मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन जोरदार हंगामा हुआ. सदन में खाद के मुद्दे पर सत्तापक्ष और विपक्ष में तीखी तकरार हुई. नियम 139 के तहत लोकमहत्व के विषय पर चर्चा किसानों को रबी फसल के लिए खाद नही मिलने से उत्पन्न स्थिति के सम्बंध में चर्चा की गई.
चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायकों ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेताओं के संरक्षण में खाद की कालाबाजारी हो रही है. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने दावा किया कि उपचुनाव के दौरान श्योपुर और बुधनी में खाद की आपूर्ति की गई जबकि पूरे प्रदेश के किसानों के हाथ खाली रह गए.
प्रतिपक्ष के विधायकों ने आरोप लगाया कि खाद के लिए लंबी-लंबी कतारें भी सत्ता पक्ष के विधायकों और मंत्रियों को नजर नहीं आई.
चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष ने चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री की गैरमौजूदगी पर आपत्ति जताई. हालांकि कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना आये और ये उन्होंने कहा कि खाद की कहीं कोई कमी नहीं है विपक्ष इस मुद्दे पर सिर्फ राजनीति कर रहा है.
विधायक बाला बच्चन ने कहा कि प्रदेश में खाद की बड़ी किल्लत है. विधानसभा में 1766 में से ज्यादातर खाद से सम्बंधित प्रश्न हैं. जगह-जगह किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. धरना दे रहे हैं, फिर भी किसानों को खाद नही मिल रहा है.
उन्होंने कहा, “माननीय मंत्री बयान देते हैं कि रूस और यूक्रेन की युद्ध की वजह से खाद की किल्लत है, 3 साल युध्द विराम हुए हो गए हैं लेकिन मंत्री जी कहते हैं कि यह विभाग मेरे कार्यक्षेत्र में नही आता है इससे किसान हतोत्साहित होते हैं.”
उन्होंने कहा कि टीकमगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के गांव डुंडा से खाद लेने आई महिला नेहा को मारा गया. भोपाल के बैरसिया में खाद की कालाबाजारी हुई जहां पूरी सरकार बैठी है. दिल्ली और यूपी के कारोबारी ट्रक भर भर कर खाद की कालाबाजारी करते हैं लेकिन सरकार के मंत्री अनर्गल बयान देते हैं.
वहीं पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव ने कहा कि डबल इंजन सरकार की वजह से किसान आंदोलन पर है. अन्नदाता की सुनवाई नहीं है,सालों से हम किसानों की आय को दोगुनी करने के नारे सुन रहे हैं. खाद के लिए लंबी कतारें देखी गयी है,गिड़गिड़ाता किसान नज़र आया है. नकली खाद,महंगा बीज बेचने का षड्यंत्र करने वालों को सत्ता पक्ष के लोगों का संरक्षण है.
वॉकआउट के बाद पूर्व विधायक सचिन यादव ने प्रदेश में खाद की कमी को लेकर सरकार पर साधा निशाना. सचिन यादव ने कहा कि सरकार सच्चाई से कोसो दूर है. सरकार मालूम होने के बाद भी सच्चाई को स्वीकार नही कर रही है. सरकार के मंत्रियों ने झूठे कथन सदन में रखे जो वस्तुस्थिति से कोसो दूर है. उन्होंने खाद संकट दूर करने के बजाय सदन में झूठे तथ्य पेश करने का आरोप लगाया.
सत्तापक्ष के विधायक राजेन्द्र पांडेय ने सदन में खाद की किल्लत पर जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश में खाद की कोई कमी नही है. मध्यप्रदेश में लगातार सिंचित रकबा बढ़ता जा रहा है. दिग्विजय सरकार में सिंचाई के लिए बिजली नही मिलती थी, बिजली आते ही हर मां बाप अपने बेटे को खेत पर भेजता थे, आज कोई जमीन असिंचित नही है.सिंचाई का रकबा बढ़ने से खाद की मांग बढ़ती है.
विपक्ष के आरोपों का मंत्री विश्वास सारंग ने जवाब देते हुए कहा कि पूरे प्रदेश में खाद उपलब्ध है। लगभग 71 लाख टन फर्टिलाइजर हमने स्टोरेज किया, जिसमें से लगभग 60 लाख टन की बिक्री की और अभी 11 लाख टन सोसाइटियों के पास स्टोर है। कहीं कोई दिक्कत नहीं है। विपक्ष द्वारा जबर्दस्ती का माहौल बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा ये वही मध्यप्रदेश है, जब कांग्रेस की सरकार थी तो थानों से खाद बंटती थी। राजगढ़ मंे हथियारों के दायरों में खाद का वितरण होता था। भाजपा और डॉ. मोहन यादव की सरकार में पूरी ईमानदारी से खाद का वितरण हो रहा है किसी किसान को कोई दिक्कत नहीं हो रही है।
श्री सारंग ने कहा कि बहुत ही महत्वपूर्ण विषय पर लगभग 7 घंटे से चर्चा चल रही है। 25 में से प्रतिपक्ष के 5-7 विधायक ही थे जिन्होंने खाद की बात की है। उन्होंने कहा कि बडवानी जिले में विगत वर्ष 85 हजार मीट्रिक टन खाद का विक्रय किया था और अभी जबकि रबी का सीजन पूरा नहीं हुआ है लगभग 92 हजार मीट्रिक टन बड़वानी जिले में वितरित हो चुका है। 10 हजार मीट्रिक टन अभी भी शेष है। इसी प्रकार खरगोन जिले में 1.79 लाख मीट्रिक टन गत वर्ष दिया था। इस वर्ष लगभग 86 लाख मीट्रिक टन हमने वितरित कर दिया है और अभी लगभग 16 हजार मीट्रिक टन रखा हुआ है।
श्री सारंग ने कहा कि वर्ष 2003 में मध्यप्रदेश में 181 लाख हेक्टेयर का कृषि रकबा था। आज हमारी सरकार में वर्ष 2023-24 में 304 लाख हेक्टेयर का कृषि रकबा हो गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2002-03 में तीसरी फसल क्या होती थी, यह कोई जानता नहीं था, कोई सोच नहीं सकता था।
आज 2023-24 में 15 लाख हेक्टेयर से ज्यादा तीसरी फसल का रकबा हमारी सरकार ने उपलब्ध कराया है। वर्ष 2003 मध्यप्रदेश में केवल 7 लाख हेक्टेयर भूमि में सिंचाई होती थी और आज 51 लाख हेक्टेयर में सिंचाई होती है। अभी नदी जोड़ो अभियान के बाद इस देश में मध्यप्रदेश की परिस्थिति और बदलने वाली है।
उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस की सरकार थी तो 18 प्रतिशत पर ऋण मिलता था, हमारी सरकार में अब किसान को जीरो प्रतिशत ब्याज पर ऋण मिलता है. पहले केवल किसान को 1,274 करोड़ रुपये का ऋण मिलता था, आज 19,946 करोड़ रुपये का ऋण हम किसानों को दे रहे हैं।
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