मल्हार मीडिया ब्यूरो।
हरियाणा में विधानसभा चुनावों की वोटिंग खत्म होने के बाद एग्जिट पोल के अनुमान सामने आ गए हैं। सभी एग्जिट पोल ने हरियाणा में कांग्रेस राज की वापसी का अनुमान व्यक्त किया है। कांग्रेस राज्य में अपने बूते पर बहुमत हासिल करके सरकार बना रही है। कहीं न कहीं लोकसभा चुनावों में जिस स्थिति का निर्माण हुआ था। कांग्रेस ने वहां से अपनी स्थिति को और मजबूत किया। पोल ऑफ पोल्स में कांग्रेस को 57 सीटें, बीजेपी को 26 और अन्य को आठ सीटें मिलने का अनुमान व्यक्त किया गया है। 2005 में कांग्रेस को 67 सीटों मिली थी। 2009 में कांग्रेस ने 40 सीटें जीती थीं।
एग्जिट पोल में कांग्रेस की वापसी के बाद अब चर्चा शुरू हो गई कि आखिर वक्त पर कांग्रेस में छलांग लगाने वाले अशाेक तंवर को पार्टी कोई बड़ा इनाम देगी? हरियाणा विधानसभा चुनावों तमाम चुनावी मुद्दों के साथ कुमारी सैलजा प्रकरण छाया रहा था, लेकिन प्रचार के अंतिम घंटों में घर वापसी करके बड़ा उलटफेर कर दिया था। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि पार्टी तंवर को तवज्जो दे सकती है, क्योंकि उनकी कांग्रेस में वापसी के ऑपरेशन को केंद्रीय नेतृत्व से अंजाम दिया है। यह भी चर्चा है कि अशोक तंवर को तवज्जो मिलती है तो कांग्रेस के कई नेता पंजाब और महाराष्ट्र में भी घर वापसी कर सकते हैं।
इंडियन यूथ कांग्रेस (IYC) के अध्यक्ष और सिरसा से सांसद रहे तंवर की पिछले दो दिनों में जिस तरह की तस्वीरें सामने आई हैं। उसके बाद चर्चा है कि उन्हें सरकार या फिर संगठन में अहम जिम्मेदारी मिल सकती है। पार्टी उन्हें केंद्रीय संगठन में अहम पद दे सकती है। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि कांग्रेस पार्टी ने तंवर को अंतिम वक्त पर तोड़ बड़ा खेला कर दिया है। इससे बीजेपी द्वारा खड़ा किया जाट बनाम दलित और सैलजा के अपमान का मुद्दा वोटिंग से पहले फुस्स हो गया। अगर एग्जिट पोल के नतीजे परिणामों में तब्दील होते हैं, तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि तंवर डिप्टी सीएम बने नजर आएं, क्यों कांग्रेस पार्टी ने कई राज्यों में दलित डिप्टी सीएम का प्रयोग किया है। तेलंगाना में मल्लू भट्टी विक्रमार्क इसका ताजा उदाहरण हैं, हालांकि इस रेस में पूर्व मंत्री गीता भुक्कल और मौजूद प्रदेश अध्यक्ष उदय भान भी हो सकते हैं।
एग्जिट पोल के मुताबिक अगर हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनती है और पार्टी उसमें अच्छी सोशल इंजीनियरिंग करने में सफल रहती है तो पार्टी को महाराष्ट्र में फायदा मिल सकता है। कांग्रेस में लौटने के बाद भले ही भूपिंदर हुड्डा और तंवर की तस्वीरें सामने नहीं आई है लेकिन वह उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा के साथ काफी गर्मजोशी वाले अंदाज में सामने आए हैं। राहुल गांधी ने मंच पर भूपिंदर हुड्डा और सैलजा के हाथ मिलवाए थे लेकिन इसके बाद सैलजा ने बाद में दिए इंटरव्यू में दिअर्थी बातें कह दी थी। अब देखना है कि बीजेपी के बनाए गए दलित विरोधी नैरेटिव को ध्वस्त करने वाले तंवर को कांग्रेस क्या जिम्मेदारी देती है। अगर पार्टी ने जाट सीएम और दलित सीएम डिप्टी सीएम का दांव खेल दें तो इसमें किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
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