राष्ट्र रत्न-सितारे हिंद नीरज होंगे साहित्य शिरोमणि
वीथिका
Apr 09, 2015
मल्हार मीडिया ब्यूरो
सौ से अधिक फिल्मों में यादगार गीत लिखने के साथ ही कई दशकों से कवि सम्मेलनों के मंचों पर धाक जमाने वाले प्रख्यात कवि पद्मभूषण डॉ. गोपाल दास नीरज को आजीवन साहित्य साधना के लिए प्रदेश सरकार साहित्य शिरोमणि सम्मान से नवाजेगी। यह घोषणा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कालिदास मार्ग स्थित आवास पर उनके कविता संग्रह ‘गीतश्री’ के विमोचन समारोह के मौके पर की। उन्होंने नीरज को ‘राष्ट्र रत्न-सितारे हिंद’ की उपाधि से विभूषित भी किया। नीरज के साथ ही वरिष्ठ कवि उदय प्रताप सिंह को भी साहित्य शिरोमणि सम्मान दिया जाएगा। भव्य समारोह में उन्हें सम्मानस्वरूप 21-21 लाख रुपये दिए जाएंगे।
अखिलेश यादव ने गोपाल दास नीरज ने देश ही नहीं, दुनिया भर में साहित्य और हिंदी को बढ़ाने का काम किया है। जो स्थान उन्होंने बनाया, वह कोई और नहीं बना सका। नेताजी (मुलायम सिंह यादव) उनका हमेशा सम्मान करते हैं। सैफई में शायद ही कोई कवि सम्मेलन रहा हो, जो उनके बिना हुआ हो। नीरज की तरफ मुखातिब होकर सीएम ने कहा, आपके बारे में बोलने के लिए शब्द छोटे पड़ जाते हैं। आपने जीवन भर साहित्य साधना की। आपके काम की सीमा नहीं, कितने ही मंचों पर आपके कविताएं सुनाईं, फिल्मों में गीत लिखे। मुस्कराते हुए कहा, जब कभी मौका मिलता है, मैं आपका एक गाना गुनगुनाता हूं, दूसरों को सुनाता हूं। अपनी कविताओं के जरिये समाज को रास्ता दिखाने का काम किया है। सपा सरकार हमेशा साहित्यकारों का सम्मान करती आई है।
कवि श्रष्टा भी है द्रष्टा भी
डॉ. गोपाल दास नीरज ने कहा कि सपा सरकार द्वारा हिंदी व उर्दू के रचनाकारों को सम्मानित किए जाने से साहित्यकारों का हौसला बढ़ा है। युवा मुख्यमंत्री द्वारा साहित्य शिरोमणि और 21 लाख राशि दिए जाने से वे खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कवि स्रष्टा भी है, द्रष्टा भी। उन्होंने कहा, समाजवादियों से बेहतर सरकार कोई और नहीं होती।वे दो ही कौम मानते हैं, एक अमीर, दूसरी गरीब। वे जाति-धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करते। उन्होंने इस मौके पर अपनी कुछ रचनाएं भी सुनाईं।
91 वर्षीय श्री नीरज ने कहा कि यदि चाहें तो अयोध्या के विवाद का हल निकल सकता है। अयोध्या के चार कोनों में एक में मंदिर, दूसरे में मस्जिद, तीसरे में गुरुद्वारा और चौथे में चर्च बनाया जाए। इस तरह अयोध्या से सर्वधर्म सद्भाव का संदेश जाएगा। धार्मिक एकता की मिसाल बन जाएगा। उन्होंने कहा, राम कोई व्यक्ति नहीं, एक सिंबल है। जो सृष्टि में रमण करता है, वही राम है।
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