मूक-बधिर युवतियों से दुष्कर्म का आरोपी गिरफ्तार, जांच एसआईटी को

राज्य            Aug 11, 2018


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

बिहार के मुजफ्फरपुर और उत्तर प्रदेश के देवरिया के बाद अब मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के एक छात्रावास में मूक-बधिर युवतियों से दुष्कर्म का मामला सामने आया है। यहां के छात्रावास संचालक को युवतियों से दुराचार व अश्लील हरकत के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाया गया है। पुलिस के अनुसार, यह मामला गुरुवार को तब उजागर हुआ, जब धार जिले की एक मूक-बधिर युवती ने परिजनों को इशारों में आपबीती बताई। परिजनों ने धार व इंदौर पुलिस को शिकायत की। इस पर पुलिस ने शून्य पर मामला दर्ज कर भोपाल की अवापुरी थाने के पुलिस को प्रकरण भेजा।

बताया गया है कि अवापुरी में अश्विनी शर्मा मूक-बधिर बालिकाओं के लिए प्रशिक्षण केंद्र चलाता है, जिसे सरकार से अनुदान भी मिलता है। उसका तार्थ नाम से छात्रावास भी है। इस छात्रावास में प्रशिक्षण लेने आने वाली युवतियां के रहने का इंतजाम है।

भोपाल क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) जयदीप प्रसाद ने शुक्रवार को आईएएनएस को बताया, धार की एक और इंदौर की दो युवतियों ने शिकायत दर्ज कराई है, उसी आधार पर छात्रावास संचालक अश्विनी शर्मा पर प्रकरण दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

उन्होंने आगे बताया कि अवधपुरी थाना क्षेत्र के छात्रावास में हुई घटना की जांच एसआईटी करेगी। इसमें पांच सदस्य होंगे। इसका नेतृत्व पुलिस अधीक्षक दक्षिण भोपाल राहुल लोढ़ा करेंगे। वहीं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रश्मि मिश्रा, दिनेश कौशल भी इस दल के सदस्य होंगे।

धार की मूक-बधिर युवती द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, वह भोपाल सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण लेने आई थी। यहां वह सालभर रही, जहां छात्रावास संचालक ने कई बार उसके साथ दुराचार किया।

अवधपुरी छात्रावास की घटना सामने आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिह चौहान ने कहा कि अब सभी आश्रय स्थलों का हर माह निरीक्षण किया जाएगा।

आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री चौहान ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में आश्रय स्थलों का हर महीने निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने निजी संचालकों द्वारा चलाए जा रहे बालिकाओं के छात्रावासों के लिए भी नियम बनाने के निर्देश दिए।

उन्होंने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि ऐसी घटनाओं से मन व्यथित होता है। एनजीओ द्वारा संचालित बालिका छात्रावास का संचालतक पकड़ा गया, जिसने मूक-बधिर युवती से ज्यादती करने की अप्रिय घटना को अंजाम दिया और उसे कड़ी सजा दिलाई जाएगी।

शिवराज ने कहा कि प्रदेश के उन सभी अनुदान प्राप्त, निजी या सरकारी आश्रय स्थलों का हर माह निरीक्षण किया जाएगा, जहां बेटियां रहती हैं। अनुदान प्राप्त संस्थाओं का फिलहाल हर दो महीने में निरीक्षण होता है।

मुख्यमंत्री ने अनाथालयों का भी निरीक्षण करने के निर्देश देते हुए कहा कि केवल संस्था चलाने वालों के भरोसे संचालन का काम नहीं छोड़ा जाएगा। नियमित निरीक्षण किया जाएगा। कई संस्थाएं अच्छे भाव से अनाथालय जैसी संस्थाएं चलाती हैं, लेकिन उनका भी नियमित निरीक्षण जरूरी है।

उन्होंने कहा कि प्राइवेट होस्टल, जहां बाहर से बेटियां पढ़ने आती हैं, उनके लिए भी नियम बनाए जाएंगे। निरंतर निरीक्षण की व्यवस्था की जाएगी। समाज के साथ मिलकर प्रशासन पूरा प्रयास करेगा कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। अपराधी को कड़ी सजा मिलेगी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एस.के. मिश्रा और जनसंपर्क आयुक्त पी. नरहरि भी उपस्थित थे।



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