मल्हार मीडिया भोपाल।
तीसरी बार की मोदी सरकार के पहले बजट में मध्यप्रदेश की झोली खाली रही। यह तब है जब मध्यप्रदेश भाजपा के 29 सांसद केंद्र में हैं। इनमें से तीन सांसद केंद्र में कैबीनेट मंत्री दो राज्यमंत्री हैं
आज मंगलवार 23 जुलाई को पेश हुए आम बजट में मध्यप्रदेश को कुछ न कुछ मिलेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मध्यप्रदेश को उम्मीद थी कि सिंहस्थ, केन बेतवा लिंक परियोजना सहित अन्य योजनाओं पर बहुत कुछ मिल सकता है लेकिन राज्य के हिस्से निल बटा शून्य आया।
केंद्र सरकार के आम बजट में मध्यप्रदेश को निराशा ही हाथ लगी है। मप्र के नौकरीपेशा वर्ग की निगाह सबसे ज्यादा जिस चीज पर लगी थी, वो है टैक्स। इस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार किया गया है।
इसके अलावा जीरो से 3 लाख रुपए तक कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा। तीन से 7 लाख रुपए तक 5 प्रतिशत, 7 से 10 लाख रुपए तक 10 फीसदी टैक्स देना होगा। वहीं 10 से 12 फीसदी रुपए तक 15 प्रतिशत, 12 से 15 लाख रुपए तक 20 प्रतिशत और 15 लाख से अधिक वेतन वालों को 30 प्रतिशत टैक्स देना होगा।
केंद्रीय कृषि मंत्री एवं मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मोदी सरकार के बजट पर कहा है कि किसानों के सशक्तिकरण तथा कृषि के आधुनिकीकरण को समर्पित बजट है। वित्त मंत्री जी द्वारा प्रस्तुत बजट कृषि और किसानों के प्रति आदरणीय प्रधानमंत्री मोदीजी की प्रतिबद्धता को प्रस्तुत करता है। किसानों को दीर्घकालिक लाभ देने तथा देश की कृषि को टेक्नॉलॉजी आधारित और केमिकल फ्री बनाने के लिए इस बजट में कई कदम उठाए गए हैं। सरकार ने देशभर के 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने का लक्ष्य रखा है।
चौहान ने कहा कि विकसित भारत के लिए सरकार की पहली प्राथमिकता कृषि में उत्पादकता तथा अनुकूलनीयता है। फसलों के उत्पादन, भंडारण और विपणन को मजबूत बनाना हमारा संकल्प है। खेती के विविधीकरण तथा जलवायु के अनुकूल किस्मों के विकास पर जोर देने के लिए बजट में प्रावधान किए गए हैं। जिसके अंतर्गत कृषि की 32 तथा बागवानी फसलों की 109 नई किस्में जारी की जाएंगी।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बजट में दलहन तथा तिलहन के लिए आत्मनिर्भरता के लिए रोडमैप तैयार किया गया है। 400 जिलों में फसलों का डिजिटल सर्वेक्षण के साथ ही 5 राज्यों में जन समर्थ आधारित किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे। इसके अलावा FPO, सहकारी समितियों और स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा देंगे। केंद्र सरकार की प्राथमिकता किसान का कल्याण तथा कृषि का विकास है।
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ ने इस बजट को दिशाहीन बजट बताया है। कमलनाथ ने कहा है कि केंद्र सरकार का आज पेश हुआ बजट जनता को कोई बुनियादी राहत देने के बजाय झुनझुना पकड़ाने वाला दिख रहा है। रोजगार और आयकर छूट के बारे में जो घोषणाएँ की गई हैं, वह आँख में धूल झोंकने वाली हैं। इनकम टैक्स स्लैब में जो बदलाव किया गया है, वह नाकाफी है और बढ़ती हुई महँगाई के सामने कुछ भी नहीं है।
कमलनाथ ने कहा कि देश के युवा पक्की नौकरी के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं और बेरोज़गारी का स्तर आसमान पर पहुँच गया है, लेकिन केंद्र सरकार ने स्थायी नौकरी के बारे में कोई बात नहीं की। केंद्र सरकार में ख़ाली पड़े पदों को भरने के बारे में भी वित्त मंत्री ने कोई घोषणा नहीं की। सबसे दुखी करने वाली बात यह है कि अन्नदाता किसानों को लेकर सरकार ने बजट में कोई भी सकारात्मक पहल नहीं की है। कहाँ तो 2022 में किसानों की आमदनी दोगुनी की जानी थी और कहाँ 2024 के बजट में भी किसानों को हाशिए पर रखा गया है। इस बजट से आम जनता को निराशा हुई है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आम बजट पर कहा है कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में विकसित भारत का सपना पूरा हो रहा है। मैं माननीय वित्त मंत्री को भी वर्ष 2024-25 के बजट के लिए बधाई देता हूं।
आज जो बजट प्रस्तुत किया गया है, उसमें महंगाई दर को कम करने की भावना परिलक्षित होती है। सरकार की 9 सूत्रीय योजनाएं कृषि उत्पादकता, रोजगार व कौशल प्रशिक्षण, आर्थिक व समावेशी विकास और सामाजिक न्याय पर यह बजट केंद्रित है। विकसित भारत में ही विकसित मध्यप्रदेश की भावना छिपी है, मैं इस बजट के लिए शुभकामनाएं देता हूं।
जीतू पटवारी बोले- डबल झूठ
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी (jitu patwari) ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि मोदी सरकार का पुराना इतिहास बताता है कि ये 2 करोड़ रोज़गार के वादे के साथ सत्ता में आई थी। 4 करोड़ रोजगार यानि दोगुना झूठ, डबल इंजन की, नरेंद्र मोदी की सरकार यानि डबल झूठ
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