मल्हार मीडिया।
मध्य प्रदेश एटीएस ने कॉल सेंटर की आढ़ में भारतीय सेना की खुफिया जानकारी पाकिस्तानी हैंडलर्स को भेजने वाले रैकेट का पर्दाफाश किया है। एटीएस ने इस सिलसिले में मध्यप्रदेश के 4 शहरों ग्वालियर, सतना, भोपाल और जबलपुर से 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। एमपी एटीएस चीफ संजीव शमी ने बताया कि ग्वालियर, भोपाल और जबलपुर में इन लोगों ने टेलीफोन एक्सचेंज का इस्तेमाल किया। इनमें से छह आरोपियों को दोपहर बाद कोर्ट में पेश किया गया। इन्हें रिमांड पर सौंप दिया गया। बताया जा रहा है कि इस रैकेट में एक भाजपा पार्षद का रिश्तेदार भी शामिल है।
शमी ने बताया, "ग्वालियर से 5, भोपाल से 3, जबलपुर से 3 और सतना से 1 शख्स को अरेस्ट किया गया है।" उन्होंने कहा कि ये लोग इंटरनेट कॉल को सेल्युलर कॉल में ट्रांसफर कर देते थे। इससे पाकिस्तान में बैठे हैंडलर्स की आइडेंटिफिकेशन नहीं हो सकती थी।" आरोपियों द्वारा इस्तेमाल किए गए टेलीफोन एक्सचेंज ग्वालियर, भोपाल और जबलपुर में मिले हैं। ये लोग पैरेलल टेलीफोन एक्सचेंज चलाते थे। एटीएस ने मोबाइल फोन, कई कंपनियों की सिम कार्ड, सिम बॉक्स, लैपटॉप और चाइनीज बॉक्स बरामद किए हैं। आरोपियों पर देशद्रोह और इंडियन टेलीग्राफ एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।"
एटीएस के अनुसार, टेलीफोन एक्सचेंज के जरिए कॉलर की पहचान नहीं हो पाती थी। इनकी जगह फर्जी नाम और पतों से ली गई सिम की आइडेंटिटी दिखाई देती थी। "इन एक्सचेंज के जरिए हवाला और लॉटरी फ्रॉड को अंजाम दिया जा रहा था। साथ ही, पाकिस्तान में बैठे हैंडलर्स भी भारत में अपने लोगों से कॉन्टैक्ट कर रहे थे।" शमी ने कहा, "इस तरह के नेटवर्क दूसरे राज्यों में भी फैले हो सकते हैं। पूरे मामले में टेलिकॉम कंपनियों की मिली-भगत भी सामने आई है।"
एटीएस के मुताबिक, "नवंबर 2016 में जम्मू से सतविंदर और दादू को गिरफ्तार किया गया। सतविंदर पाक हैंडलर्स के कहने पर मिलिट्री इन्फॉर्मेशन इकट्ठा कर रहा था।" सतविंदर पुल, कैम्प, सेंट्रल सिक्युरिटी फोर्सेस की सीक्रेट इन्फॉर्मेशन और तस्वीरें पाक हैंडलर्स को दे रहा था। सतविंदर के अकाउंट में पैसे सतना का बलराम डिपॉजिट करता था। बलराम फेक आईडी की बदौलत कई बैंक अकाउंट हैंडल कर रहा था और पाक हैंडलर्स के कॉन्टैक्ट में था। बलविंदर के अकाउंट में पैसे फेक टेलीफोन एक्सचेंज के जरिए आ रहा था, जो कई-कई जगहों से ऑपरेट किए जा रहे थे।"
एटीएस के अनुसार अरेस्ट किए गए लोगों में जितेंद्र ठाकुर और कुश पंडित नाम के दो व्यक्ति कॉल सेंटर का संचालन करते थे। दोनों मिलकर नौकरी और लॉटरी की आढ़ में इन्फॉर्मेशन एक्चेंज भी करते थे। जितेंद्र ठाकुर ग्वालियर की एक वार्ड पार्षद वंदना सतीश यादव का रिश्तेदार बताया जा रहा है। कुश पंडित और रितेश खुल्लर सहित अन्य संदिग्धों के बारे में पुलिस जानकारी जुटा रही है।
गृह मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने प्रदेश और देश के लिए खतरा बने 11 संदिग्ध जासूस को गिरफ्तार करने पर आतंक निरोधी दस्ता (एटीएस) टीम को बधाई दी है। श्री सिंह ने कहा कि गिरफ्तार किए गए सभी जासूस प्रदेश और देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा थे। इनकी पहचान और गिरफ्तारी कर एटीएस टीम ने प्रशंसनीय कार्य किया है।
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