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2019 की परीक्षा की तैयारी लोक लुभावन बजट

बिजनस, राष्ट्रीय            Jan 31, 2017


मल्हार मीडिया ब्यूरो।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने वर्ष 2017-18 के बजट में सभी चीजों के बीच संतुलन साधने की भरपूर कोशिश की है। उन्होंने एक ओर जहां गांव, खेती, किसानी पर जोर दिया है, वहीं भारत को डिजिटल इकोनॉमी में परिवर्तित करने के लिए कई उपाय किये हैं। 2019 के चुनावी समर को नरेंद्र मोदी के लिए बड़ी परीक्षा माना जा रहा है। इस लिहाज से कहा जा सकता है कि सरकार ने लोक लुभावन बजट 2019 के समर को ध्यान में रखकर पेश किया है। ऐसे में आश्चर्यजनक ढंग से अनुसूचित जाति वर्ग के बजट आवंटन को 35 प्रतिशत तक बढ़ाया गया है, ग्रामीण आधारभूत संरचना व मनरेगा का भी बजट आवंटन नरेंद्र मोदी-अरुण जेटली की जोड़ी ने बढ़ाया। नोटबंदी की मार से जूझ रहे वेतनभोगी मध्यवर्ग और छोटे कारोबारियों को राहत देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज ढाई से पांच लाख रुपये तक की सालाना व्यक्तिगत आय वालों पर कर की मौजूदा 10 प्रतिशत दर को घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया।मुख्य रूप से टैक्स बोझ को ढोने वाले नौकरीपेशा वर्ग के लिए मरहम माना जा रहा है।

जेटली ने आज आंकड़ों का उल्लेख कर बताया कि कैसे मुख्य रूप से नौकरीपेशा वर्ग टैक्स बोझ ढोता है। इसके साथ ही 50 करोड़ रुपये तक का वार्षिक कारोबार करने वाली छोटी इकाइयों के लिए कर की दर घटाकर 25 प्रतिशत कर दी, जो पहले 30 प्रतिशत हुआ करती थी। वित्त मंत्री ने हालांकि, 50 लाख से लेकर एक करोड़ रुपये की सालाना कमाई करने वालों पर 10 प्रतिशत अधिभार लगाने का प्रस्ताव किया है तथा एक करोड़ रुपये से अधिक सालाना व्यक्तिगत कमाई करने वालों पर 15 प्रतिशत अधिभार को बरकरार रखा है। बजट में सिगरेट, तंबाकू पान मसाला पर शुल्क भी बढा दिया गया है। जेटली ने आज लोकसभा में 2017-18 का आम बजट पेश करते हुए कालेधन पर नियंत्रण के नए उपाय के तहत तीन लाख रुपये से अधिक के लेनदेन पर पाबंदी लगाने और राजनीतिक दलों पर किसी एक व्यक्ति से 2000 से अधिक नकद चंदा प्राप्त करने पर रोक लगाने की घाषणा की। बजट में डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करने की भी घोषणा की गयी है।


आवास क्षेत्र पर सरकार का जोर

बजट में आवास क्षेत्र को बढावा देने के लिए प्रोत्साहन के कई प्रस्ताव किए गए हैं। वित्त मंत्री ने बजट में कृषि, डेयरी, शिक्षा, कौशल विकास, रेलवे और अन्य बुनियादी ढांचा क्षेत्रों के लिए आवंटन बढाने का प्रस्ताव किया है तथा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की व्यवस्था में सुधार तथा सार्वजनिक उपक्रमों के शेयरों को बाजार में लाने की नयी पहल जैसे कई सुधारवादी कदमों की घोषणा की इस बार घोषणा की।
इस बार आम बजट में रेलवे बजट को भी मिलाया गया है। इस लिहाज से यह एतिहासिक बजट है। इसके साथ ही आमतौर पर फरवरी के अंत में बजट पेश किया जाता है लेकिन इस बार इसे फरवरी माह के शुरू में ही पेश किया गया।

आम आदमी का टैक्स स्लैब
अरुण जेटली ने कहा कि 2.5-5.0 लाख रुपये के आयवर्ग में कर की दर घटाने से इस दायरे में आने वाले सभी करदाताओं को लाभ होगा। इससे छूट सहित उनकी कर देनदारी शून्य रह जाएगी या उसमें 50 प्रतिशत तक कमी आयेगी। प्रत्यक्ष करों में छूट से 15,500 करोड़ रुपये का राजस्व-त्याग होने का अनुमान है जबकि 50 लाख से एक करोड़ रुपये की सालाना आय पर 10 प्रतिशत अधिभार से 2,700 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि कर लाभ के दोहराव को रोकने के लिए निम्नतम आयवर्ग (2.5-5.0 लाख रुपए) में 3.5 लाख रुपए तक की आय वालों को मिलने वाली छूट को कम करके 2,500 रुपये किया जा रहा है। इससे 3 लाख रुपए तक की आय वालों की कर देनदारी शून्य और तीन से 3.5 लाख रुपये सालाना आय वालों की कर देनदारी मात्र 2500 रुपए रहेगी। उन्होंने कहा कि जहां एक ओर पांच लाख रुपये सालाना आय पर कर देनदारी घटकर आधी होने से पांच लाख से ऊपर के अन्य सभी आय वर्ग में आने वाले लोगों को भी 12,500 रुपये का समान लाभ मिलेगा। साठ वर्ष अथवा इससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के मामले में तीन लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं है जबकि 80 वर्ष अथवा इससे अधिक उम्र के बुजुर्गों की पांच लाख रुपये तक की सालाना आय कर मुक्त है।

नयी कर श्रेणियों के मुताबिक 2.5 लाख से पांच लाख रुपये तक की आय पर पांच प्रतिशत, पांच लाख से 10 लाख रुपये तक की आय पर 20 प्रतिशत और 10 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर लगेगा।

कालेधन व राजनीतिक चंदे पर नकेल
वित्त मंत्री ने कालेधन के खिलाफ अपने अभियान को आगे बढाते हुए तीन लाख रुपये अथवा इससे अधिक के नकद लेनदेन पर रोक लगा दी है। इसी प्रकार राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे में पारदर्शिता लाने के लिए 2,000 रुपये से अधिक का कोई भी चंदा केवल चेक अथवा ऑनलाइन लेनदेन के जरिये ही लिया जा सकेगा। राजनीतिक दल अब किसी व्यक्ति से केवल 2,000 रुपये ही नकद चंद ले सकेंगे।


बजट को मोदी ने सराहा, शेयर बाजार ने भी किया स्वागत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बजट को गांवों, किसानों और गरीबों के हित में बताया है। उन्होंने कहा कहा कि बजट में भ्रष्टाचार और कालाधन समाप्त करने के लिए प्रतिबद्धता झलकती है। शेयर बाजार ने भी बजट का स्वागत किया है और बंबई शेयर बाजार का संवेदी सूचकांक आज 480 अंक से अधिक चढकर 28,000 अंक से ऊपर निकल गया।

अप्रत्यक्ष करों में बदलाव नहीं
वित्त मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था में नये नोट डालने का काम तेज हुआ है और जल्दी ही यह संतोषजनक स्तर पर पहुंच जायेगा। उन्होंने कहा कि नोटबंदी का असर अगले साल पर पड़ने की आशंका नहीं है. वित्त मंत्री ने इस बात को ध्यान में रखते हुए कि अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में नयी व्यवस्था वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) जल्द ही लागू होने वाली है, इसलिए उन्होंने बजट में अप्रत्यक्ष करों में कोई छेड़छाड़ नहीं की।

तंबाकू, सोलर पैनल, मोबाइल हो सकते हैं महंगे
वित्तमंत्री ने केवल कुछ बदलाव किये हैं जिनमें तंबाकू उत्पादों, सोलर पैनल और मोबाइल फोन के सर्किट पर उत्पाद एवं सीमा शुल्क में वृद्धि की गयी है। पान मसाला पर उत्पाद शुल्क 6 प्रतिशत से बढाकर 9 प्रतिशत और गैर-विनिर्मित तंबाकू पर 4.2 प्रतिशत से बढाकर 8.3 प्रतिशत कर दिया गया। सिगरेट पर भी उत्पाद शुल्क में वृद्धि की गयी है। मोबाइल फोन महंगा हो सकता है। बजट में मोबाइल फोन में काम आने वाले प्रिटेड सर्किट बोर्ड (पीसीबी) के आयात पर दो प्रतिशत विशेष शुल्क का प्रस्ताव किया गया है।

मैट नहीं होगा खत्म
वित्त मंत्री ने न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) को समाप्त करने की संभावना से इनकार किया है लेकिन उन्होंने मैट क्रेडिट की सुविधा को अगले 10 साल के बजाय 15 साल तक जारी रखने की अनुमति दे दी है।

फसली ऋण सीमा 10 लाख करोड़ की
नोटबंदी के प्रभाव को कम करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में फसली ऋण सीमा के लिए 10 लाख करोड़ रुपये का नया लक्ष्य तय किया है। जबकि फसल बीमा योजना के लिए 9,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने 5,000 करोड़ रुपये के शुरुआती कोष के साथ नाबार्ड के तहत एक सूक्ष्म-सिंचाई परियोजनाओं के लिए प्रतिबद्ध कोष स्थापित किया है।

किस सेक्टर को कितना पैसा मिला

रक्षा बजट 2,74,114 करोड़ रुपये प्रस्तावित किया गया है, इसमें पेंशन शामिल नहीं है।

वर्ष 2017-18 में रेलवे पर कुल पूंजीगत एवं विकास व्यय 1,31,000 करोड़ रुपये प्रस्तावित किया गया है। इसमें से 55,000 करोड़ रुपये सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा।

वर्ष 2016-17 में मनरेगा के अंतर्गत 38,500 करोड़ रुपये के बजटीय प्रावधान को वर्ष 2017-18 में बढ़ाकर 48,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

ग्रामीण, कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के लिए वर्ष 2017-18 में 1,87,233 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 24 फीसदी अधिक है।

बुनियादी अवसंरचना विकास के लिए कुल 3,96,135 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिसमें 2,41,387 करोड़ रुपये रेल, सड़क एवं जहाज़रानी आदि परियोजनाओं पर व्यय किए जाने हैं।



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