इंदौर के संदीप अग्रवाल हत्याकांड की क्या है असल कहानी

खास खबर            Jan 25, 2019


मल्हार मीडिया ब्यूरो इंदौर।
मध्यप्रदेश के इंदौर में हफ्तेभर पहले हुए सनसनीखेज संदीप अग्रवाल हत्याकांड को पुलिस ने सुलझा लिया है। इस हत्या की शुरुआत में शक की सुई जहाँ जाकर ठहरी थी, वही बात सच निकली।

एसआर चैनल में रोहित सेठी से हुए 19 करोड़ के लेनदेन में ही इस वारदात को अंजाम दिया गया! इसके लिए गैंगस्टर सुधाकर मराठा ने प्रमुख भूमिका निभाई थी। उसी के दो लोगों ने संदीप अग्रवाल उर्फ़ संदीप तेल को सरेआम गोलियों से भून दिया था।

सुधाकर को पकड़कर पुलिस ने सारी कड़ियाँ जोड़ ली है। चार लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया गया। रोहित सेठी और दो शूटरों की तलाश की जा रही है। पुलिस ने 'एसआर-मन' चैनल के प्रदेशभर के 7 लाख कलेक्शनों को भी गुरुवार देर रात डिसकनेक्ट कर दिया।

इंदौर पुलिस के एडीजी वरुण कपूर ने कल एक प्रेस कांफ्रेंस में जानकारी दी कि सट्टा कारोबारी और सूदखोर संदीप तेल को 19 करोड़ के लेन-देन विवाद में ही एसआर के डायरेक्टर रोहित सेठी ने सुपारी देकर रास्ते से हटवाया था।

सेठी ने संदीप को मारने के लिए गैंगस्टर सुधाकर राव मराठा से अपने डकाच्या स्थित फार्म हाउस पर दो बैठकें की थी। पहली बैठक 31 दिसंबर को हुई थी जिसमें सुधाकर मराठा भी मौजूद था। दूसरी बैठक 11 जनवरी को हुई, जिसमें इस पूरे हत्याकांड को अंतिम रूप दिया गया। पुलिस ने इस हत्याकांड में गैंगस्टर सुधाकर सहित उसके ख़ास गुर्गे रोहित सूर्यवंशी, कार के ड्राइवर सोनू उर्फ भास्कर त्रिवेदी और योगी उर्फ योगेश बाबा को गिरफ्तार किया है।

वहीं षड्यंत्र में शामिल इन्हीं के साथी देवी उर्फ देवीलाल व दो शूटर्स की पुलिस को तलाश है जो फरार हैं। पुलिस पूछताछ में मराठा ने बताया कि जब रोहित सेठी 19 करोड़ वापस मांगे जाने से परेशान था, तो उसने मराठा के सामने अपनी परेशानी बताई थी। उस वक़्त रोहित रोया भी था। उसने संदीप से परेशान होकर आत्महत्या करने की बात की थी।

इस पर मराठा ने कहा था कि तुम परेशान मत हो, संदीप से मैं निपट लूंगा। पुलिस के मुताबिक संदीप को मारने का मराठा ने एक कारण ये भी बताया कि उसका व्यवहार का अच्छा नहीं था। वह जिसे ब्याज पर रुपए देता था, वह उससे रुपया वसूलने के लिए पत्नी व परिवार की महिलाओं को बैठाने की बात कर देता था।

संदीप शहर में सक्रिय रहे गुंडे शाकिर चाचा गैंग को भी मदद करता था। इससे मराठा को ज्यादा खुन्नस थी। इसलिए भी उसे मारने की बात उसने कबूली है।

एडीजी वरूण कपूर ने बताया कि पुलिस ने सुधाकर मराठा, रोहित सेठी सहित 6 लोगों को नामजद आरोपी बनाया है। वहीं कई लोग अब भी पुलिस की राडार पर संदेह के घेरे में हैं। उज्जैन के सटोरिए कल्लू भाया के भाई को पुलिस ने उठाया है। वहीं कल्लू भाया की भूमिका अभी संदेह के घेरे में है।

रोहित सेठी के पकड़े जाने के बाद और भी आरोपी बढ़ सकते हैं। पुलिस ने सुधाकर से हत्याकांड के बारे में पूछा तो उसने कबूला कि रोहित उसके चैनल से जुड़े 25 लोगों को मंदसौर में चैनल चलाने में मदद करता था।

रोहित सेठी की तलाश में पुलिस की कई टीमें सक्रिय हैं। उसने हत्याकांड में नाम आने के बाद शहर के कुछ बड़े पुलिस अधिकारियों से संपर्क कर पेश होने के भी प्रयास किए। लेकिन, किसी अफसर ने मदद नहीं की।

ऐसा ही प्रयास भोपाल में अपने कुछ परिचित पुलिस अफसरों से भी करवाने के लिए किया था लेकिन हत्याकांड में नाम आने के बाद से सभी ने रोहित सेठी से दूरी बना ली।

हत्याकांड का मुख्य आरोपी रोहित सेठी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। पुलिस ने उस पर 20 हज़ार का ईनाम घोषित किया है। संदीप तेल के बारे में बताया जा रहा है कि उसे रोहित से 19 करोड़ रुपए लेना थे। उसने एसआर मप्र चैनल में पार्टनरशिप के एवज में रोहित को 19 करोड़ रुपए दिए थे, लेकिन कागजों पर लिखा-पढ़ी सिर्फ 30 लाख की हुई।

संदीप का कहना था कि रोहित से उसकी 20-25 साल पुरानी दोस्ती थी। इसलिए पैसा देने के पहले ज्यादा पड़ताल नहीं की थी। रोहित ने उसे धोखा देते हुए विजय गर्ग और मनीष जैसे डमी नामों के नाम पर पैसे लिए।

पुलिस के मुताबिक जिस कार से आए हत्यारे आए थे, वह जयपुर पुलिस ने एक्सीडेंट में जब्त की थी। हत्या में इस्तेमाल आई-10 कार ठिकाने लगाने वाले संदिग्ध शख्स को भी पुलिस ने उठाया है। पता चला है कि उसके तीन मालिक बदल चुके हैं।

पहले मालिक ने कार किसी को जयपुर में बेच दी थी। दूसरे मालिक से कार का एक्सीडेंट हो गया था। तब जयपुर की सोडाला थाने की पुलिस ने जब्त भी किया था। हत्या के समय कार पर भोपाल का एक फर्जी नंबर लिखकर पुलिस को बरगलाने की कोशिश भी की गई थी।

इस कार के सेंकड मालिक तक पुलिस पहुंच गई है। लेकिन, ये बताया जा रहा है कि एक्सीडेंट के बाद पुलिस जब्ती से मालिक को कार लौटा दी गई थी। उससे किसी ओर ने कार खरीद ली थी। अब पुलिस जयपुर में तीसरे मालिक तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।

जांच में शामिल अफसरों के मुताबिक पूरे मामले में 16 लोगों की सूची तैयार की गई है। सूची में संदीप से ब्याज पर करोड़ों लेने वाले बिल्डर, कॉन्ट्रैक्टर और कई भूमाफिया हैं। इनकी भूमिका पर भी पुलिस को संदेह है।

इसमें खास तौर पर जिन भूमाफियाओं से पूछताछ हुई है, उनमें चिराग शाह, चंपू अजमेरा, दीपक माद्दा, दिलीप जैन, संजय शर्मा आदि बिल्डर शामिल हैं। इनमें से किसी को भी पुलिस ने क्लीन चीट नहीं दी है। सुधाकर मराठा को क्राइम ब्रांच मंगलवार देर शाम इंदौर लेकर आई थी।

एक ग्रामीण थाने में गोपनीय ढंग से उससे पूछताछ की गई। जिस कार से बदमाश भागे थे, उसके सीसीटीवी फुटेज में गाड़ी एक सिख युवक चलाते दिख रहा है। पुलिस को आशंका है बदमाश वेश बदलकर आए होंगे।

सूत्रों के मुताबिक एक सिख युवक को दो करोड़ लेकर हत्याकांड के संदेही रोहित सेठी ने शाजापुर में अपने एसआर एमपी चैनल में पार्टनर भी बनाया था। एक गुना का पार्टनर भी सिख है। इससे रोहित का दो करोड़ का विवाद था। गुना के पार्टनर ने 420 का केस दर्ज कराया था।
सुधाकर की चाल

सुधाकर और उसके तीन साथियों ने 9 जनवरी को निम्बाहेड़ा (राजस्थान) में बस स्टैंड पर एक युवक से झगड़ा कर वहीं के थाने में सरेंडर कर दिया। यह सब उसने प्लानिंग के तहत किया। हत्याकांड में संदीप के पार्टनर रोहित सेठी और उसके साथियों की भूमिका व कारणों की पुष्टि होना बाकी है। सुधाकर पर मप्र-राजस्थान में 20 केस दर्ज हैं। इनमें से पांच हत्या के हैं।

संदीप हत्याकांड में उसका हाथ होना इसलिए भी पुख्ता लगा रहा है, क्योंकि तीन-चार साल से इंदौर के बड़े प्रॉपर्टी विवादों में उसका दखल बढ़ गया था। सुधाकर को एसटीएफ ने अप्रैल 2016 में गिरफ्तार कर अन्नपूर्णा पुलिस को सौंपा था। तब वह चंदन नगर के एक जमीन विवाद को निपटाने इंदौर आया था।

हालांकि पुलिस ने सिर्फ एक दिन का रिमांड लेकर जेल भेज दिया था। सुधाकर ने 2010 में बहन ज्योति को भगाकर निकाह करने वाले जफर खान को चित्तौड़गढ़ में गोलियों से भून दिया था। 2004 में रतलाम के गैंगस्टर आरआर खान की भी इसने साथी शिवम धाकड़ के साथ मिलकर हत्या कर दी थी।

गौरतलब है कि सुधाकर का नाम रतलाम के आरआर खान हत्याकांड, देवास के बहुचर्चित सुनील जोशी हत्याकांड सहित आधा दर्जन से अधिक हत्याओं में आ चुका है।

आरोपी सुधाकर राव मराठा प्रभु डे उर्फ सुधाकर मराठा का इतिहास अपराध से भरा पडा है। हत्या करना या कराना इसके बायें हाथ का खेल है। इतने आसानी से अपराध की स्वीकारोक्ति करनें के बाद पुलिस सावधानीपुर्वक उसके कथन ले रही है एवं कथनों की पडताल कर रही है। क्योंकि, सुधाकर काफी शातिर है और गुमराह भी कर सकता है।

पुलिस सुधाकर के कथनों को क्रॉस वेरिफिकेशन भी कर रही है, ताकि सच्चाई तक पहुचा जा सकें और आरोपियों के विरूद्ध पुख्ता सबूत जमा किए जा सके।

सुधाकर मराठा के अनुसार वह पुरानी तहसील, पहाड चौक मंदसौर मे रहता है और वर्तमान में सनसिटी 1 बावडिया देवास मे अपनी पत्नि व बच्चों के साथ रह रहा है। मराठा के परिवार मे एक लडका व एक लडकी है जो पत्नी के साथ देवास मे रहते है। सुधाकर मराठा अपराध जगत मे हत्या, वसूली के साथ साथ केबल के काम मे उतर गया था।

एस.आर.एस को मंदसौर से चलाता है। उसके बाद इन्दौर के अपराधियों के माध्यम से एसआर केबल से जुड गया जहां पर उसकी मुलाकात संदीप तेल और रोहित सेठी से हुई। इस तरह सुधाकर मराठा की इन्दौर केबल मे एंट्री हुई। जहां पर संदीप तेल और रोहित सेठी के बीच पैसों को लेकर पूर्व से विवाद चल रहा है।
एसआर के कनेक्शन काटे

हत्याकांड में फरार षड्यंत्रकर्ता व एसआर चैनल के मालिक रोहित सेठी को लेकर पुलिस ने चारों तरफ शिकंजा कस दिया है। गुरुवार रात पुलिस आर्बिट मॉल स्थित डाटा सेंटर पर पहुंची और यहां से जुड़े एसआर-मन के प्रदेशभर के 7 लाख से ज्यादा कनेक्शन काट दिए। पुलिस ने चैनल के ऑफिस का ताला तोड़कर ये कार्रवाई की और वहाँ लगे सीसीटीवी कैमरे भी तोड़ दिए। इसके विरोध में देर रात केबल ऑपरेटरों ने विजय नगर थाने का घेराव भी किया।

जानकारी के मुताबिक रात करीब 10 बजे पुलिस टीम ऑर्बिट मॉल को तीसरी मंजिल स्थित ऑफिस पहुंची। पीपी इंटरप्राइजेस के नाम से संचालित इस ऑफिस से इस डाटा सेंटर से एसआर-मप्र चैनल को लाइन दी गई है।

पुलिस ने 7 लाख कनेक्शनों को सप्लाय की जाने वाली लाइन बंद करा दी। लाइन बंद होते ही इंदौर सहित एसआर-मन नामक चैनल के लाखों कनेक्शन बंद हो गए और ऑपरेटरों के फोन घनघनाने लगे! प्रभावित ऑपरटरों में इंदौर के सौ से ज्यादा आपरेटर हैं। बाद में ये सभी विजय नगर थाने पहुंचे और हंगामा करने लगे।

सूचना मिलने के बाद दो सीएसपी के अलावा लसूडिया, परदेशीपुरा तुकोगंज, हीरा नगर, एमजी रोड, एमआईजी थाने के टीआई टीम के साथ मौके पर पहुंचे। ऑपरेटरों का आरोप था कि पुलिस से सांठगांठ कर कब्जा जमाने के लिए किसी ऑपरेटर ने कनेक्शन कटवाए हैं। इस पर अधिकारियों ने कहा कि यह कार्रवाई पुलिस ने की है।

 



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