मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश के ढाबों और होटलों में होने वाले अनैतिक देह व्यापार पर रेड के दौरान यदि अब महिला सेक्स वर्कर्स पकड़ी जाती हैं तो उन्हें आरोपी नहीं बनाया जाएगा.
इस संबंध में विशेष पुलिस महानिदेशक (महिला सुरक्षा) की ओर से सभी ज़िलों के एसपी समेत भोपाल और इंदौर के पुलिस कमिश्नरों को आदेश जारी किया गया है.
पुलिस महानिदेशक (महिला सुरक्षा) प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव की ओर से जारी आदेश में लिखा गया है, "प्रायः देखने में आ रहा है कि कुछ जिलों द्वारा अनैतिक व्यापार (निवारण) अधिनियम के तहत पंजीबद्ध अपराध में होटल एवं ढाबों के संचालकों द्वारा पैसा लेकर होटल एवं ढाबों के कमरों को, वैश्यालय के रूप में चलाया जा रहा है. पुलिस द्वारा दबिश उपरान्त बरामद की गई महिला को आरोपी बनाया जाता है.
उक्त संबंध में महिला (सेक्स वर्कर) के साथ पीड़ित/शोषित के जैसे व्यवहार करने हेतु पूर्व में भी लेख किया गया है. माननीय सर्वोच्च न्यायालय क्रिमिनल अपील कंमाक 135/2010 बुद्धदेव कर्मास्कर विरूद्ध पश्चिम बंगाल राज्य और अन्य में पारित आदेशानुसार वैश्यालयों पर दबिश की दशा में स्वैच्छिक लैंगिक कार्य अवैध नहीं है. के
वल वैश्यालय चलाना अवैध है, सेक्स वर्कर को गिरफ्तार दंडित अथवा परेशान नहीं करना चाहिए. अतः उपरोक्त दिशा-निर्देशों का अनैतिक व्यापार (निवारण) अधिनियम 1956 के अपराध में सुदृढ़ता एवं कढ़ाई से पालन किया जाना सुनिश्चित करें"
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