मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित माधवराव सप्रे स्मृति समाचारपत्र संग्रहालय एवं शोध संस्थान में कल पुस्तक संस्कृति पर परिचर्चा का आयोजन किया जा रहा है। भारत में पुस्तकालय आंदोलन के जनक डा रंगनाथन का जन्मदिन 12 अगस्त को है। इसे पुस्तकालय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
सप्रे संग्रहालय में 12 अगस्त को पूर्वाह्न 10.30 बजे पुस्तक संस्कृति पर आयोजित परिचर्चा में भोपाल के पुस्तक प्रेमी प्रबुद्धजन जीवन में पुस्तकों का महत्व, पठन-पाठन का संस्कार, उपहार के रूप में पुस्तक भेंट करने की प्रवृत्ति घरों में पुस्तकों को सहेजना और हर कस्बे, मोहल्ले में पुस्तकालय विकसित करना आदि मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे।
यह जानकारी देते हुए परिचर्चा के समन्वयक कमलेश पारे और राकेश दुबे ने बताया कि भारत में स्वतंत्रता संग्राम के दिनों में पुस्तकालयों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। ये वैचारिक आदान-प्रदान के केन्द्र रहे हैं। यह चिंता का विषय है कि समाज में पठन-पाठन की अभिरुचि में कमी आ रही है। टेलीविजन ने जहाँ व्यक्ति को समाज से काटकर घर में समेट दिया था, वहीं सोशल मीडिया ने घर में एक कोने में सीमित कर दिया है। इस तरह व्यक्ति की पारिवारिकता और सामाजिकता दोनों ही खतरे में पड़ गई हैं। यह भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं है।
अध्ययनशीलता में कमी से शब्द भंडार कम होता है, भाषा का संस्कार बिगड़ता है, विचार के प्रवाह में अवरोध होता है और अभिव्यक्ति कमजोर होती है। इन्हीं मुद्दों को ध्यान में रखते हुए सप्रे संग्रहालय यह आयोजन कर रहा है।
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