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लाखों लोगों की वृद्धावस्था पेंशन बंद, मंत्री बोले केवाईसी चल रही है

मध्यप्रदेश            Jul 04, 2024


मल्हार मीडिया भोपाल।

मध्यप्रदेश की 16 वीं विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से कांग्रेस विधायक झूमा सोलंकी ने 1 लाख से अधिक बुजुगों की वृद्धावस्था पेंशन न मिलने का मुद्दा उठाया।

अपने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में झूमा सोलंकी ने कहा म.प्र. में एक लाख से अधिक बुजुगों की प्रतिमाह रूपये 600 पेंशन बंद कर दी गई है। जिससे पूरे प्रदेश में गरीबों की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है।

जिनके परिवार का लम्बे समय से पेंशन राशि पर ही गुजारा होता था, इन्हें अपात्र करते हुए आदेश जारी किया गया है कि अब ये बुजुर्ग खुद दोबारा आवेदन करें और साबित करें कि वे पेंशन की पात्रता रखते हैं।

विधायक ने कहा कि यह बताया गया है कि आधार नंबर के मुताबिक जब नाम, आयु लिंग और पते के साथ प्रोफाइल अपडेट की गई तो ये अपात्र हो गए हैं। अभी तक इन्हें आयु की पुष्टि के प्रमाण-पत्र, 60 वर्ष से अधिक आयु, बीपीएल कार्ड और तीन फोटो के आधार पर ही पेंशन मिल जाया करती थी। अब आधार के हिसाब से इन्हें सारे दस्तावेजों के साथ, दोबारा आवेदन करना होगा। 

उन्होंने कहा कि सरकार ने यह दायित्व पेंशन पाने वाले इन बुजुर्गों पर ही डाल दिया गया है। सरकार के पास पर्याप्त संसाधन है यदि वह चाहे तो ग्रामीण इलाके में पंचायत कर्मी और शहरी इलाके में नगरनिगम / नगर पालिका / नगर परिषद का अमला उन बुजुर्गों के पास जाकर आसानी से सत्यापन कर सकता है।

ध्यानाकर्षण में पूछे गए सवालों के जवाब में सामाजिक न्याय मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने कहा कि दिव्यांग, वृद्धा अवस्था, सामाजिक सुरक्षा कल्याणी पेंशन बंद नहीं की गई है। पेंशन हितग्राहियों का पात्रता परीक्षण कर केवाइसी कराई जा रही है। वहीं दूसरी ओर हितग्राहियों को पेंशन सत्यापन के बाद एरियर के साथ मिलेगी। लेकिन तीन विधायक इस बात पर अड़ गए कि सत्यापन का काम चलता रहे। लेकिन वृद्धा अवस्था पेंशन बंद नहीं की जाए। इस बात पर विधायक और मंत्री के बीच पांच मिनट तक सवाल-जवाब होते रहे।

इस पर कांग्रेस विधायक ने कहा यह जो प्रक्रिया अपनायी जा रही है, इसमें ई-केवायसी प्रोफाईल अपडेट करें, इसमें कोई दिक्कत नहीं है. आज का युग कम्प्यूटर युग का जमाना है किन्तु इस दरमियान वृद्धजनों को पूरी तरह से कह दिया जाता है कि आपको पेंशन नहीं मिलेगी, आप अपात्र हो गए हैं तो यह एक तरह से गलत है और यह प्रक्रिया जारी रखें और पेंशन भी जारी रहे, मैं सिर्फ इतना चाहती हूँ कि उनकी पेंशन जारी रहे. वे बहुत वृद्ध और गरीब व्यक्ति हैं और इस तरह से आज के जमाने की कार्यवाही से उनको गुजरना पड़ता है, यह कठिन है।

इस पर मंत्री कुशवाहा ने कहा यह डॉ. मोहन यादव की सरकार है और मध्यप्रदेश में कहीं भी किसी भी गरीब या किसी निःशक्त व्यक्ति के साथ में अन्याय नहीं होगा और सबको न्याय दिलाने के लिए है।

कहीं भी अगर कोई हितग्राही पात्रता रखता है तो 6 माह की पेंशन, 4 माह की पेंशन, वैसे इसमें यह 2 माह अंतराल आया है, ज्यादा नहीं है, उसको पूरा भुगतान किया जाएगा. कहीं किसी की पेंशन रोकने का काम नहीं है। सबको बिल्कुल अच्छे आदर के साथ में उन्हें पेंशन वितरण का काम किया जाएगा।

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि एक सुनिश्चित नीति रहे कि हितग्राहियों को समय पर पेंशन मिले, तो 600 रूपए के लिए एक महिला, एक वृद्धजन, यदि उसे शक्कर खाना पड़े तो उसके लिए उसको 5-5, 6-6 किलोमीटर जाना पड़े, तो उस महिला या वृद्ध के साथ ऐसा संघर्ष क्यो ?

गौरतलब है कि लंबे समय से यह खबरें आ रही हैं कि लंबे समय से बुजुर्गों को मिलने वाली 600 रूपए वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिल पा रही है और ऐसे बुजुर्गों की संख्या 1 लाख से ऊपर बताई जा रही है।

 


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