मल्हार मीडिया ब्यूरो।
हिमाचल की 59 दवाओं समेत देश की 188 दवाएं मानकों पर खरी नहीं उतरी हैं। इन दवाओं में 44 सोलन जिले में, 13 सिरमौर और एक-एक ऊना और कांगड़ा जिले में बनी हैं। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) और स्टेट ड्रग अथाॅरिटी की ओर से जारी ड्रग अलर्ट में सैंपल फेल पाए गए हैं। जिन दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उनमें एंटी बायोटिक, एंटी डायबटिक, बीपी, पेट दर्द, प्रोस्टेट कैंसर, दर्द निवारक, विटामिन बी-12, कैंसर समेत कई दवाएं शामिल हैं। हिमाचल की 59 दवाएं मानकों पर खरी नहीं उतरीं। इनमें राज्य के ड्रग अलर्ट में 36 और केंद्र के ड्रग अलर्ट में 23 दवाएं शामिल हैं।
इसके अलावा कैंसर और सोरायसिस में इस्तेमाल होने वाली इंजेक्शन के सैंपल भी फेल हुए हैं। मिथोट्रीक्सेट इंजेक्शन-15 जो अगस्त 2026 में एक्सपायर होगा और मुंबई के बीडीएच इंडस्टी लिमिटेड उद्योग में निर्मित है। इसी तरह चीन के शंघाई के बाॅयो फार्मास्यूटिकल उद्योग में निर्मित पेट और स्तन कैंसर की दवा डोसिटैक्सल हाइड्रॉस आईपी का सैंपल फेल पाया गया है। हिमाचल व देश के अन्य राज्यों में निर्मित पैरासिटामोल, विटामिन सी इंजेक्शन, रेबाप्रेजोल, टेलिमिस्ट्रिन, पेंटाप्रोजोल सोडियम इंजेक्शन, एमॉक्सीलिन और पोटाशियम इंजेक्शन सहित अन्य के सैंपल गुणवत्ता मानकों पर सही नहीं पाए गए हैं।
तीन दवाएं नकली
जांच में तीन दवाएं नकली भी निकली हैं। इनमें टैक्सिम-ओ 200 जो साइनस, नाक, गले, कान के संक्रमण में उपयोग होती है और जुलाई 2024 में बनी है। थ्रोमबोफोब दवा जिसे रक्त के थक्के बनने से रोकने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। नकली पाई गई। रोसूवास एफ-10 जिसे कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह भी नकली नकली। इन दवा उद्योगों के नाम फिलहाल अंकित नहीं किए गए हैं।
हिमाचल में बनी 59 दवाओं के सैंपल मानकों पर खरे नहीं उतरे। जुलाई के ड्रग अलर्ट में सैंपल फेल होने वाली 40 फीसदी दवाएं हैं। इन सभी संबंधित उद्योगों को नोटिस जारी किए जाएंगे और बाजार से सभी दवाओं को वापस मंगवाया जाएगा। - मनीष कपूर, राज्य दवा नियंत्रक
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