महाकाल गर्भगृह में भस्मारती के दौरान गुलाल से भड़की आग, 13 जख्मी

मध्यप्रदेश            Mar 25, 2024


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकाल मंदिर में सोमवार सुबह भीषण आग लग गई। बताया जा रहा है कि आरती के दौरान गुलाल उड़ाने की वजह से आग भड़की। इसमें पुजारी सहित 13 लोग झुलस गए। 


सूचना के अनुसार आग उस समय लगी जब धुलेंडी पर्व मनाने के दौरान रंग और गुलाल उड़ाया जा रहा था। इसी दौरान पुजारी कपूर से महाकाल की आरती भी कर रहे थे। अचानक आग भभकी और ऊपर लगे फ्लैक्स को अपनी चपेट में ले लिया। बताया जाता है कि इसी फ्लेक्स का जलता हुआ हिस्सा नीचे आ गिरा। जिससे आग की चपेट में आकर पुजारी और सेवक झुलस गए। सभी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

घटना की जानकारी लगते ही कलेक्टर नीरज सिंह और एसपी प्रदीप शर्मा अस्पताल पहुंचे। सभी की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। सोर्स बताते हैं कि छह पुजारी और सेवको को उपचार के लिए इंदौर रेफर किया गया है।

घटना के समय मुख्यमंत्री के बेटे बेटी भी थे मौजूद
इस घटना के दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव के बेटे और बेटी भी मंदिर में मौजूद थे। दोनों भस्मारती दर्शन करने गए थे। दोनों सुरक्षित हैं। 

महाकालेश्वर मंदिर के में इतिहास में पहली बार आगजनी की घटना बताई जाती है. पुजारी महेश ने बताया कि मंदिर में होली पर हर्बल रंगों का इस्तेमाल किया जाता है. इस बार केमिकल युक्त रंग और गुलाल सिलेंडर से होली खेली जी रही थी. हादसे पर पंडित और पुरोहित जांच के बाद कार्रवाई की मांग भी कर रहे हैं.

महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में कैसे लगी आग

आगजनी की घटना में पुजारी परिवार के तीन सदस्य घायल हुए हैं, जबकि सेवक और श्रद्धालु भी झुलसे हैं. महाकालेश्वर मंदिर में होली के दौरान गर्भगृह के ऊपरी हिस्से को कपड़े से ढंक दिया जाता है. मकसद गर्भगृह के ऊपर चांदी का श्री यंत्र को रंगों से हिफाजत करनी होती है. महाकालेश्वर मंदिर में होली पर नए इंतजाम किए गए थे. बताया जाता है कि गर्भगृह में कपूर से समय अचानक आग भड़क गई. आग में गंभीर रूप से झुलसे को इंदौर भेजा गया है.

पुरोहितों ने जांच के बाद की कार्रवाई की मांग

महाकालेश्वर मंदिर के प्रमुख पुजारी घनश्याम गुरु ने बताया कि पूर्व में बाबा महाकाल और पुजारी के बीच होली का उत्सव मनाया जाता था. पिछले कुछ वर्षों से भक्त गुलाल और रंग लेकर महाकालेश्वर मंदिर पहुंचने लगे हैं. इसके बाद भक्त और भगवान के बीच होली का पर्व शुरू हो गया.

उन्होंने कहा पहले होली गुलाल और हर्बल रंगों से खेली जाती थी मगर इस बार केमिकल युक्त रंगों का भी प्रयोग किया गया, जिसकी वजह से आज की घटना सामने आई है. पंडित और पुरोहित परिवार ने आगजनी की घटना की निंदा करते हुए जांच की मांग कर ही. उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के मुताबिक आदेश दे दिए गए हैं.


 

 



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