आयकर छापों के दौरान सीआरपीएफ का आरोप,मध्य प्रदेश पुलिस काम नहीं करने दे रही

राज्य, राष्ट्रीय            Apr 07, 2019


मल्हार मीडिया भोपाल, इंदौर।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के निजी सचिव प्रवीण कक्कड़, भांजे रातुल पुरी, सलाहकार आरके मिगलानी, कक्कड़ के करीबी प्रतीक जोशी और अश्विन शर्मा के ठिकाने खंगाले गए।

अब तक करीब 16 करोड़ रुपए मिलने की बात सामने आई है। शाम को अश्विन शर्मा के घर छापे के दौरान मप्र पुलिस और सीआरपीएफ के बीच टकराव की स्थिति बन गई। सीआरपीएफ का कहना है कि मध्य प्रदेश पुलिस हमें काम नहीं करने दे रही है।

आयकर सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को बताया कि ठोस इनपुट के बाद मध्यप्रदेश के भोपाल-इंदौर, गोवा और दिल्ली में एक साथ देर रात 3 बजे कार्रवाई शुरू की गई।

अमिता ग्रुप और मोजर बियर के दफ्तर भी खंगाले गए। दिल्ली में मिगलानी की दो लग्जरी कारों से डॉलर मिले हैं। मध्यप्रदेश के आयकर अफसरों को कार्रवाई की जानकारी नहीं दी गई थी। दिल्ली की टीम ने मध्यप्रदेश पुलिस की भी मदद नहीं ली। पहली बार सीआरपीएफ को कार्रवाई में शामिल किया गया।

मप्र पुलिस ने कहा- बीमारों को मदद चाहिए थी, सीआरपीएफ बोली- हम अपना कर्तव्य निभा रहे

भोपाल के सिटी एसपी भूपिंदर सिंह ने कहा- हमारा इनकम टैक्स विभाग और छापे से कोई लेना-देना नहीं है। इन लोगों ने छापे के दौरान पूरे कॉम्प्लेक्स को बंद कर रखा है। लेकिन, यह रिहायशी कॉम्प्लेक्स है और यहां ऐसे लोग हैं, जिन्हें स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता है।

कुछ लोगों ने स्थानीय पुलिस से मदद मांगी थी। सीआरपीएफ के अधिकारी प्रदीप कुमार ने कहा- मप्र पुलिस हमें काम नहीं करने दे रही है। वे हमें धमका रहे हैं। हम तो केवल अपने वरिष्ठों के निर्देशों का पालन कर रही है। वरिष्ठों ने हमसे कहा था कि किसी को भी अंदर नहीं आने देना है। अभी प्रक्रिया जारी है इसलिए हम किसी को भीतर नहीं आने दे रहे हैं। हम केवल अपना कर्तव्य कर रहे हैं।

भोपाल में प्लेटिनम प्लाजा की छठी मंजिल पर प्रतीक जोशी और अश्विन शर्मा का आवास है। दोनों ही प्रवीण कक्कड़ के बेहद करीबी माने जाते हैं। यहीं पर दोनों के ऑफिस भी हैं। कक्कड़ के भोपाल में रहने के दौरान दोनों उनसे मिलने आते थे। प्रतीक के घर से बड़ी मात्रा में नकदी जब्त की गई। अश्विन के पास दो दर्जन लग्जरी कारें मिलीं।

आयकर अफसरों ने छापेमारी के लिए इंदौर में एक ट्रैवल एजेंसी से गाड़ियां बुक कीं। प्लानिंग के तहत 15 अफसरों ने रात 3 बजे कक्कड़ के आवास पर दबिश दी। यहां विजय नगर स्थित शोरूम, बीएमसी हाइट्स स्थित ऑफिस, शालीमार टाउनशिप और जलसा गार्डन, भोपाल स्थित आवास पर जांच की गई।


प्रवीण कक्कड़ पूर्व पुलिस अधिकारी हैं। उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया था। 2004 में नौकरी छोड़कर वे कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया के ओएसडी बने। दिसंबर 2018 में कमलनाथ के ओएसडी बन गए। बताया जा रहा है कि नौकरी में रहते हुए उनके खिलाफ कई मामले सामने आए, जिनकी जांच चल रही है। दूसरी ओर, आरके मिगलानी 30 साल से कमलनाथ के साथ जुड़े हैं और उनके सलाहकार हैं। मुख्यमंत्री से लोगों की मुलाकात और उनके अन्य कामों का जिम्मा मिगलानी ही संभालते हैं।

भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट किया, ''मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के निजी सचिव के घर से करोड़ों की काली कमाई बरामद हुई। इससे साफ हो गया कि जो चोर है उसे ही चौकीदार से शिकायत है। कांग्रेस चोर है और इस पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की चुप्पी बताती है कि वह चोरों के सरदार हैं।''

 



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