मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में स्थित कोलार डैम इन दिनों गंभीर खतरे के संकेत दे रहा है. हाल ही में डैम के निचले हिस्से में अचानक रिसाव शुरू हो गया, जिसने ना सिर्फ ग्रामीणों की चिंता बढ़ा दी है बल्कि सरकारी दावों पर भी गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं.
प्रदेश सरकार ने जहां हाल ही में 90 बांधों का सेफ्टी ऑडिट कराने के निर्देश दिए हैं, वहीं जल संसाधन विभाग कोलार डैम का सोशल ऑडिट पूरा होने का दावा कर रहा है. लेकिन जमीन स्थिति इन दावों को झुठलाती नजर आ रही है.
कोलार डैम की कुल स्टोरेज क्षमता 265 एमसीएज है, जो क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण जलस्त्रोत माना जाता है. बावजूद इसके, अधिकारियों का कहना है कि डैम सुरक्षित है और इसकी हेल्थ ठीक बताई जा रही है. लेकिन डैम से बहता हुआ पानी और सामने आई तस्वीरें साफ इशारा कर रहे हैं कि मौजूदा रिसाव सामान्य नहीं है.
विशेषज्ञों के अनुसार, किसी भी बांध में निचले हिस्से से अचानक रिसाव होना संभावित संरचनात्मक कमजोरी का संकेत हो सकता है, जिसे नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है.
ग्रामीणों में इस संभावित खतरे को लेकर भय का माहौल है. डैम के नीचे बसे दर्जनों गांवों में हजारों लोग निवास करते हैं, जो किसी भी दुर्घटना की स्थिति में सीधे प्रभावित होंगे. एक स्थानीय ग्रामीण ने भय जताते हुए कहा कि मैं 40 साल से इस डैम को देख रहा हूं, लेकिन ऐसा रिसाव पहली बार देखा है.
इस बार पानी जिस तरह से रिस रहा है, वह किसी बड़े हादसे का संकेत है. ग्रामीणों का यह भी कहना है कि कभी भी डैम से बाढ़ जैसी स्थिति नहीं बनी, लेकिन इस बार दिखाई दे रहा है कि रिसाव गंभीर खतरे की ओर इशारा करता है.
स्थानीय प्रशासन ने तुरंत मौके पर पहुंचकर स्थिति की गंभीरता को समझने और पारदर्शी जांच करने की मांग कर रहे हैं.
उनका कहना है कि रिसाव को जल्द रोका जाए और डैम की वास्तविक हालत सार्वजनिक की जाए, क्योंकि अभी तक उन्हें सिर्फ डैम सुरक्षित हैं जैसे बयान ही सुनने को मिल रहे हैं.
कोलार डैम पर खतरे का साया गहराता दिख रहा है. बड़ा सवाल यह है कि यह क्या प्रशासन समय रहते स्थिति को गंभीरता से लेगा या फिर किसी हादसे का इंतजार किया जाएगा.
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