लोकसभा में मध्यप्रदेश कांग्रेस की इस एकमात्र सीट से चुनावी आगाज करेगी भाजपा

खास खबर            Jan 15, 2024


मल्हार मीडिया भोपाल।

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत मिलने के बाद भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियां शुरू कर दी हैं। पार्टी ने हाल ही में राजधानी भोपाल से 40 किमी दूर सीहोर के एक रिजॉर्ट में लोकसभा चुनाव को लेकर विस्तार से चर्चा की। इस बैठक में सभी 29 लोकसभा सीटों पर कैसे चुनाव लड़ा जाए, इसे लेकर विस्तार से कार्ययोजना तैयार की गई है। राज्य की 28 सीट पर भाजपा का कब्जा है। कांग्रेस की एकमात्र छिंदवाड़ा सीट को जीतने के लिए भाजपा खास रणनीति बनाने में जुट गई है।

छिंदवाड़ा सीट को कांग्रेस की परंपरागत सीट माना जाता है। यहां से पूर्व सीएम और कद्दावर नेता कमलनाथ भी सांसद रह चुके हैं। 2019 के चुनाव में इस सीट से कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ सांसद बने। जानकारों का कहना है कि छिंदवाड़ा में 2014 के लोकसभा चुनाव की तुलना में 2019 में कांग्रेस का वोट शेयर 3.48 फीसदी घटा था। जबकि भाजपा के वोट शेयर में 4.04 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। भाजपा पिछले चुनाव में बढ़े वोट प्रतिशत को देखते हुए इस बार चुनाव के करीब एक से डेढ़ महीने पहले ही यहां अपना प्रत्याशी घोषित करने की तैयारी में है।

सूत्रों की मानें तो छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर भाजपा किसी आदिवासी नेता को उम्मीदवार बना सकती है। इस सीट पर मंडला सांसद और केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते भी प्रत्याशी बनाए जा सकते हैं। कुलस्ते हाल ही में निवास सीट से विधानसभा चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने आदिवासी नेता नत्थन शाह को उतारा था। शाह ने उन्होंने नकुल नाथ को कड़ी टक्कर देते हुए जीत का अंतर कम कर दिया था। छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर अनुसूचित जाति वर्ग के मतदाताओं की संख्या लगभग 167,085 है, जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 11.1 फीसदी हैं। छिंदवाड़ा संसदीय सीट पर अनुसूचित जनजाति वर्ग मतदाताओं की संख्या लगभग 544,907 है, जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 36.2 फीसदी हैं।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद से विदाई होने के बाद राज्य के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान की लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा तेज है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि भाजपा शिवराज को कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा से लोकसभा का टिकट दे सकती है। हाल ही में विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद शिवराज चौहान छिंदवाड़ा भी पहुंचे थे। दरअसल, भाजपा विधानसभा चुनाव में कमलनाथ का किला भेदने में विफल रही है। छिंदवाड़ा के सभी सात सीटों पर भाजपा को मुंह की खानी पड़ी थी।

सूत्रों का कहना है कि भाजपा एमपी में लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से करने की तैयारी कर रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह छिंदवाड़ा के किसी आदिवासी बहुल इलाके से चुनाव प्रचार अभियान का आगाज कर सकते हैं। बीते विधानसभा चुनाव में भी अमित शाह ने चुनाव प्रचार की शुरुआती जनसभा छिंदवाड़ा से ही शुरू की थी। अब लोकसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह छिंदवाड़ा आ सकते हैं।

भाजपा ने 2019 में हारी हुई लोकसभा सीटों पर विशेष ध्यान देने की कार्ययोजना के तहत कई केंद्रीय मंत्रियों को अलग-अलग राज्यों की लोकसभा सीटों की जिम्मेदारी दी है। छिंदवाड़ा लोकसभा सीट की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को दी गई है। सिंह ने विधानसभा चुनाव से पहले कई बार दौरा भी किया। इसके अलावा कार्यकर्ताओं की बैठक भी ली। लेकिन चुनाव में नतीजा कांग्रेस के पक्ष में ही आया। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी खुद इस सीट का विधानसभा चुनाव के दौरान कई बार दौरा कर चुके हैं।

70सालों में एक उपचुनाव जीती पार्टी

भाजपा छिंदवाड़ा लोकसभा में 1951 के बाद से ही जीत के लिए तरस रही है। 1951 से ही इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा है। 1997 में पूर्व सीएम सुंदरलाल पटवा ने एक बार उपचुनाव में जीत हासिल की थी। इसके बाद भाजपा कभी यहां चुनाव नहीं जीत पाई। छिंदवाड़ा में 1980 से कमलनाथ का दौर शुरू हुआ है। वहां से कमलनाथ, उनकी पत्नी और बेटे नकुलनाथ लगातार लोकसभा चुनाव जीत रहे हैं।

कमलनाथ को छिंदवाड़ा में पटखनी देने के लिए भाजपा ने हर कोशिश की लेकिन सब बेकार साबित हुई हैं। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कड़ी टक्कर दी थी। नकुलनाथ को 5,87,305 वोट मिले थे। वहीं, भाजपा उम्मीदवार नत्थन शाह कवरेती को 549769 वोट मिले थे। इस बार जीत का फासला 40 हजार से भी कम वोटों का था। इससे पहले यह मार्जिन एक लाख से अधिक वोटों का रहा है।

 



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