मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश विधानसभा में आज सत्तापक्ष के विधायक ने अपनी ही पार्टी और सरकार को इशारों-इशारों में आड़े हाथों ले लिया। उन्होंने पार्टी पर तो तंज कसा ही, संसदीय कार्यमंत्री को भी नहीं बख्शा।
सागर जिले के देवरी से विधाय ब्रृजबिहारी पटैरिया प्रश्नकाल के दौरान अपना प्रशन पूछ रहे थे लेकिन उन्होंने कहा कि मैं अपनी व्यथा बताना चाहता हूं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा होई हे वही जो राम रचि राखा। साथ ही कहा कि पीछे बंधे हैं हाथ और होठों पर ताले हैं।
भाजपा विधायक का अपनी ही सरकार के खिलाफ यह दर्द देखकर कांग्रेस विधायक भी पटैरिया का समर्थन करने लगे. हालांकि बाद में नगरीय प्रशासन एवं ससंदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के बयान के बाद सदन तालियों से गूंज उठा।
'होई है वही जो राम रचि राखा'
भाजपा विधायक बृजबिहारी पटैरिया ने कहा कि "आज श्रावण शुक्ल पक्ष की सप्तमी है। विश्व के प्रथम कवि बाबा तुलसीदास की आज जन्म जयंती है. मैं बहुत श्रद्धा भाव से उनको स्मरण करता हूं और महाकाव्य रामायण में लिखी उनकी दो पंक्तियों को यहां उद्धरित करता हूं. उन पंक्तियों का अर्थ भी हमारे प्रश्न में संदर्भगत है।"
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का ध्यान आकर्षित करते हुए विधायक पटैरिया ने कहा कि "होई है वही जो राम रचि राखा, को करि तर्क बढ़ावै साखा। तो प्रश्न हमारा जो है तो उसमें होना वही है, वह पहले ही तय हो गया कि क्या होना है, क्या नहीं होना है. इसलिए ज्यादा तर्क-वितर्क करने से कोई लाभ है नहीं। "
दरअसल विधायक बृजबिहारी पटैरिया ने मंत्री विजयवर्गीय से देवरी नगर परिषद के अध्यक्ष, सीएमओ और लेखापाल के द्वारा की जा रही अनियमितताओं के संबंध में शिकायत की थी। लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण वे दुखी थे. पटैरिया ने सदन में कहा कि 22 फरवरी 2024 से पीआईसी भंग है। आज दिनांक तक उसका गठन नहीं हुआ है।
वर्ष 2024-25 और वर्ष 2025-26 आय-व्यय का बजट पारित नहीं हुआ है. 15 में से 12 पार्षद अध्यक्ष के खिलाफ हैं. सभी विकास निर्माण कार्य अवरुद्ध हैं। 2 वर्ष में लगभग 4 सीएमओ बदले गये. आरोपों के बारे में पहले ही कह चुका हूं कि अध्यक्ष दोषी पाए गए हैं।
'मेरे ऊपर पार्टी के अनुशासन का दंड'
विधायक बृजबिहारी पटैरिया ने कहा कि "पार्टी के अनुशासन का दंड भी मेरे ऊपर है। पार्टी लाइन भी है और इतने गूढ़ विषय में मैं और अधिक अंदर नहीं जाना चाहता।" उन्होंने कहा कि "जब मध्य प्रदेश शासन ने जांच करवा ली, आरोपी जांच में दोषी पाए गए. सरकार के लिए माननीय उच्च न्यायालय के निर्देश प्राप्त हैं कि निश्चित समय सीमा के अंदर आपको कार्रवाई करना है फिर भी कार्रवाई लंबित है।"
बृजबिहारी पटैरिया ने कहा कि "पीछे बंधे हैं हाथ, मुंह पर पड़े हैं ताले, किससे कहें, कैसे कहें कि पैर का कांटा निकाल दो." पटैरिया की बात का कांग्रेस विधायकों ने समर्थन किया. पूर्व गृहमंत्री और कांग्रेस विधायक बाला बच्चन के कहा कि आपने 2 पंक्तियों में सब बोल दिया.
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'आपके हाथ खुलने वाले हैं'
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि "इस मामले में नगर परिषद अध्यक्ष के खिलाफ, सीएमओ के खिलाफ, लेखापाल के खिलाफ प्रथम दृष्ट्या आरोप, अनियमितता पाई गई है. हम उनके खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं. उन्होंने 8 दिन का समय मांगा है, हमने दिया है. 8 दिन बाद जो भी कार्रवाई होगी, हम कड़ी से कड़ी सजा देंगे. यह मैं सदन में आपको आश्वस्त करता हूं."
कैलाश विजयवर्गीय ने पटैरिया को जबाव देते हुए कहा कि "पीछे बंधे हैं हाथ, ऊपर लगे हैं ताले, यह डॉ मोहन यादव की सरकार है कि अब आपके हाथ खुलने वाले हैं." इतना कहते ही पूरा सदन तालियों से गूंज गया.
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