मल्हार मीडिया भोपाल।
जिस उम्र में बच्चे गुड्डे-गुड़िया और खिलौनों से खेलते हैं उस उम्र मेंढाई साल की भार्गवी शर्मा ने अपनी बुआ से प्रेरित होकर कथक की दुनिया में कदम रखा।
भार्गवी शिखर सम्मान से सम्मानित रायगढ़ घराने की प्रख्यात कथक नृत्यांगना डॉ.विजया शर्मा के नक्श-ए-कदम पर आगे बढ़ीं और इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
प्रतिभा,परिवेश और गहन प्रशिक्षण ने भार्गवी की नृत्य कला को कम उम्र में एक अलग पहचान दी है। भार्गवी ने अनेक प्रतिष्ठित मंचों पर भावपूर्ण नृत्य प्रस्तुतियाँ दी हैं।
भार्गवी ने रायगढ़ घराने की अग्रणी नृत्यांगना डॉ.विजया शर्मा से गुरु शिष्य परंपरा के अन्तर्गत ढाई वर्ष की अल्पायु से कथक प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया था। जिसके साथ उन्हें सी.सी.आर.टी.नई दिल्ली की छात्रवृत्ति भी मिली।
कथक के साथ भार्गवी ने प्रख्यात नाट्य निर्देशक अलखनंदन एवं वैशाली गुप्ता के नाटकों में भागीदारी की है।
इसके अलावा भार्गवी ने मई महत्वपूर्ण मंचों पर अपनी कला का प्रदर्शन किया इनमें प्रमुख हैं
गुरु पूर्णिमा महोत्सव इन्दौर, नृत्योत्सव जोधपुर , अटल बिहारी वाजपेयी जयंती समारोह लखनऊ अटल बिहारी वाजपेयी जयंती समारोह भोपाल घुंघरू महोत्सव रीवा, अटल श्री राम भोपाल, अल्फा कॉलेज श्यामपुर, होली महोत्सव हिन्दी भवन एवं मानस भवन भोपाल, संस्कृत गौरव दिवस विदिशा, मीरा महोत्सव चित्तौडगढ़, सहित अनेक प्रादेशिक एवं राष्ट्रीय मंचोंपर सफल एकल एवं समूह नृत्य प्रस्तुतियाँ दी हैं।
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