पारी और 32 रन से हारा। न्यूलैंड्स पर भी पिछले दो टेस्ट मैचों में भारतीय जोड़ियों का यहां प्रदर्शन दयनीय रहा है। 2018 में मुरली विजय और शिखर धवन ने 16 रन और 30 रन, 2022 में केएल राहुल और मयंक अग्रवाल ने 31 और 20 रन की साझेदारियां कीं।

तीन जनवरी से शुरू होने वाले टेस्ट मैच में रोहित और यशस्वी पर बड़ा दारोमदार होगा। रोहित ने शनिवार को नेट पर मुकेश कुमार की गेंदों पर जमकर पसीना भी बहाया है। उन्होंने 45 मिनट से अधिक समय तक मुकेश की ही गेंदों पर अभ्यास किया।

72 टेस्ट मैचों में 330 विकेट लेने वाले दिग्गज दक्षिण अफ्रीकी तेज गेंदबाज एलन डोनाल्ड का मानना है कि केपटाउन में भारतीय गेंदबाजों की रचनात्मकता की परीक्षा होगी। यहां सेंचुरियन के मुकाबले काम मुश्किल होगा, क्योंकि यहां का विकेट सपाट है। डोनाल्ड ने कहा कि भारत को बराबरी हासिल करने का मौका तलाशना है तो नई गेंद का समझदारी से इस्तेमाल करना होगा।

डोनाल्ड अपने अनुभव से बताते हैं कि न्यूलैंड्स पर दक्षिण और पश्चिम से हवा बहेगी, जिससे विकेट जल्द सूख जाएगा। उन्हें नहीं लगता है कि विकेट पर टर्न होगा, लेकिन ज्यादा जोर नई गेंद के इस्तेमाल पर होगा। डोनाल्ड कहते हैं कि हो सकता है बाद में पिच स्पिन को थोड़ा मदद करे, लेकिन उन्हें नहीं लगता है कि भारत यहां स्पिनरों को उतारेगा। डोनाल्ड भारतीयों को गुरुमंत्र देते हुए कहते हैं कि नई गेंद को थोड़ा ज्यादा पिच करें और 25 से 30 ओवर तक गेंद को स्विंग कराने की कोशिश करें। सेंचुरियन में भारतीय गेंदबाज जल्द छोटी गेंदें डालने लगे, जिसका फायदा अफ्रीकी बल्लेबाजों ने उठाया।

 



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