कावेरी जल विवाद - सर्वोच्च न्यायालय ने तमिलनाडु के पानी में कटौती की

राष्ट्रीय            Feb 16, 2018


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

सर्वोच्च न्यायालय ने कावेरी जल विवाद मामले में शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए कावेरी नदी से तमिलनाडु को होने वाली जल आपूर्ति घटा दी है जबकि कर्नाटक को होने वाली जल आपूर्ति बढ़ा दी है। न्यायालय ने कहा कि कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू के वैश्विक दर्जे को देखते हुए कावेरी नदी से राज्य को अधिक पानी मिलेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने आज 120 साल पुराने कावेरी जल विवाद पर फैसला सुनाते हुए तमिलनाडु की हिस्सेदारी घटा दी है। तमिलनाडु का हिस्सा 192 से 177.25 टीएमसी फीट कर दिया गया है। वहीं कर्नाटक को अब 14.75 टीएसी फिट ज्यादा दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि नदी पर किसी राज्य का अधिकार नहीं है।

इससे पहले चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर व न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़़ की पीठ ने पिछले वर्ष 20 सितम्बर को कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल की तरफ से दायर अपील पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। तीनों राज्यों ने कावेरी जल विवाद अधिकरण (सीडब्ल्यूडीटी) की तरफ से 2007 में जल बंटवारे पर दिए गए फैसले को चुनौती दी थी।

दशकों पुराने कावेरी जल विवाद पर 2007 में सीडब्ल्यूडीटी ने कोवरी बेसिन में जल की उपलब्धता को देखते हुए एकमत से निर्णय दिया था। फैसले में तमिलनाडु को 419 टीएमसीफुट (हजार मिलियन क्यूबिक फुट) पानी आवंटित किया गया, कर्नाटक को 270 टीएमसीफुट, केरल को 30 टीएमसीफुट और पुडुचेरी को सात टीएमसीफुट पानी आवंटित किया गया था। शीर्ष अदालत ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि इसके फैसले के बाद ही कोई पक्ष कावेरी से जुड़े मामले पर गौर कर सकता है।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा फैसला दिए जाने की संभावना को देखते हुए बेंगलुरू में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। बेंगलुरू के पुलिस आयुक्त टी सुनील कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि 15 हजार पुलिसकर्मियों को ड्यूटी पर तैनात किया जाएगा। इसके अलावा कर्नाटक राज्य रिजर्व पुलिस के कर्मी और अन्य सुरक्षा बलों को भी तैनात किया जाएगा। आयुक्त ने कहा, ''विशेष ध्यान संवेदनशील इलाकों पर दिया जाएगा जहां विगत में दंगे हो चुके हैं। कर्नाटक दावा करता रहा है कि कृष्णराज सागर बांध में सिर्फ उतना पानी है जो केवल बेंगलुरू की आवश्यकता को पूरी करता है।



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