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गलती सुधारने में भी गलती ऐसी भी क्या जल्दी...?

मीडिया            Nov 25, 2015


मल्हार मीडिया ब्रेकिंग के चक्कर में एक बार गलती हो समझ आती है मगर गलती सुधारने में भी गलती हो जाये तो ये हद हो जाती है। ऐसा ही कुछ हुआ है जम्मू हैलीकाप्टर हादसे के मामले में। इस हादसे में मारी गई पायलट की खबर के साथ गलत फोटो लगा दी गई,जिसका खंडन भी आया दुबई निवासी सुमिता की तरफ से लेकिन फिर वही गलती दोहरा दी गई ये हैडिंग लगाकर कि 'मृत' पायलट ने कहा- 'मरी नहीं, जिंदा हूं मैं'। जबकि पूरी खबर में उस महिला ने कहीं नहीं कहा कि वो पायलट है उसने साफ—साफ कहा कि वो एक टीचर है और हवाई जहाज उड़ाने से उसका कोई लेना—देना नहीं। जम्मू के कटरा में पिछले दिनों हुए हेलीकॉप्‍टर हादसे में सात लोगों की मौत की खबर मीडिया में प्रमुखता से आई थी। मृतकों में हेलीकॉप्‍टर की पायलट सुमिता विजयन भी शामिल थीं। मीडिया में इस खबर को प्रमुखता से लगाया गया, लेकिन तस्‍दीक किए बिना लगाए गए 'सुमिता' के फोटो ने इस नाम वाली एक अन्‍य युवती की मुश्किल बढ़ा दी। यहां सोचने वाली बात यह है कि हैडिंग को कैची बनाने और खबर पर सफाई देने के चक्कर में दोबारा ब्लंडर कर दी गई। कुलमिलाकर यह कि खबर सही थी फोटो गलत लगा दिया गया। लेकिन जब फोटो फेसबुक पर सर्च किया गया तो क्या पूर प्रोफाइल नहीं पढ़ा गया। उससे भी बड़ी बात ये कि दूसरों ने भी क्या कॉपी पेस्ट ही किया? दरअसल गलती से, मृत पायलट सुमिता के स्‍थान पर इसी नाम की दुबई में रह रही एक अन्‍य युवती का फोटो लगा दिया गया। बस, फिर क्‍या था इस सुमिता के पास ताबड़तोड़ संदेश पहुंचने शुरू हो गए और अपने भले-चंगे होने की जानकारी देते-देते वह परेशान हो गईं। इस सुमिता ने अपने मरने की खबरों को गलत बताते हुए फेसबुक पर लिखा है कि वह बिल्कुल ठीक हैं। दिलचस्प बात यह कि दोबारा यह लिखा जा रहा है कि मीडिया ने गलती से गलत खबर चलाई थी। अरे साहब बात इतनी सी थी ​कि खबर गलत नहीं थी फोटो गलत लगा दिया गया था। सफाई देने के चक्कर में खबर का और कचरा कर दिया गया। ये वो लिंक है जिसमें गलती को दोहराया गया


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