एक पाती प्यारे राजनेताओं के नाम,वोटर तुझसे खुद पूछे...

खरी-खरी            May 22, 2019


प्रकाश भटनागर।
प्यारे राजनेताओं, जैसा कि आप जानते ही हैं कि कल यानी गुरूवार से आपके जीवन की बहुत अहम परीक्षा का नतीजा घोषित होने जा रहा है। लोकसभा चुनाव के इस इम्तेहान के लिए आप सभी ने तगड़ी तैयारी की।

विजय की कोशिशों का खुलासा करना उचित नहीं है। क्योंकि एक तो आप वैसे ही तनाव में होंगे, उस पर से यदि हम आपकी पोल खोलना शुरू कर दें तो आपका दर्द बढ़ जाएगा।

खैर, आज तो आपसे केवल यह अपील है कि इन नतीजों को खुले हृदय से स्वीकारें। असफल परीक्षार्थियों को हमारी सलाह है कि वे सफल न हो सकने के पीछे के कारणों की ईमानदारी से पड़ताल करें और फिर यह संकल्प लें कि ऐसी गलतियां नहीं दोहराएंगे।

हम जानते हैं कि यह ईमानदारी आपको उधार लेना पड़ेगी, तो ऐसा भी कर लीजिए। जीवन में हार और जीत तो लगी रहती है, असली बात यह है कि हमारे भीतर परीक्षा में शामिल होने का माद्दा होना चाहिए। दैवयोग से आप सब ने तो उस इम्तेहान में हिस्सा लिया है, जिसके लिए पात्र से अधिक कुपात्र को महत्व प्रदान किया जाता है।

वर्ष 2019 की इस पंचवर्षीय परीक्षा के लिए कई ने खुद को पूरी निष्ठा के साथ कुपात्रों का सरगना तक साबित कर दिया है। यहां तक कि अनेक ऐसे भी मेधावी दिख रहे हैं, जो मतदान प्रक्रिया संपन्न होने के बावजूद अपनी प्रतिभा दिखाये जाने का परिश्रम कर रहे हैं।

श्री उपेंद्र कुशवाह द्वारा मंगलवार को ‘खून बहाने’ की बात कहना इसी गुण का द्योतक है। अभी-अभी बिहार के बक्सर से एक निर्दलीय प्रत्याशी को देखकर तो लोकतंत्र भी निहाल हो गया होगा। यह प्रत्याशी बंदूक हाथ में लेकर कह रहे हैं कि यदि नहीं जीते तो खून-खराबा कर देंगे।

परीक्षा में सफलता के लिए ऐसा जुनून तो स्वयं श्रीकृष्ण भी अर्जुन के भीतर महाभारत में नहीं पनपा सके थे। अस्तु धन्य है भारतीय राजनीतिज्ञों के संघर्ष का यह जज्बा। ऐसे हठयोगीनुमा राजनेताओं को हमारा शत-शत प्रणाम।

हे आधुनिक अवतार पुरुषों, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल के बूते की बात तो है नहीं कि आपकी परीक्षा ले ले। इसलिए केंद्रीय चुनाव आयोग ही आपका बोर्ड बनकर इस प्रक्रिया को संपन्न करता है।

आपमें से कई नतीजे आने से पहले ही आयोग की मां-बहन का अपने-अपने अंदाज में पुण्य स्मरण करने लगे हैं। हम ऐसा करने के लिए आपकी किंचित भी निंदा नहीं करेंगे। आखिर बोलने की आजादी भी कोई चीज होती है।

फिर इस पुण्य सलीला भारत भूमि पर तो भौंकने की आजादी की रक्षा करने वाले गिरोह भी पारम्परिक रूप से संचालित होते चले आ रहे हैं। अब आप हमारी इस बात को कन्हैया कुमार तथा उसके अनुयायियों से जोड़ना चाहें तो जोड़ लें, बाकी हम साफ कर दें कि हमारा आशय किसी का भी नाम लेना नहीं था।

बहरहाल, आप आयोग की जमकर ऐसी-तैसी करें। किंतु परिस्थिति इतनी भी न बिगाड़ दें कि ये सरकारी तंत्र ही चुनाव कराने से तौबा कर दे। यदि आज यह आयोग आपकी आंख में खटक रहा है तो अपने गुरू शुक्राचार्य से विनती करें कि वह आपको उस स्थिति में ला दें, जब यही आयोग आपकी आंख का तारा बनकर आपके लिए क्लीन चिट के थोकबंद उत्पादन वाली औद्योगिक इकाई बन जाए।

एक परिचित राजनेता थे। अब गुजर चुके हैं। चुनाव लड़ रहे थे। हर शाम मेरे अखबार में फोन कर बताते थे कि किस तरह इलाके का मतदाता उनका माई-बाप है। महान है। समझदार है। मतदाता शायद ज्यादा ही समझदार निकल गया। उन्हें चुनाव में हरा दिया।

तब नेताजी ने शाम की बजाय रात में मुझे फोन किया। इधर से उधर बिखरती उनकी आवाज बता रही थी कि उनका ‘संध्या वंदन’ कुछ ज्यादा ही लम्बा खिंच गया था। उन्होंने मतदाताओं के परिवार की महिलाओं के नख से लेकर शिख तक का जिक्र करते हुए हार का शोक मनाया।

यह किस्सा इसलिए बता रहा हूं कि यदि आप असफल रहें तो भड़ास निकालने के लिए यह तरीका भी कारगर हो सकता है। बता दें कि ईवीएम स्त्रीलिंग है और वीवीपैट भी। लिहाजा किसी मजबूरीवश (इशारा ‘मी टू’ की तरफ है) यदि आप व्यापक स्तर पर भड़ास न निकाल सकें तो ईवीएम और वीवीपैट की ......कर के भी अपना गुस्सा शांत कर सकते हैं।

महानुभवों, हमारी आदत स्कूली विद्यार्थियों को परीक्षा परिणाम से अविचलित रहने के टिप्स देने की रही है। लेकिन संयोगवश आपको यह सलाह देने की हमें कोई जरूरत नहीं है कि फेल होने पर आत्महत्या न करें। क्योंकि इसके लिए आप में से अनेक के अपने कारगर और आजमाये हुए तरीके हैं। जिनमें आत्महत्या जैसी कायरता का कोई स्थान नहीं है। कुछ है तो केवल हत्या जैसा शूरवीरोचित आचरण है।

असफल होने पर फिर विजय का प्रयास और कुप्रयास करें। संकल्प लें कि अबकि बार मामला केवल जीत का नहीं, बल्कि सरकार बनाने का रहेगा। ऐसा करते समय एक शेर दोहराते रहें, ‘खुदी को कर बुलंद इतना कि हर परिणाम से पहले, वोटर तुझसे खुद पूछे, बता तेरी रजा क्या है।’ आपके उज्ज्वल भविष्य और लोकतंत्र की आत्मा की शांति की कामना के साथ बात खत्म करता हूं।
आपका...

 



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