विधानसभा में उठा सवर्ण आरक्षण का मुद्दा,सत्तापक्ष और विपक्ष आमने—सामने

राष्ट्रीय            Feb 20, 2019


मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश विधानसभा में बुधवार को सवर्ण आरक्षण के मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने इस कहा कि केंद्र सरकार ने संविधान संशोधन करके सवर्णों को दस फीसदी आरक्षण लागू किया है। कई राज्य इसे अपना चुके हैं। मध्यप्रदेश में भी इसे लागू किया जाए।

श्री भार्गव ने मुख्यमंत्री से कहा कि इससे आपको पुण्य मिलेगा और राजनीतिक लाभ भी होगा। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसका जवाब देते हुए कहा कि हमारे घोषणा पत्र में गरीबी के आधार पर आरक्षण देने का मुद्दा रखा गया है। इसको लेकर मंत्रिमंडल की उप समिति बना रहे हैं जो इसका क्रियान्वयन और स्वरूप तय करेगी।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सवर्ण आरक्षण मध्यप्रदेश में लागू करने को लेकर स्थगन, ध्यानाकर्षण और प्रश्न लगाए गए हैं। प्रश्न के जवाब में संसदीय कार्यमंत्री ने बताया कि प्रक्रिया विचाराधीन है। गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड सहित अन्य राज्यों ने इसे लागू कर दिया है।

उन्होंने कहा कि इसमें किसी भी वर्ग को प्रभावित किए बगैर आरक्षण दिया गया है। केंद्र ने दस प्रतिशत पद भी बढ़ा दिए हैं। पढ़े-लिखे नौजवानों को नौकरी नहीं मिल रही है। कई आत्महत्या कर चुके हैं। गरीब की कोई जाति, धर्म, पंथ और सम्प्रदाय नहीं होता है।

इसी बीच मुख्यमंत्री भी सदन में आ गए तो नेता प्रतिपक्ष ने उनसे कहा कि मध्यप्रदेश सरकार इसे लागू करे। इससे आपको पुण्य मिलेगा और राजनीतिक लाभ भी होगा।

इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में गरीबी के आधार पर आरक्षण का बिंदु रखा है। इसको लेकर मंत्रिमंडल की उप समिति बनाकर कैसे क्रियान्वयन हो और स्वरूप क्या रखें, तय किया जाएगा। संसदीय कार्यमंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने भी यही बात दोहराई।

डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने इस पर आपत्ति उठाते हुए कहा कि यह भटकाने का षड्यंत्र है और सवर्णों के साथ भेदभाव हो रहा है।

विपक्ष की ओर से आचार संहिता से पहले इसे लागू करने की घोषणा के लिए सत्ता पक्ष पर दबाव बनाया गया, लेकिन जब कोई आश्वासन नहीं मिला तो डॉ. मिश्रा ने कहा कि यह तो भटकाने का षड्यंत्र है।

सवर्ण वर्ग के साथ भेदभाव हो रहा है। दोनों नेताओं ने इस मुद्दे पर चर्चा कराने की बात उठा दी। इस पर विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने कहा कि आप मेरे पास आ जाएं। हम चर्चा कर लेंगे कि इस विषय को किस रूप में लेना है।

मल्हार मीडिया ब्यूरो।

 



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