क्या पार्टियों से इतर कोई महापुरूष इतिहास में हुए ही नहीं?

राजनीति            Feb 12, 2019


दीपक गोस्वामी।
इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, जवाहर लाल नेहरू, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी के अलावा देश में क्या कोई अन्य महापुरुष नहीं हुए?

बात जब सरकारी योजनाओं के नामकरण की होती है तो कांग्रेस और भाजपा सरकारें अपनी विभिन्न सरकारी योजनाओं का नामकरण अधिकांश इन लोगों के नाम पर ही करती हैं।

सिर्फ कांग्रेस और भाजपा ही क्यों क्षेत्रीय दल भी इस मामले में पीछे नहीं हैं।

उदाहरण के लिए बसपा का नाम ले सकते हैं। मायावती की सरकार में हर योजना कांशीराम के नाम से बनती है।

देश में 29 राज्य और 7 केंद्रशासित प्रदेश हैं लेकिन मानो कि इन सभी प्रदेशों में कोई ऐसा व्यक्ति जन्मा ही न हो जिसका स्थानीय विकास में कोई योगदान रहा हो।

सोमवार को ही मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने प्रदेशवासियों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए एक योजना बनाई है, जिसका नाम 'इंदिरा गृह ज्योति योजना' रखा गया है।

इससे पहले प्रदेश में पंद्रह साल तक रही भाजपा सरकार ने धड़ल्ले से दीनदयाल उपाध्याय और श्यामाप्रसाद मुखर्जी के नाम पर योजनाएं बनाई थीं।

लेकिन जब सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस सरकार में आई तो उसने या तो उन योजनाओं को बंद कर दिया या फिर नाम बदल दिया और राजीव और इंदिरा का गुणगान शुरू कर दिया।

अब जब भाजपा वापस सरकार में आयेगी तो वो भी ऐसा ही करेगी।

और नाम बदलने की इस कवायद में जनता के पैसे की फिजूल खर्ची होगी।

सवाल ये भी है कि इंदिरा या राजीव ने मध्य प्रदेश के लिए क्या किया? राजीव ने तो उल्टा एक बदनुमा दाग दिया जहां हजारों जानें भोपाल गैस कांड की भेंट चढ़ गईं और उन्होंने एंडरसन को भगा दिया।

इंदिरा, राजीव, नेहरू, दीनदयाल उपाध्याय या मुखर्जी के इतर भी अनेक शख्सियतों ने प्रदेश के सामाजिक विकास, समरसता, जनजीवन उत्थान के लिए काम किया।

कई ऐसे नाम रहे जो आजादी की लड़ाई लड़े। जो न भाजपा से रहे और न कांग्रेस से। उनके योगदान के नाम पर क्यों योजनाओं का नाम नहीं रखा जा सकता?

अगर ऐसा किया जाये तो सरकारें बदलने पर योजनाओं के नाम बदलने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी और किसी स्थानीय व्यक्ति के नाम पर योजना बनेगी तो स्थानीय जनता भी उससे खुद को जुड़ा पायेगी।

लेकिन अपने-अपने एजेंडे थोपने में ये दोनों ही दल पार्टी के बाहर देख ही नहीं पाते हैं।

नतीजा ये कि जो कांग्रेस आज भाजपा पर आरोप लगा रही है कि उसने 15 साल सत्ता में रहकर सरकारी संस्थाओं और योजनाओं का भगवाकरण किया और अपनी पार्टी का महिमा मंडन किया, इसलिए उन संस्थाओं और योजनाओं पर पुनर्विचार की जरूरत है।

वही कांग्रेस स्वयं संस्थाओं और योजनाओं का कांग्रेसीकरण कर रही है जिसकी बानगी है, 'इंदिरा गृह ज्योति योजना।'

फेसबुक वॉल से।

 



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