तो मेरी गिनती भी गोदी पत्रकारों में होगी

मीडिया            Oct 23, 2018


दीपक तिवारी।
अगर अभी चुप रहा तो, शायद इतिहास में, मेरी भी गिनती उन्हीं पत्रकारों में होगी जो सरकार की “गोदी” में बैठकर जनता के हितों को नजर-अंदाज़ करते रहे….

सरकारी खर्च पर लद-कर जिस तरह से शिवराज सिंह और भाजपा चुनावी प्रचार कर रही है उसने सभी लोकतांत्रिक मर्यादाओं और निर्लज्जता की हदें पार कर दी हैं…..

जिस तरह से पिछले सालों के दौरान सरकारी प्रचार व्यवस्था संभाले हुए एजेंसियों ने अघोषित तौर पर आज भाजपा का चुनाव-प्रचार कार्य संभाला है, उसने एक बात साबित कर दी है कि भाजपा और शिवराज सिंह जनता के पैसे और सरकारी खर्च पर ही यह चुनाव लड़ रहे हैं ।

चुनाव के पहले चालू हुई जनआशीर्वाद यात्रा सरकारी खर्च पर चल रही थी। आचार संहिता लगने के बाद जनआशीर्वाद यात्रा बाकायदा चल रही है….मतलब यह चुनावी यात्रा “सरकार” ने पार्टी को गोद दे दी।

आचार संहिता लगने के पहले क्या शिवराज सिंह शासकीय जहाज, हेलीकॉप्टर और सरकारी व्यवस्थाओं का दोहन करते हुए जनआशीर्वाद यात्रा में नहीं जाते थे ?

क्या भाजपा द्वारा चालू किया गया “समृद्ध मध्यप्रदेश” के अभियान के विज्ञापन की टैगलाइन वही नहीं है जो सरकार ने अगस्त के महीने में जारी की थी।

जिस तरह से सरकार ने जनता के टैक्स के पैसे से करोड़ों रुपए खर्च करके “आइडिया में दम है” अभियान चलाया था, उसे ज्यों का त्यों भाजपा ने जारी किया है।

क्या यह सरकारी खर्च पर लद कर चुनाव प्रचार करना नहीं है ?

क्या सरकार के प्रचार का कार्य संभाल रही पब्लीसिटी कंपनिया जो पहले से सरकार से करोड़ों का पेमेंट पा रही थी वही आज फिर से सरकार के लिए अप्रत्यक्ष रूप से काम नहीं कर रही ?

मतलब सीधा सा है कि सरकार ने अपने प्रचार कार्य का भुगतान इन कंपनियों को पहले ही सरकारी खजाने से कर दिया था, अब तो बस यह महज पुराने पेमेंट की अदायगी हो रही है।

मुख्यमंत्री जी कब तक प्रदेश की भोली-भाली जनता को मूर्ख बनाते रहेंगे ?

देख लो...आपके खर्चों के कारण हम लोग पेट्रोल 85 रुपये लीटर खरीदने को अभिशप्त हैं!

लेखक द वीक के मध्यप्रदेश ब्यूरो हैं।

 



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