नरिसंहपुर से समीर खान।
मनीष की कल्पना को साहिब और राकेश ने किया साकार
तेजपाल, राजा और सोनू ने दिया आकार
लंकेश रावण को महाशक्ति का वरदान है, यही कारण है कि भगवान राम के समस्त शस्त्र विफल हुए जा रहे हैं, यह दृश्य देख मर्यादा पुरुषोत्तम निराशा के भंवर में डूबते-उतराते हैं, रावण आदिदेव के वरदान से गर्वोन्मत हो रहा है और इधर रामचन्द्र जी को निराशा और अवसाद में घिरे मानस पटल में बार-बार माता सीता की छवि दिखाई दे रही है। भगवान राम को चिंतित देख अब जामवन्त जी आगे आते हैं, सलाह देते हैं कि तपस्या में अद्भुत शक्ति है, आप प्रयास करें कि महाशक्ति आपके वश में हो।
इस तरह तय होता है कि यदि रावण पर शिव कृपा है तो श्रीराम शिवप्रिया को मनाएंगे, शक्ति का वरदान लेंगे। इसके बाद जामवन्त कहते हैं कि जो शक्ति रावण ने अर्जित की है वही राम भी अर्जित करें... तब राम ने देवी का ध्यान किया और महिषासुर मर्दिनी की आराधना का संकल्प किया।
तब राम ने देवी के सभी स्वरूपों की आराधना और व्रत अनुष्ठान शुरू किया। राम अपनी शक्ति पूजा शुरू कर देते हैं, राम शक्ति की कठोर उपासना करते हैं और पालनहारी शक्ति माँ अपने राम की परीक्षा लेना शुरू कर देती हैं।
यह भगवान सियाराम की शक्ति आराधना का एक छोटा सा अंश है... कथा लम्बी है जिसे आप मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर शहर में चित्रित झाँकी के माध्यम से आने वाली शारदेय नवरात्रि में देख पाएंगे।
जब आप अयोध्या जाएंगे तो वहाँ राम के मंदिर में भगवान राम के बाल स्वरूप का दर्शन करेंगे, लेकिन कौमी-एकता और सर्वधर्म-समभाव की पहचान बन चुके नरसिंहपुर नगर के रेस्ट हाऊस दुर्गा मण्डल में आप राम मंदिर के अंदर, आदि शक्ति जगतजननी मातारानी के चरणों में सियावर राम को पाएंगे।
इस अद्भुत प्रतिमा की परिकल्पना मण्डल के मनीष ठाकुर ने एक बरस पहले की थी, प्रतिमा के साथ भगवान राम के मंदिर की कल्पना को पंख तब मिले जब सरकार आर्टिस्ट ग्रुप के साहिब उस्मानी ने राम मंदिर के स्वरूप को बनाने में दिलचस्पी दिखाई।
साहिब थर्माकोल कटिंग के बेहतरीन कलाकार हैं उन्होंने तकरीबन एक माह पहले अपने सहयोगी राहिल खान, सुहैब उस्मानी, अरबाज़ खान, आजाद खान के साथ विशाल राम मंदिर की प्रतिकृति निर्माण का जिम्मा उठाया जिसे वह अंतिम रूप दे रहे हैं।
थर्माकोल को आकार के देने के बाद उसके रंग-रोगन के जिम्मेदारी ली पेंटर राकेश कोरी, रवि पेंटर करेली, चन्दन पेंटर नरसिंहपुर, लखन पेंटर करेली, राधे पेंटर गोटेगांव, नरसिंहपुर के दशरथ पेंटर ने, जो जी जान से राम मंदिर के रंग संयोजन में लगे हैं।
सबसे मुश्किल काम था, थर्माकोल को किसी मजबूत ढाँचे पर रखना ताकि तेज हवा व पानी में यह खराब न हो तो इसके लिए बेल्डर राजा उस्मानी व बीम कलाकार सोनू भाई ने तकनीकी रूप से और ढांचे को व्यवस्थित करने व उसे सजाने सँवारने का काम कमल फ्लावर पप्पू भाई ने किया तो वहीं कपड़े की पेस्टिंग का काम तेजपाल सिंग, राहुल राय, योगी पेंटर कर रहे हैं।
रेस्ट हाऊस दुर्गा मण्डल के सदस्यों के सामूहिक प्रयासों व लगभग एक माह के जी तोड़ मेहनत के बाद आप यहाँ नवरात्रि की महिमा का नयनाभिराम दर्शन कर पाएंगे। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि रेस्ट हाऊस दुर्गा मण्डल में माँ जगत अम्बे की स्थापना का जिम्मा अधिकांश मुस्लिम भाइयों के हाथों होता है, झाँकी निर्माण से लेकर विसर्जन तक की सारी जिम्मेदारियां हिन्दू मुस्लिम भाई मिलकर तन्मयता से निभाते हैं और यही लोग मुहर्रम में शहीदाने कर्बला की याद में लंगर भी लुटाते हैं।
मुहर्रम की तैयारियों का अधिकांश जिम्मा हिन्दू भाइयों पर होता है जो इसे पूरी जबाबदेही के साथ पूरा करते हैं। यह नरसिंहपुर नगर की साँझी मुहब्बत की विरासत का वह नजीर है जो वर्षों से आज तक कायम है।
आप जब रेस्ट हाऊस दुर्गा मण्डल में मातारानी के दर्शन करने आएंगे तो आप यह कभी नहीं जान पाएंगे कि आज माँ का शृङ्गार किन हाथों ने किया है। यहाँ स्थापना के बाद से चमचमाती रोशनी और सुमधुर भक्ति गीतों के मध्य स्नेहमयी माँ अम्बे के ममतामयी रूप का दीदार पाकर आप अभिभूत हो जाएंगे और सियावर राम को पाकर भक्ति भाव में डूब जाएंगे।
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