जज लोया मौत मामले में विपक्षियों ने बताया कोर्ट के लिये काला दिन

राष्ट्रीय            Apr 19, 2018


मल्हार मीडिया ब्यूरो।
शोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ कांड की जांच करने वाले विशेष जज बी एच लोया की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की वकील प्रशांत भूषण ने कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इसे बेहद गलत फैसला करार दिया।

भूषण ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के लिए यह काला दिन है। उन्होंने कहा इक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जांच की मांग ठुकरा दी लेकिन मामले में ऐसे कई सवाल थे जिनकी जांच कराई जानी चाहिए थी।

प्रशांत भूषण ने कहा कि जस्टिस लोया के परिवार वालों का कहना था कि इस मामले में उन्हें रिश्वत ऑफर की गई थी। साथ ही कहा गया था कि जस्टिस लोया की शर्ट में खून के दाग थे।

जो ईसीजी ली गई थी और इसके बाद जो रिपोर्ट दी गई उससे यह जाहिर नहीं होता कि उन्हें हार्ट अटैक आया था। साथ ही जिन चार जजों ने हार्ट अटैक की बात की थी, उनका कोई बयान एफिडेविट के साथ नहीं लिया गया।

इस मामले में फैसला देने वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने शीर्ष अदालत सहित न्यायाधीशों के खिलाफ आरोप लगाने वाले वकील दुष्यंत दवे, इन्दिरा जयसिंह और प्रशांत भूषण की कोशिश की आलोचना की है।

सुप्रीम कोर्ट ने भूषण के इस तर्क को भी गंभीरता से लिया कि उसके दो न्यायाधीशों न्यायमूर्ति खानविलकर और न्यायमूर्ति चन्द्रचूड़ को इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लेना चाहिए क्योंकि वे महाराष्ट्र से ही आते हैं और इस मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट संबंधित सभी न्यायाधीशों को जानते होंगे।

फैसले पर कांग्रेस की ओर से तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सूरजेवाला ने भारत के इतिहास में यह सबसे मनहूस दिन है।

सुरजेवाला ने कहा, देश के इतिहास में यह सबसे दुखद दिन है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कई खामियां हैं। जस्टिस लोया की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कई गड़बड़ियां थीं, यहां तक कि पीड़ित के नाम भी दर्ज करने में भी गलती हुई है।


गुरुवार को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच ने जस्टिस लोया की मौत के मामले में कहा कि इस मामले में जांच की कोई जरूरत नहीं है। अदालत ने इस मामले में याचिका दायर करने वालों भी आलोचना की और कहा कि उसे बदनाम करने की कोशिश की गई।

 



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