जेल में कैदी को चप्पल डंडे से पीटा, गंदगी साफ करवाई, मांगे गये 5 हजार रूपये

खास खबर            Aug 05, 2017


उमरिया से सुरेंद्र त्रिपाठी।
उमरिया जेल में एक कैदी के साथ मारपीट करने का मामला सामने आया है। कैदी को पहले दिने ही दूसरे कैदियों से पहले चप्पल से पिटवाया गया और फिर सिपाही ने खुद भी डंडों से पीटा और गंदगी साफ करवाई। इतना ही नहीं कैदी से बोला गया कि अपने घर वालों से 5 हजार रूपये मंगवाओ वरना पिटाई जारी रहेगी।

मध्यप्रदेश के उमरिया जिले के ग्राम रथेली का रहने वाला युवक ने गाँव की ही युवती से किया प्रेम विवाह किया था। जिससे नाराज होकर युवती के माता–पिता ने कोतवाली उमरिया में रिपोर्ट दर्ज करवा दी। जिसमें उसके ऊपर धारा 363, 366 का प्रकरण दर्ज हुआ। उधर युवक–युवती ने कोर्ट मैरिज कर ली बाद में दोनों के घर वाले भी राजी हो गए आपस में विवाह करवा दिया। और दोनों पति–पत्नी की तरह रहने लगे लेकिन अपराध दर्ज होने के कारण पुलिस युवक को गिरफ्तार कर अदालत में पेश कर दी जहां से 1 अगस्त को जेल भेज दिया गया।

युवक मनोज कुमार साहू ने बताया कि जेल जाते ही कपड़े उतरवा कर तलाशी ली गई और जैसे ही भीतर ले गए तो सिपाही कैदियों से कह कर गर्दन झुकवा कर 20 चप्पल मरवाईं और उसने खुद भी लगभग 20 डंडे मारे जिससे मुझे गंभीर चोटें आईं हैं। उसने बताया कि उसे कहा गया कि ये जेल में आने का वेलकम है। दूसरे दिन सुबह गन्दगी साफ़ करवाई गई और फिर मुर्गा बनवा कर कैदियों से 20 चप्पल मरवाई गई। पूरा दिन काम लिया गया मैं रोते हुए काम करता रहा और सिपाही ने मोबाईल नंबर दिया कहा अपने घर वालों से कहो कि इस नंबर पर बात करके 5 हजार रुपये पहुंचा दें नहीं तो इसी तरह पिटते रहोगे। अपना नंबर बताये 9589997929, वहीं मनोज ने बताया कि जो भी जेल जाता है उसके साथ यही होता है और पैसों की मांग की जाती है पैसे न देने पर पिटाई की जाती है।

जिला अस्पताल में पीड़ित के भरती होने के बाद डाक्टर द्वारा अस्पताल चौकी में तहरीर भेज कर सूचना दे दी गई। चौकी प्रभारी गोद्विज प्रसाद ने बताया कि डाक्टर की तहरीर पर बयान ले लिया गया है और आगे कि कार्यवाही के लिए कोतवाली भेजा जाएगा लेकिन चौकी प्रभारी ने पिटाई के मामले में केवल कैदियों का नाम लिखे और सिपाही को किनारे कर दिए।

वहीं पीड़ित युवक ने जिले के कलेक्टर को भी आवेदन दिया है, जिसे कलेक्टर ने एस डी एम को जांच के लिए भेज दिया, एस डी एम बांधवगढ़ ऋषि पवार का कहना है कि मनोज कुमार के आ।वेदन में कहा गया है कि जेल में बंद रहने के दौरान मेरे साथ मार–पीट की गई और पैसों की मांग की गई है, इस सम्बन्ध में मैं डिप्टी जेलर और उस समय जो स्टाफ ड्यूटी पर था। उनसे जवाब मांगा जायेगा और दोषियो पर कार्रवाई की जायेगी

गौरतलब है कि उमरिया उप जेल में यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी कई बार ऐसे मामले सामने आये हैं लेकिन सरकारी जांच भी सरकार के नुमाईन्दो के पक्ष में ही होती है और पीड़ित गुहार ही लगाता रह जाता है। इतना ही नहीं जेल में कई बार मौतें भी हो चुकी है लेकिन आज तक किसी पर आरोप तय नहीं हो सका। यदि जेल की निष्पक्ष जांच हो जाय तो वहां से होने वाले कई अवैध कामों की पोल खुल जायेगी, ऐसे में तो मानव अधिकार संगठनो को मामला संज्ञान में लेना चाहिए ताकि पीड़ित को न्याय मिल सके और दोषी को सजा।

 



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