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अमेरिका जाना चाहते हैं तो सोशल मीडिया अपडेट्स में बरतें सावधानी

खास खबर            Jan 30, 2017


डॉ.प्रकाश हिंदुस्तानी।
अगर आप निकट भविष्य में अमेरिका जाना चाहते हैं, तो सोशल मीडिया पर सोच-समझकर कमेंट कीजिए। यह नहीं कि जो मन में आया फेसबुक पर पोस्ट कर दिया या ट्विटर पर शेयर कर दिया। ट्रम्प प्रशासन को लगता है कि सोशल मीडिया पर कमेंट्स के जरिए भी लोग गोपनीय सूचनाएं जेहादियों तक पहुंचा रहे हैं। इसी के साथ ही अमेरिकी एयरपोर्ट पर अब वहां के आव्रजन अधिकारी आपके मोबाइल में दर्ज फोन नंबर की जानकारी भी पूछ सकते हैं। आपने जिन-जिन के नाम सेव किए हो, भले ही उन से बात हुई हो या ना हो, उन लोगों के बारे में भी पूछताछ की जा सकती है।

कोर्ट के झटके के बाद ट्रम्प का नया शिगुफा चर्चा में है। डोनाल्ड ट्रम्प चाहते थे कि मुस्लिम देशों से अमेरिका आने वाले लोगों को रोका जाए। इसके लिए प्रशासनिक आदेश जारी होने के बाद जब अमेरिकी कोर्ट ने प्रशासन के आदेश पर आंशिक रोक लगा दी। तब ट्रम्प प्रशासन एक नई व्यवस्था की तैयारी में जुटा है। ट्रम्प प्रशासन के पिछले आदेश का बचाव करते हुए ट्रम्प के एक प्रवक्ता ने कहा कि न्यायालय का आदेश जो भी हो, हम अपने नागरिकों और मतदाताओं के हितों की रक्षा करेंगे और हर वह कदम उठाएंगे, जो हमारे हित में हो।


व्हॉइट हाउस के पॉलिसी डायरेक्टर स्टिफन मिलर ने सीएनएन से कहा है कि ट्रम्प प्रशासन अमेरिकी कस्टम्स, सीमा सुरक्षा, गृह सुरक्षा और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को यह बात बता चुका है कि अमेरिका आने वाले अप्रवासी लोगों के बारे में पूरी तहकीकात की जाए। मिलर का दावा है कि ट्रम्प प्रशासन इस बात पर गंभीरता से विचार कर रहा है कि अब जो भी व्यक्ति अमेरिका की यात्रा करना चाहेगा, उससे एयरपोर्ट पर यह बात पूछी जा सकेगी कि वह सोशल मीडिया पर किस नाम से सक्रिय है, अप्रवासी ने हाल ही में कौन-कौन सी वेबसाइट विजिट की है। यहां तक कि अप्रवासी को अपने मोबाइल में सेव किए गए तमाम कांटेक्ट नंबर भी बताना जरूरी होगा। अगर कोई भी विदेशी व्यक्ति इस तरह की जानकारी देने से मना करेगा, तो उसे अमेरिका में प्रवेश से रोका जा सकेगा।

अभी इस बारे में कोई आदेश जारी नहीं हुआ है और कहा गया है कि यह विचार अभी शुरूआती दौर में है। जेहाद से जुड़े कई लोग अमेरिका की यात्रा पर आते है और वे अपने मोबाइल के माध्यम से सोशल साइट्स के जरिये सूचनाएं साझा करते रहते है। इस नीति पर अमल कैसे होगा और कितना होगा यह अभी तय नहीं है, लेकिन इस तरह की चर्चा साबित करती है कि ट्रम्प प्रशासन के इरादे क्या है? व्हॉइट हाउस की तरफ से यह बात साफ की गई है कि अमेरिका की सुरक्षा के लिए वहां की सरकार कोई भी कसर छोड़ने वाली नहीं है। कोई भी का अर्थ यह है कि वास्तव में किसी भी तरह की ढील का विचार नहीं है।

दिसंबर 2016 से ही अमेरिका में ओबामा प्रशासन ने इस बात को हरी झंडी दे दी थी कि विदेश से आने वाले लोगों से उनके सोशल मीडिया अकाउंट के बारे में पूछा जा सकता है। अनेक लोगों से इस तरह की पूछताछ होती भी रही है, लेकिन अब यह बातें हो रही है कि अमेरिका आने वाला व्यक्ति किन-किन वेबसाइट्स को देखता रहा है और उसके मोबाइल में किस-किस के नंबर सेव है और किस नाम से। भले ही उन नंबरों पर उसने कभी बात की हो या नहीं की हो। ट्रम्प प्रशासन ने अपने पिछले आदेश में सात देशों के लोगों को अमेरिका में घुसने पर 90 दिन के लिए रोक लगा दी थी और शरणार्थियों के प्रवेश को 120 दिनों के लिए रोक दिया था।


ट्रम्प के फैसले का अमेरिका में जिस तरह विरोध हो रहा है, वह ऐतिहासिक है। पिछले जुम्मे यानी 27 जनवरी को ही ट्रम्प ने सात देशों के लोगों के अमेरिका आने पर रोक लगाने का आदेश दिया था, जिसके कारण अमेरिका के हवाई अड्डों पर भारी अफरा-तफरी मच गई थी, क्योंकि नए निर्देश को लेकर बहुत ज्यादा गलतफहमियां थी। अनेक लोगों को इस दौरान एयरपोर्ट पर ही रोककर रखा गया। कुछ लोग, जिनके पास अमेरिका में प्रवेश के लिए वैध वीजा और दूसरे दस्तावेज थे, वे कोर्ट में गए और न्यायालय ने ट्रम्प प्रशासन के आदेश को आंशिक रूप से रोक दिया। ट्रम्प के खिलाफ हुए यह प्रदर्शन अमेरिका के लगभग सभी प्रमुख हवाई अड्डों पर हुए थे। न्यूयॉर्क के ब्रुकलिन की डिस्ट्रिक्ट जज एन. डोनेली ने दो इराकी नागरिकों की याचिका पर इमरजेंसी फैसला सुनाया था। अब डोनाल्ड ट्रम्प सफाई देते फिर रहे है कि उनका फैसला मुसलमानों के खिलाफ नहीं है, बल्कि अमेरिका की सुरक्षा के लिए है।

तो अब यह माना जाए कि अमेरिका में दूसरे देशों से आने वाले लोगों की राह आसान नहीं है। इसका फायदा यह भी होगा कि भारत जैसे देश की बौद्धिक संपदा भारत में ही रहेगी। हो सकता है इससे भारत का ज्यादा भला हो, लेकिन यह बात भी याद रखिए कि अगर निकट भविष्य में अमेरिका की यात्रा करनी है, तो सोशल मीडिया पर अपने कमेंट्स सोच समझकर शेयर कीजिए। हो सकता है अगली अमेरिकी यात्रा के दौरान अमेरिकी आव्रजन अधिकारी आपसे आपके सोशल मीडिया के बारे में पूछे और इसी बात पर आपको अमेरिका में घुसने से रोक दिया जाए कि आपने फेसबुक या ट्विटर पर कोई ऐसी बात लिख दी है, जो ट्रम्प प्रशासन को नागवार गुजरी हो।

 



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