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14 बैठकें होन वाली थीं 5 में ही सिमटा मप्र विधानसभा का मानसून सत्र

मध्यप्रदेश            Jul 06, 2024


मल्हार मीडिया भोपाल।

1 जुलाई से शुरू हुआ मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र शुक्रवार 5 जुलाई को समाप्त हो गया। 19 जुलाई तक चलने वाले सत्र में 14 बैठकें होनी थीं, पर पांच बैठकें ही हो पाईं। इस बीच नौ विधेयक सर्वसम्मति से पारित किए गए।

दो दिन की चर्चा के बाद तीन लाख 65 हजार 67 करोड़ रुपये का वर्ष 2024-25 का प्रदेश का बजट भी पारित किया गया। राज्यपाल की मंजूरी के बाद इस बजट का उपयोग किया किया जा सकेगा। निर्धारित अवधि से पहले अनिश्चितकाल के लिए सत्र स्थगित करने पर विपक्ष ने नाराजगी जाहिर की।

कांग्रेस को मिली पराजय का असर दिखा

विपक्ष के सदस्य राष्ट्रगान के पहले ही सदन से बाहर चले गए। मानसून सत्र की समीक्षा की जाए तो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी पराजय की झलक मध्य प्रदेश विधानसभा की पांच दिन तक चली कार्यवाही में दिखाई दी।

कांगेस जिस नर्सिंग घोटाले पर सरकार को घेरना चाहती थी, उस पर चर्चा का पर्याप्त समय मिला लेकिन फिर भी विपक्ष ने बजट भाषण के दौरान पूरे समय हंगामा किया। ऐसा लग रहा था कि कांग्रेस नेता चुनावी पराजय के बाद विधानसभा में हंगामा कर केंद्रीय नेतृत्व के सामने अपना रिपोर्ट कार्ड सुधारने का प्रयास कर रहे हों।

बजट को लेकर सदन में हुई चर्चा

मानसून सत्र में पहले दिन से ही विपक्ष ने शोर-शराबा किया। बहिगर्मन भी किया। नर्सिंग कॉलेजों में हुए फर्जीवाड़े पर ध्यानाकर्षण में चार घंटे की चर्चा के बाद भी विपक्ष चर्चा कराने पर अड़ा रहा। तीन जुलाई को प्रस्तुत किए गए बजट को लेकर गुरुवार और शुक्रवार को सदन में चर्चा हुई।

इस दौरान में विपक्ष ने कर्ज का बोझ, भ्रष्टाचार, महंगाई, कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेरा। बजट पर चर्चा के लिए दोनों दिन बैठकों का समय बढ़ाया गया। गुरुवार को रात 10 बजे तक सदन चला। उधर, विपक्ष के आक्रामक रुख के बाद भी विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने कभी आपा नहीं खोया।

विपक्ष के सदस्यों को बोलने का दिया अवसर

विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष के सदस्यों को बोलने के लिए पर्याप्त अवसर दिया। विधानसभा, राज्य सभा और लोकसभा का उनका अनुभव विपक्ष को साधने और शांति से सदन को चलाने में काम आया। बजट पर कांग्रेस के हंगामें के बावजूद स्पीकर ने विपक्ष के खिलाफ लाए गए निंदा प्रस्ताव को पारित करने से परहेज किया। जाहिर है वह विधानसभा में जिस पालक की जिम्मेदारी निभा रहे हैं, उसके अनुरूप उन्होंने अपना व्यवहार भी रखा।

 



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