अमन आकाश।
मैं बिजनेसमैन बनना चाहता हूँ मतीन साहब। अपने पसंद की हर चीज़ खरीदना चाहता हूँ। दोस्ती, वफादारी, मुहब्बत सब बिकते हैं, सब खरीदूंगा।"
नम आंखें, भारी गला, टूटे हुए दिल से एक शख्स किसी से बातें कर रहा है। ये वीडियो आजकल आपको इंस्टा रील्स, व्हाट्सएप स्टेटस में खूब मिल जाएगा।
थोड़ी छानबीन से पता चला यह आदमी पड़ोसी मुल्क़ का शानदार अभिनेता हुमायूं सईद है और ड्रामे का नाम "मेरे पास तुम हो।"
कहानी एक छोटे से परिवार से शुरू होती है। जिसमें दानिश, महविश और उनका क्यूट-सा, 5-6 वर्षीय बेटा रूमी है।
दानिश सरकारी दफ्तर में कारिंदे हैं, महविश होममेकर। दोनों का लव मैरिज है।
पति-पत्नी की मुहब्बत, थोड़ी शिकायतें और महत्त्वाकांक्षाओं के बीच परिवार राजी-ख़ुशी चल रही है। आगे कुछ ऐसा घटता है, जिससे दानिश और महविश की ज़िंदगी ही बदल जाती है।
महत्त्वाकांक्षाओं को पर लग जाते हैं, शिकायतों का पलड़ा भारी होने लगता है, मुहब्बत रिसने लग जाती है।
क्या होता है, कैसे होता है, क्यों होता है ये सब बताकर मज़ा खराब नहीं करुंगा।
इसके लिए आपको देखना होगा "मेरे पास तुम हो.." मैं दावे के साथ कह सकता हूँ बिना रोए आप इसे नहीं देख सकते।
हर अभिनेता ने अपने-अपने किरदारों को शिद्दत से जीया है।
एक समय पर आपको दानिश पर तरस आने लगता है, रूमी से प्यार हो जाएगा, महविश से नफरत हो जाएगी। क्यों?
इन सारे सवालों के जवाब के लिए आपको देखना होगा "मेरे पास तुम हो।"
शुरूआत धीमी है, पर आप एक भी फ्रेम स्किप ना करें। इत्मीनान से देखें। एक-एक डायलॉग सुनें।
पार्श्व संगीत और राहत फतेह अली खान के गाने ने ड्रामे में चार चांद लगाए हैं।
24 एपिसोड और मुश्किल से दस-बारह किरदारों के इर्दगिर्द घूम रहे ड्रामे के संवाद और उनकी अदायगी अंत तक आपका दिल जीत लेगी।
आप अपने देश के सास-बहू, भूत-चुड़ैल, सांप-बिच्छू वाले ड्रामों और अपने अभिनेताओं से तुलना करने लगेंगे। यूट्यूब पर सारे एपिसोड सहज उपलब्ध हैं।
समय निकालिए और धपाक से देख डालिए। जो देख चुके हैं, कमेंट बॉक्स में अपनी राय दे सकते हैं।
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