मल्हार मीडिया ब्यूरो।
नर्इ दिल्ली। सरकार ने ईरान से आयातित कुछ खास किस्म के ग्लास और चीन से आयातित एल्यूमिनियम रेडिएटर पर एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाने का फैसला किया है ताकि घरेलू उद्योगों को सस्ते आयात से बचाया जा सके। क्लियर फ्लोट ग्लास पर 55.59 डॉलर (करीब 3550 रुपये) प्रति टन की दर से एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाई गई है। एल्यूमिनियम रेडिएटर पर 22.89 डॉलर की ड्यूटी लगाने का फैसला किया गया है। वित्त मंत्रलय की अधिसूचना के अनुसार इन दोनों उत्पादों पर एंटी डंपिंग पांच साल के लिए लगाई गई है। क्लियर फ्लोट ग्लास का इस्तेमाल कंस्ट्रक्शन, रेफ्रिजरेशन, आईना और सोलर एनर्जी इंडस्ट्री में होता है।
सरकार ने उत्तर कोरिया, जापान, चीन और यूक्रेन से आयातित कोल्ड रोल्ड स्टील उत्पादों पर एंटी डंपिंग लगाने का फैसला किया है। इससे घरेलू निर्माताओं को सस्ते आयात पर अंकुश लगने से राहत मिलेगी। पिछले सप्ताह सरकार ने 47 हॉट रोल्ड स्टील उत्पादों पर इसी तरह की ड्यूटी लगाई थी। ये उत्पाद चीन, जापान, उत्तर कोरिया, रूस और इंडोनेशिया समेत आधा दर्जन देशों से आयात हो रहे हैं। इन पर आयातित कीमत और 576 डॉलर प्रति टन के निर्धारित मूल्य के बीच अंतर के बराबर ड्यूटी लगेगी।
वाणिज्य मंत्रलय के जांच करने वाले संगठन डायरेक्टर जनरल ऑफ एंटी डंपिंग एंड एलाइड ड्यूटीज (डीजीएडी) ने इन दोनों उत्पादों की अलग-अलग जांच की थी और पाया था कि इन उत्पादों की भारत में डंपिंग की जा रही है और इससे घरेलू उद्योग को स्पष्ट रूप से नुकसान हो रहा है। सेंट-गोबेन इंडिया समेत तीन ग्लास निर्माता कंपनियों ने डंपिंग की जांच करने का आवेदन किया था। दूसरी कंपनियों में असाही इंडिया ग्लास लि. और गुजरात गार्जियन शामिल थीं। गुजरात बोरोसिल लि. भी देश में सबसे अच्छी किस्म का ग्लास बनाती है। इसी तरह बैंको प्रोडक्ट्स (इंडिया) ने एल्यूमिनियम रेडिएटर की चीन से डंपिंग होने का आवेदन किया था।
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