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राज्यपाल बोले, मप्र विस ने श्रेष्ठ संसदीय परंपराओं को स्थापित किया

मध्यप्रदेश            Mar 10, 2025


मल्हार मीडिया भोपाल।

मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में आज सोमवार 10 मार्च को राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने अभिभाषण के दौरान राज्य सरकार की उपलब्धियों, विकास योजनाओं और भविष्य की कार्ययोजनाओं का खाका प्रस्तुत किया। अपने संबोधन में उन्होंने लोकतंत्र की मजबूती, बुनियादी ढांचे के विस्तार, जल संसाधनों के प्रबंधन, कृषि सुधारों और समाज के विभिन्न वर्गों के उत्थान पर जोर दिया।

राज्यपाल ने कहा कि मध्यप्रदेश विधानसभा ने श्रेष्ठ संसदीय परंपराओं को स्थापित किया है और लोकतंत्र को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में समावेशी विकास की दिशा में केंद्र सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों की सराहना की और कहा कि मध्यप्रदेश ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्रिय योगदान दे रहा है।

राज्यपाल पटेल ने प्रदेश में चल रही महत्वाकांक्षी नदी जोड़ परियोजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि ये परियोजनाएं प्रदेश की तकदीर और तस्वीर बदलने का कार्य करेंगी।

केन-बेतवा परियोजना बुंदेलखंड के 10 जिलों में सिंचाई और पेयजल आपूर्ति को सुदृढ़ करेगी।

पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना से 11 जिलों को लाभ मिलेगा, जिससे राजस्थान को भी फायदा होगा।

ताप्ती-बेसन मेगा रिचार्ज परियोजना मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में संयुक्त रूप से संचालित होगी, जिससे बड़वानी और खंडवा जिलों को सिंचाई का लाभ मिलेगा।

उन्होंने बताया कि गंभीर और कान्हा नदी को जोड़ने की स्वीकृति मिल चुकी है और अन्य नदियों को जोड़ने के लिए तकनीकी परीक्षण शुरू किया जा रहा है।

 चार प्रमुख मिशन: समाज के हर वर्ग का उत्थान

राज्य सरकार ने प्रदेश के विभिन्न वर्गों के कल्याण के लिए चार प्रमुख मिशन शुरू किए हैं:

 युवा शक्ति मिशन – युवाओं के सामाजिक और आर्थिक विकास पर केंद्रित।

गरीब कल्याण मिशन – बहुआयामी गरीबी सूचकांक में सुधार लाने और वंचित वर्गों की आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाने पर जोर।

नारी सशक्तिकरण मिशन – महिलाओं और बालिकाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और आर्थिक स्वतंत्रता के लिए।

किसान कल्याण मिशन – कृषि को लाभकारी व्यवसाय बनाने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए।

किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की योजनाएं

राज्यपाल ने किसानों की भलाई के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों को रेखांकित करते हुए कहा कि अगले तीन वर्षों में 30 लाख सोलर पंप प्रदान किए जाएंगे, जिससे किसानों को बिजली बिल से राहत मिलेगी। सरकार किसानों द्वारा सौर ऊर्जा से उत्पादित बिजली खरीदेगी और उन्हें नगद भुगतान किया जाएगा। इसके अलावा, किसानों को 5 रुपये प्रति यूनिट की दर से स्थायी बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराया जाएगा।

अपने अभिभाषण के अंत में राज्यपाल ने कहा कि सरकार सतत विकास को प्राथमिकता दे रही है और सभी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने विश्वास जताया कि इन प्रयासों से मध्यप्रदेश न केवल आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि देश के विकास में भी अहम योगदान देगा।

 

 


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