मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में कांग्रेस के कद्दावर नेता कमलनाथ की तूती बोलती है। पिछले विधानसभा चुनाव में यहां की सभी सातों सीटों पर कांग्रेस का ही झंडा बुलंद रहा था। हालांकि उपचुनाव में छिंदवाड़ा विधानसभा की सीट पर भारतीय जनता पार्टी के बंटी साहू ने तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ को कड़ी टक्कर दी और महज 25 हजार वोटों से भारतीय जनता पार्टी इस विधानसभा सीट को हार गई थी।
इस चुनाव में फिर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के बंटी साहू मैदान में हैं। बंटी साहू दावा करते हैं कि इस बार चुनाव इतना कड़ा है कि वह कमलनाथ को सियासी मैदान में न सिर्फ हराएंगे, बल्कि जिले की सीटों पर भी भाजपा का परचम लहराएंगे।
स्थानीय पत्रकार और सियासी जानकार मधुसूदन पवार कहते हैं कि छिंदवाड़ा में इस बार सियासत थोड़ी बदली हुई है। यहां की सात विधानसभा सीटों में से कुछ विधानसभा सीटें ऐसी हैं जिसमें सियासी तस्वीर अलग-अलग बन रही है।
इसमें अमरवाड़ा आदिवासी बाहुल्य विधानसभा सीट भी शामिल है। यहां पर भारतीय जनता पार्टी ने गोंडवाना पार्टी के पूर्व विधायक की बेटी मोनिका बट्टी को भाजपा में शामिल कर टिकट दे दिया है। मोनिका अखिल भारतीय गोंडवाना पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुकी हैं और आदिवासियों की नेता रही हैं।
इसके अलावा, छिंदवाड़ा की चौरई विधानसभा सीट पर भी कांग्रेस के बागी नेता बंटी पटेल ने निर्दलीय सियासी मैदान में उतरकर सियासत बिगाड़ने की कोशिश की है।
स्थानीय सियासी जानकारों का मानना है कि वैसे तो इस इलाके में कमलनाथ की सियासी पकड़ बहुत मजबूत है, लेकिन कुछ सीटों पर प्रत्याशियों की देरी से घोषणा और कुछ सीटों पर प्रत्याशियों के चयन से स्थितियां कमजोर सी दिख रही हैं।
ऐसे में यह कहना कि छिंदवाड़ा की सभी सातों सीटें इस बार कांग्रेस के लिए उतनी ही आसान है जितनी पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान थी, थोड़ा कठिन है।
छिंदवाड़ा में कमलनाथ के गढ़ में खतरा है। कांग्रेस ने कुछ गलतियाँ की हैं, जिससे उसे नुकसान हो सकता है। हालांकि, कमलनाथ की लोकप्रियता अभी भी कायम है। लेकिन, अगर भाजपा ने अपनी रणनीति सही तरीके से लागू की, तो छिंदवाड़ा में कांग्रेस को कड़ी टक्कर मिल सकती है।
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